backup og meta

Lewy Body Dementia: लेवी बॉडी डेमेंशिया क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/12/2021

Lewy Body Dementia: लेवी बॉडी डेमेंशिया क्या है?

परिचय

लेवी बॉडी डेमेंशिया (Lewy body dementia) क्या है?

लेवी बॉडी डेमेंशिया को डेमेंशिया विद लेवी बॉडी (Dementia with Lewy bodies) के नाम से भी जाना जाता है। अल्जाइमर रोग मनोभ्रंश के बाद यह प्रोग्रेसिल डेमेंशिया का दूसरा सबसे सामान्य प्रकार है। लेवी बॉडी डेमेंशिया में धीरे-धीरे मानसिक दक्षत्ता कम होने लगती है। लेबी बॉडी डेमेंशिया से पीढ़ित लोगों को आंखों के सामने भ्रम का अनुभव होने लगता है। इस बीमारी से पीढ़ित लोगों की सतर्कता और ध्यान में परिवर्तन आ जाता है। इसके अन्य प्रभाव में पार्किंसन जैसे रोग के लक्षण जैसे मांसपेशियों में कसाव, धीमा मूवमेंट और कंपकंपी का अनुभव होता है।

लेवी बॉडी डेमेंशिया (Lewy body dementia) कितना सामान्य है?

लेवी बॉडी डेमेंशिया एक सामान्य समस्या है। यह बीमारी डीजेनेरेटिव डेमेंशिया एलबीडी अल्जाइमर रोग (एडी) से ज्यादा सामान्य है। यदि आप लेवी बॉडी डेमेंशिया को लेकर चिंतित हैं तो इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

और पढ़ें : किडनी रोग होने पर दिखते हैं ये लक्षण, ऐसे करें बचाव

लक्षण

लेवी बॉडी डेमेंशिया के क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Lewy body dementia)

लेवी बॉडी डेमेंशिया के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • आंखों के सामने भ्रम पैदा होना: लेवी बॉडी डेमेंशिया में सबसे पहला लक्षण आंखों के सामने भ्रम पैदा होना हो सकता है। अक्सर यह स्थिति दोबारा पैदा होती है। इसमें आपको आकृतियां, जानवर या ऐसे लोग नजर आ सकते हैं, जो वहां मौजूद नही हैं। किसी की आवाज सुनाई देना, खुशबु या स्पर्श जैसे भ्रम हो सकते हैं।
  • मूवमेंट की समस्या: पार्किंसन रोग में धीमा मूवमेंट, मांसपेशियों में कसाव, कंपकंपी या ठीक से न चल पाना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। यह लक्षण पार्किंसन रोग में नजर आते हैं, जो लेवी बॉडी डेमेंशिया में भी दिखते हैं।
  • ऑटोमेटिक नर्वस सिस्टम: ब्लड प्रेशर, पल्स, पसीना और पाचन तंत्र को तंत्रिका तंत्र नियमित करता है। अक्सर यह कार्य लेवी बॉडी डेमेंशिया से प्रभावित हो जाते हैं। इससे आपको चक्कर, गिरना और बाउल की समस्या जैसे कब्ज हो सकता है।
  • सीखने की समस्या: अल्जाइमर रोग में भ्रम, ध्यान न लगा पाना, याद्दाश्त में कमी जैसे लक्षण नजर आते हैं। यही लक्षण आपको लेवी बॉडी डेमेंशिया में भी नजर आ सकते हैं। इससे आपको सीखने में समस्या आ सकती है।
  • नींद में समस्या: आपकी रेपिड आई मूवमेंट (REM) नींद की समस्या हो सकती है। इससे आप सोते वक्त सपनों की चीजों को शारीरिक रूप से दोहरा सकते हैं।
  • ध्यान में अस्थिरता: उनींदापन में खोए रहना, लंबे वक्त तक आसमान में देखना, दिन के दौरान लंबे वक्त तक झपकी लेना या अव्यवस्थित भाषा का इस्तेमाल संभव है। यह लक्षण लेवी बॉडी डेमेंशिया में नजर आते हैं।
  • इस बीमारी के दौरान आपको कई बार डिप्रेशन का अनुभव हो सकता है।
  • आपके भीतर प्रेरणा खत्म हो सकती है।

उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी लेवी बॉडी डेमेंशिया के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

