परिचय
एस्केरिस वॉर्म क्या है?
एस्केरिस वॉर्म एक प्रकार का राउंडवॉर्म है जिसे एस्केरिस ल्यूम्ब्रिकॉयड्स कहा जाता है। यह छोटी आंत को प्रभावित करता है और यहां परजीवी के रुप में जिंदा रहता है। यह होस्ट के इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से पोषक तत्व प्राप्त करता है। यह परजीवी आमतौर पर गंदे स्थानों पर पैदा होता है और दूषित भोजन और पानी का सेवन करने के कारण मनुष्य के आंत में चला जाता है। एस्केरिस वॉर्म आंत में अंडे देता है जो व्यक्ति के मल के जरिए बाहर निकलता है।
एस्केरिस वॉर्म से संक्रमित व्यक्ति जब खेत या फसलों के पास शौच करता है तो यह वहां भी फैल जाता है। जब लोग अनाज को बिना धोए पकाते हैं तो यह नए होस्ट के आंत में प्रवेश कर जाता है और फिर से अपनी संख्या बढ़ाता है। एस्केरिस वॉर्म व्यक्ति की आंत के साथ ही फेफड़ों को भी संक्रमित करता है। अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
कितना सामान्य है एस्केरिस वॉर्म होना?
एस्केरिस वॉर्म इंफेक्शन एक आम समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लाखों लोग एस्केरिस वॉर्म से पीड़ित हैं। यह परजीवी बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : Male urinary incontinence: पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंट क्या है?
लक्षण
एस्केरिस वॉर्म के क्या लक्षण है?
एस्केरिस वॉर्म शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। एस्केरिस वॉर्म से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः फेफड़े और आंत में संक्रमण होता है। यह परजीवी जब आंत को संक्रमित करता है तो इसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- जी मिचलाना और उल्टी
- डायरिया
- आंत ब्लॉक हो जाना
- भूख न लगना
- मल में कीड़े नजर आना
- पेट में बेचैनी और दर्द
- वजन घटना
- भूख न लगना
- बच्चों में कुपोषण
- पेट में सूजन
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से पेट में बहुत तेज ऐंठन और मरोड़ होता है।
एस्केरिस वॉर्म जब फेफड़े को संक्रमित करता है तो इसके कारण ये लक्षण सामने आते हैं :
- बुखार
- सीने में तकलीफ
- गले में कफ
- बलगम में खून आना
- सांस लेने में तकलीफ
- गले में घरघराहट
- एस्पिरेशन निमोनिया
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर एस्केरिस वॉर्म अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। पेट में लगातार मरोड़ और दर्द, जी मिचलाने, डायरिया और भूख न लगने जैसी समस्याएं होने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।
और पढ़ें : Liver Disease : लिवर की बीमारी क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
कारण
एस्केरिस वॉर्म होने के कारण क्या है?
एस्केरिस वॉर्म का संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। जब व्यक्ति एस्केरिस वॉर्म के अंडों से संक्रमित मल या पानी के संपर्क में आता है तो एस्केरिस शरीर में पहुंचकर आंत को संक्रमित कर देता है। इसके अलावा संक्रमित मिट्टी में उपजे अनाजों को अधपका ही खाने से भी शरीर में संक्रमण फैल सकता है। छोटे बच्चे अक्सर गंदगी में खेलते हैं, यदि वे अपनी गंदी उंगलियां अपने मुंह में डालते हैं को उन्हें संक्रमण हो सकता है। दूषित मिट्टी में उगाए गए फलों या सब्जियों को बिना धोए खाने से भी एस्केरिस वॉर्म के अंडे संक्रमण फैला सकते हैं।
और पढ़ें : Roseola: रोग रास्योला?
