परिचय
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस (Obstructive Jaundice) क्या है?
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस (Obstructive Jaundice) एक ऐसी अवस्था है जिसमें लिवर के बाहर पित्त के बहाव में रुकावट होती है। इससे खून में अतिरिक्त पित्त निर्माण होता है और शरीर से पित्त का उत्सर्जन भी बाधित होता है। पित्त में कई उप-उत्पाद होते हैं, जिनमें से एक बिलीरुबिन है, जो मृत लाल रक्त कोशिकाओं से बनता है। बिलीरुबिन पीले रंग का होता है। इसकी वजह से त्वचा, आंखों और श्लेष्म झिल्ली का रंग भी पीला पड़ जाता है, जिसे आमतौर पर पीलिया कहा जाता है। ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस पीलिया का ही एक प्रकार है।
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कितना सामान्य है ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस?
ऑब्सट्रक्टिव पीलिया का सबसे आम कारण पित्त की पथरी होती है। भारत में ऑब्सट्रक्टिव पीलिया के मामले उच्च मृत्यु दर से जोड़े जाते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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लक्षण
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस के लक्षण क्या हैं?
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस के सामान्य लक्षणों में शामिल हैंः
- आंखों की सफेद पुतलियां और चेहरे की त्वचा पीली होना
- मल-मूत्र पीले रंग का होना
- तेज खुजली होना
जैसे ही स्थिति बिगड़ती है, अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं:
- गंभीर पेट दर्द
- बुखार
- ठंड लगना
- उल्टी और मतली होना
- थकान महसूस करना
इसके अन्य लक्षण भिन्न हो सकते हैं, जो खून में पित्त रुकावट की स्थिति पर निर्भर कर सकते हैं।
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
कारण
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस के क्या कारण हैं?
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस तब होता है जब आंत में पित्त का जरूरी बहाल रूक जाता है और रक्त प्रवाह में बढ़ने
लगता है। यह पित्त पथरी के कारण बंद हुए पित्त नलिकाओं या पित्त नली के ट्यूमर के कारण हो सकता है जो कैंसर हो सकता है।
अग्नाशय का कैंसर भी इसके रुकावटों का ही एक कारण हो सकता है क्योंकि यह अक्सर वैट के ऐम्पल के पास होता है, जो ट्यूब अग्न्याशय ग्रंथि से पाचनग्रंथि में मिलती है।
इसके अलावा निम्न स्थितियां भी ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस का कारण बन सकती हैंः
- लिम्फ ग्रंथियों की सूजन
- पिछला संक्रमण
- पुरानी या नई सर्जरी के कारण हुआ संक्रमण
- सिस्ट
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जोखिम
कौन सी स्थितियां ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
कई कारक ऑब्सट्रक्टिव पीलिया के जोखिम को बढ़ाते हैं। जिनमें शामिल हैंः
- पेट में चोट लगना
- पित्ताशय की पथरी
- अग्नाशय का कैंसर
- पित्त नली के क्षेत्र में ट्यूमर
इसके जोखिम के सभी खतरों के बारे में यहां पर नहीं बताया गया है। इससे जुड़ा अगर आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस का निदान कैसे किया जाता है?
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस की स्थिति उच्च मृत्यु दर के कारणों में शामिल की जाती है। इसलिए, इसका प्रारंभिक निदान करना बहुत जरूरी होता है। अगर इसके पहचान और इलाज में देरी होती है, तो इसके लिए जरूरी ऑपरेशन किया जा सकती है।
ऑब्सट्रक्टिव पीलिया का निदान करने के लिए बिलीरुबिन के स्तर की जांच की जाती है। इसके लिए ब्लड टेस्ट के साथ-साथ अन्य जरूरी टेस्ट भी किए जाते हैं। साथ ही, लिवर और पित्त नलिकाओं की स्थिति की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन का उपयोग भी किया जा सकता है।
ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस का इलाज कैसे होता है?
ऑब्सट्रक्टिव पीलिया के लक्षणों, कारओं और स्थिति के आधार पर उसका उचित उपचार किया जा सकता है। आपका डॉक्टर शुरू में आपको दर्द निवारक दवाओं और एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से दर्द और संक्रमण का इलाज करेंगे।
लिवर में बनने वाले पित्त की निकासी करने के लिए डॉक्टर आपको ERCP-Percutaneous Transhepatic Cholangiography (PTC) का उपचार दे सकते हैं। यह एक प्रक्रिया होती है जिसे पर्क्यूटियस पित्त की निकासी के रूप में जाना जाता है।
अगर पित्त की पथरी का निदान करना होगा, तो पित्त नली में बाधा डालने वाली पथरी को हटाने के लिए एंडोस्कोपिक विधि की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। एंडोस्कोपिक स्टेंटिंग कभी-कभी पित्त नली की रुकावट को दूर करने और किसी सर्जरी के करने से पहले किसी भी जीवाणु संक्रमण को साफ करने के लिए एक अस्थायी उपाय होता है। इसके बाद, लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी की मदद से जहां अधिक पित्त का निमार्ण होता है उस पित्ताशय की थैली को हटाया जा सकता है।
अगर ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस का मूल कारण कोई ट्यूमर है, तो ऐसे रोगियों के लिए सर्जरी का विकल्प सबसे बेहतर माना जाता है।
हालांकि, ट्यूमर वाले अधिकांश रोगी सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं। इसकी सर्जरी रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और उम्र जैसे अन्य जरूरी बातों पर निर्भर कर सकती है। इसलिए, इसकी सर्जरी की बजाय कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी की प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस को रोकने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव लाने और घरेलू उपायों से आप ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस के खतरे को कम कर सकते हैंः
- स्वस्थ, संतुलित आहार खाएं
- वसायुक्त भोजन और शराब का सेवन न करें।
- ताजे फल और सब्जियों में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर होते हैं जो पाचन के दौरान लीवर को होने वाली क्षति से बचाते हैं और डाइजेशन में मदद करते हैं। सभी तरह के फलों और सब्जियों का सेवन फायदेमंद हो सकता है लेकिन कुछ फल जैसे ब्लूबेरी, अंगूर, पपीता, गाजर, चुकंदर, नींबू, फूलगोभी, स्प्राउट्स, ब्रोकली, अदरक और पालक का सेवन नियमित रूप से करने से लाभ मिल सकता है।
- साबुत अनाज में वसा, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और खनिज तत्व उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं जिनके नियमित सेवन से लाभ मिल सकता है।
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