और पढ़ें : जानिए क्या होता है स्लीप म्यूजिक (Sleep Music) और इसके फायदे

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि उपरोक्त लक्षणों का अनुभव होता है या आपके मन में कुछ सवाल हैं तो आप डॉक्टर से सलाह लें। हर बीमारी में प्रत्येक व्यक्ति का शरीर अलग ढंग से प्रतिक्रिया देता है। स्थिति की बेहतर जानकारी के लिए उचित होगा कि आप डॉक्टर से सलाह लें।

कारण

लेवी बॉडी डेमेंशिया का क्या कारण है? (Cause of Lewy body dementia)

मस्तिष्क की कोशिकाओं के भीतर प्रोटीन का जमाव होने से लेवी बॉडी डेमेंशिया होता है। प्रोटीन के इस असामान्य जमाव को लेवी बॉडी कहा जाता है। प्रोटीन का यह जमाव पार्किंसन रोग में भी पाया जाता है। यह दिमाग के उस हिस्से में इक्कट्ठा होता है, जो सोचने, मांसपेशियों के मूवमेंट और दृश्यों का अंदाजा लगाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि मस्तिष्क की कोशिकाओं में प्रोटीन का जमाव कैसे विकसित होता है और यह मस्तिष्क को कैसे नुकसान पहुंचाता है।हालांकि, ऐसा माना जाता है कि यह प्रोटीन दिमाग के बीच मस्तिष्क कोशिकाओं को संकेत भेजने के कार्य में हस्तक्षेप करता है। आमतौर पर लेवी बॉडी डेमेंशिया उन लोगों में पाया जाता है, जिनके परिवार में इसकी मेडिकल हिस्ट्री पहले से रही हो । हालांकि, वंशानुगत लेवी बॉडी डेमेंशिया के काफी दुर्लभ मामले सामने आते हैं।

और पढ़ें : प्रेग्नेंसी के समय खाएं ये चीजें, प्रोटीन की नहीं होगी कमी

जोखिम

किन कारकों से लेवी बॉडी डेमेंशिया का जोखिम बढ़ता है? (Risk factor of Lewy body dementia)

निम्नलिखित कारकों से लेवी बॉडी डेमेंशिया का जोखिम बढ़ता है:

  • 60 वर्ष से अधिक आयु
  • पुरुष होना
  • परिवार में लेवी बॉडी डेमेंशिया या पार्किंसस रोग की मेडिकल हिस्ट्री

कुछ अध्ययनों में डिप्रेशन का संबंध लेवी बॉडी डेमेंशिया से पाया गया है।

और पढ़ें : महिलाओं में डिप्रेशन क्यों होता है, जानिए कारण और लक्षण

उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

लेवी बॉडी डेमेंशिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Lewy body dementia)

लेवी बॉडी डेमेंशिया का सिर्फ एक टेस्ट से पता नहीं लगाया जा सकता।

निम्नलिखित तरीकों से लेवी बॉडी डेमेंशिया का निदान किया जाता है:

  • लक्षणों का एक आंकलन- उदाहरण के लिए क्या लेवी बॉडी के साथ डेमेंशिया के लक्षण हैं। इसका आंकलन किया जाता है।
  • मानसिक दक्षत्ताओं का एक आंकलन- इस टेस्ट में कई टास्क दिए जाने के साथ सवाल पूछे जाते हैं।
  • ब्लड टेस्ट से इस प्रकार के समान लक्षणों का पता लगाया जाता है।
  • ब्रेन स्कैन जैसे एमआरआई, सीटी स्कैन या एक सिंगल फोटोन एमिशन कंप्युटेड टोमोग्राफी (single photon-emission computed tomography (SPECT)) डोपामाइन ट्रांसपोर्टर स्कैन किया जाता है। यह टेस्ट डेमेंशिया के लक्षणों का पता लगा सकते हैं या दिमाग में अन्य समस्या को चिन्हित कर सकते हैं।

और पढ़ें : आइंस्टीन के जितना स्मार्ट बनाना है अपना ब्रेन, तो इस्तेमाल करें ये 5 औषधियां

लेवी बॉडी डेमेंशिया का उपचार कैसे किया जाता है? (Lewy body dementia treatment)

मौजूदा वक्त में लेवी बॉडी डेमेंशिया का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है या न ही ऐसी उपचार मौजूद है, जो इसकी गति को धीमा करे।