जोखिम
एस्केरिस वॉर्म के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
अधिकांश मामलों में एस्केरिस वॉर्म के संक्रमण से गंभीर समस्याएं नहीं होती हैं। लेकिन इंफेक्शन जब शरीर के अन्य हिस्सों में फैलकर गंभीर रुप धारण कर लेता है तो आंत ब्लॉक हो सकता है और तेज दर्द के साथ उल्टी हो सकती है। इसके अलावा एस्केरिस वॉर्म लिवर और पैंक्रियाज को भी ब्लॉक कर सकता है। इसके अलावा शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिससे भूख नहीं लगती है और बच्चों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइल और कुपोषण की समस्या हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में डायरिया होने पर आजमाएं ये घरेलू नुस्खे
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
एस्केरिस वॉर्म का निदान कैसे किया जाता है?
एस्केरिस वॉर्म का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- स्टूल टेस्ट– मल का सैंपल लेकर डॉक्टर सूक्ष्म अंडों और लार्वा का परीक्षण करते हैं एस्केरिस वॉर्म का पता लगाते हैं।
- ब्लड टेस्ट– रक्त का सैंपल लेकर इसमें सफेद रक्त कोशिका यानी इओसिनोफिल की जांच की जाती है।
- एक्सरे-संक्रमित व्यक्ति के पेट का एक्सरे करने पर कृमि बहुत आसानी से नजर आ जाते हैं। कुछ मामलों में फेफड़े में लार्वा का पता लगाने के लिए छाती का एक्सरे भी किया जाता है।
- अल्ट्रासाउंड- इससे पैंक्रियाज और लिवर में गोलकृमि की उपस्थिति का पता लगाया जाता है।
- सीटी स्कैन- एक्सरे का प्रयोग करके कई एंगल से आंतरिक अंगों का इमेज लिया जाता है और एस्केरिस वॉर्म का पता लगाया जाता है।
कुछ मरीजों में एमआरआई के द्वारा एस्केरिस वॉर्म का पता लगाया जाता है। इसमें रेडियो वेब और मैग्नेटिक फील्ड का प्रयोग करके शरीर के अंदर गोलकृमि के संक्रमण की जांच की जाती है।
एस्केरिस वॉर्म का इलाज कैसे होता है?
एस्केरिस वॉर्म के संक्रमण को इलाज से ठीक किया जा सकता है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में एस्केरिस वॉर्म के असर को कम किया जाता है। एस्केरिस वॉर्म के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- एस्केरिस वॉर्म के संक्रमण को कम करने के लिए डॉक्टर एंटी-पैरासिटिक दवाएं जैसे एल्बेंडाजोल, आइवरमेक्टिन, मेबेंडाजोल का सेवन करने के लिए कहते हैं।
इसके अलावा कुछ मरीजों में एस्केरिस वॉर्म के गंभीर संक्रमण को दूर करने के लिए डॉक्टर सर्जरी करते हैं। सर्जरी करके कृमि को बाहर निकाल दिया जाता है और डैमेज अंगों को रिपेयर किया जाता है। राउंडवॉर्म द्वारा आंत पूरी तरह ब्लॉक करने के बाद मरीज को सर्जरी का विकल्प दिया जाता है।
और पढ़ें : diarrhea: डायरिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे एस्केरिस वॉर्म को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको एस्केरिस वॉर्म इंफेक्शन है तो आपके डॉक्टर पानी को फिल्टर करके और उबाल कर पीने के लिए बताएंगे। इसके साथ ही फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर और अनाज को पूरी तरह पकाकर खाना चाहिए। बाथरुम का इस्तेमाल करने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए और साफ बर्तन में भोजन करना चाहिए। एस्केरिस वॉर्म के संक्रमण से बचने के लिए दूषित और गंदी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। इसके अलावा एस्केरिस वॉर्म को नष्ट करने के लिए निम्न घरेलू फूड का इस्तेमाल करना चाहिए:
- लहसुन
- वर्मवुड
- कद्दू के बीज
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
और पढ़ें:
[embed-health-tool-bmr]