के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
लेवी बॉडी डेमेंशिया को डेमेंशिया विद लेवी बॉडी (Dementia with Lewy bodies) के नाम से भी जाना जाता है। अल्जाइमर रोग मनोभ्रंश के बाद यह प्रोग्रेसिल डेमेंशिया का दूसरा सबसे सामान्य प्रकार है। लेवी बॉडी डेमेंशिया में धीरे-धीरे मानसिक दक्षत्ता कम होने लगती है। लेबी बॉडी डेमेंशिया से पीढ़ित लोगों को आंखों के सामने भ्रम का अनुभव होने लगता है। इस बीमारी से पीढ़ित लोगों की सतर्कता और ध्यान में परिवर्तन आ जाता है। इसके अन्य प्रभाव में पार्किंसन जैसे रोग के लक्षण जैसे मांसपेशियों में कसाव, धीमा मूवमेंट और कंपकंपी का अनुभव होता है।
लेवी बॉडी डेमेंशिया एक सामान्य समस्या है। यह बीमारी डीजेनेरेटिव डेमेंशिया एलबीडी अल्जाइमर रोग (एडी) से ज्यादा सामान्य है। यदि आप लेवी बॉडी डेमेंशिया को लेकर चिंतित हैं तो इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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लेवी बॉडी डेमेंशिया के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी लेवी बॉडी डेमेंशिया के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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यदि उपरोक्त लक्षणों का अनुभव होता है या आपके मन में कुछ सवाल हैं तो आप डॉक्टर से सलाह लें। हर बीमारी में प्रत्येक व्यक्ति का शरीर अलग ढंग से प्रतिक्रिया देता है। स्थिति की बेहतर जानकारी के लिए उचित होगा कि आप डॉक्टर से सलाह लें।
मस्तिष्क की कोशिकाओं के भीतर प्रोटीन का जमाव होने से लेवी बॉडी डेमेंशिया होता है। प्रोटीन के इस असामान्य जमाव को लेवी बॉडी कहा जाता है। प्रोटीन का यह जमाव पार्किंसन रोग में भी पाया जाता है। यह दिमाग के उस हिस्से में इक्कट्ठा होता है, जो सोचने, मांसपेशियों के मूवमेंट और दृश्यों का अंदाजा लगाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि मस्तिष्क की कोशिकाओं में प्रोटीन का जमाव कैसे विकसित होता है और यह मस्तिष्क को कैसे नुकसान पहुंचाता है।हालांकि, ऐसा माना जाता है कि यह प्रोटीन दिमाग के बीच मस्तिष्क कोशिकाओं को संकेत भेजने के कार्य में हस्तक्षेप करता है। आमतौर पर लेवी बॉडी डेमेंशिया उन लोगों में पाया जाता है, जिनके परिवार में इसकी मेडिकल हिस्ट्री पहले से रही हो । हालांकि, वंशानुगत लेवी बॉडी डेमेंशिया के काफी दुर्लभ मामले सामने आते हैं।
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निम्नलिखित कारकों से लेवी बॉडी डेमेंशिया का जोखिम बढ़ता है:
कुछ अध्ययनों में डिप्रेशन का संबंध लेवी बॉडी डेमेंशिया से पाया गया है।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
लेवी बॉडी डेमेंशिया का सिर्फ एक टेस्ट से पता नहीं लगाया जा सकता।
निम्नलिखित तरीकों से लेवी बॉडी डेमेंशिया का निदान किया जाता है:
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मौजूदा वक्त में लेवी बॉडी डेमेंशिया का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है या न ही ऐसी उपचार मौजूद है, जो इसकी गति को धीमा करे।
लेकिन कुछ ऐसे इलाज उपलब्ध हैं, जो कुछ लक्षणों को कुछ वर्षों तक नियंत्रित कर सकते हैं। यह ट्रीटमेंट निम्नलिखित हैं:
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निम्नलिखित जीवन शैली और घरेलू उपायों को अपनाकर आप लेवी बॉडी डेमेंशिया से लड़ सकते हैं:
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देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए सुझाव या टिप्स
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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