लेकिन कुछ ऐसे इलाज उपलब्ध हैं, जो कुछ लक्षणों को कुछ वर्षों तक नियंत्रित कर सकते हैं। यह ट्रीटमेंट निम्नलिखित हैं:

  • मतिभ्रम, कनफ्यूजन, सुस्ती, मूवमेंट की समस्या और नींद में खलल को कम करने वाली दवाइयां।
  • साइकोथेरेपी जैसे ओक्युपेशनल थेरेपी और स्पीच और भाषा थेरेपी, जो मूवमेंट, प्रतिदिन के कार्य और बातचीत को सुधार सकती हैं।
  • मनोवैज्ञानिक थेरिपी जैसे संज्ञानात्मकता (ऐसे कार्य और एक्सरसाइज जो याद्दाश्त को सुधारने, समस्या सुलझाने के कौशल और भाषा की योग्यता को सुधारते हैं)को प्रोत्साहित करना
  • डेमेंशिया एक्टिविटी जैसे मेमोरी कैफे (याद्दाश्त की समस्या वाले लोगों के लिए ड्रॉप इन सेशन और उनके भविष्य के लिए सहायता और सलाह देना)

और पढ़ें : बार-बार बीमार पड़ना हो सकता है लो इम्यूनिटी का संकेत, ऐसे बढ़ाएं इम्यून पावर

घरेलू उपाय

जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे लेवी बॉडी डेमेंशिया को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित जीवन शैली और घरेलू उपायों को अपनाकर आप लेवी बॉडी डेमेंशिया से लड़ सकते हैं:

  • जरूरत पड़ने पर दोस्तों या परिवार के सदस्यों से मदद मांगना। लेवी बॉडी डेमेंशिया से पीढ़ित लोगों को इन-होम हेल्थ सर्विस पर विचार करना चाहिए। सामान्य भाषा में घर पर ही हेल्त सर्विस लें।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और हेल्दी डायट लेना।
  • बीमारी के बारे में जितना संभव हो उतना जानें। डॉक्टर, सोशल वर्कर और देखभाल टीम के अन्य सदस्यों से सवाल पूछें।
  • सपोर्ट ग्रुप ज्वॉइन करें।
  • यदि आप लेवी बॉडी डेमेंशिया से पीढ़ित किसी व्यक्ति की देखभाल करते हैं तो उस पर करीब से निगाह रखें। यह सुनिश्चित करें कि वह गिरे नहीं, होश न खो बैठे या दवाइयों के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया न दे। कनफ्यूजन या भ्रम पैदा होने के दौरान उसे भरोसा जरूर दिलाएं।

और पढ़ें : एक्सरसाइज के बारे में ये फैक्ट्स पढ़कर कल से ही शुरू कर देंगे कसरत

देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए सुझाव या टिप्स

  • स्पष्ट और साधारण बात करें: लेवी बॉडी डेमेंशिया से पीढ़ित व्यक्ति के साथ बात करते वक्त आंख से आंख मिलाकर बात करें साथ ही धीरे बात करें। साधारण वाक्यों का इस्तेमाल करें। स्पष्ट जवाब दें। एक समय में एक ही निर्देश या आइडिया दें। संकेतों और इशारों का इस्तेमाल करें जैसे वस्तु की तरफ इशारा करना।
  • एक्सरसाइज के लिए प्रोत्साहित करें: एक्सरसाइज शारीरिक, व्यवहारिक कार्य और डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार करती है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि एक्सरसाइज डेमेंशिया में संज्ञानात्मकता को कम होने से धीमा कर देते हैं।
  • मानसिक प्रोत्साहन प्रदान करें: खेलों में हिस्सा लेना, क्रॉसवर्ड पजल्स और अन्य प्रकार की खेल जिसमें सोचने का कौशल शामिल होता है, यह लेवी बॉडी डेमेंशिया से पीढ़ित लोगों में संज्ञानात्मकता को कम कर देते हैं।
  • रात के वक्त अच्छी चीजों को स्थापित करें। व्यवहार से संबंधित समस्याएं रात के वक्त काफी बदतर हो जाती हैं। रात में भटकाव को रोकने के लिए लाइटें न बुझाएं।

इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. पूजा दाफळ

· Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/12/2021

advertisement iconadvertisement

Was this article helpful?

advertisement iconadvertisement
advertisement iconadvertisement