परिभाषा
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) क्या है?
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोन विकार है। पीसीओएस में महिलाओं के ओवरी में छोटे-छोटे कई सिस्ट हो जाते हैं। इन सिस्ट में तरल पदार्थ भरा होता है और इनमें अपरिपक्व अंडे होते हैं। अगर आप इस बीमारी से ग्रसित हैं, तो आपके अंडाशय का आकार बढ़ जाता है।
पीसीओएस पीरियड्स (मासिक धर्म) साइकल, प्रजनन क्षमता, कार्डियक फंक्शन पर असर डालता है। यह समस्या होने पर, असामान्य या लंबे समय तक पीरियड्स, चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल हो सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यह विकार शरीर में मेल हार्मोन के उत्पादन को बढ़ा देता है जिस कारण महिलाओं या लड़कियों में शारीरिक परेशानी शुरू हो जाती है।
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पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) (Polycystic Ovary Syndrome) सामान्य बीमारी है?
यह बीमारी काफी आम है। लगभग 10 में से एक और प्रसव उम्र की 20 महिलाओं में से एक महिला पीसीओएस से ग्रस्त होती हैं। इसके कारणों को कम करके इस बीमारी से निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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लक्षण
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of polycystic ovary syndrome (PCOS)?)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम के सामान्य लक्षण हैं:
- चेहरे पर मुंहासे होना।
- वजन बढ़ना और वजन कम करने में परेशानी होना।
- चेहरे और शरीर पर अतिरिक्त बाल होना। इस समस्या में अक्सर महिलाओं को चेहरे, छाती, पेट और पीठ पर गहरे बाल विकसित होते हैं।
- स्कैल्प के बाल कमजोर और पतले होना।
- गर्भधारण न कर पाना
- डिप्रेशन होना
- पीसीओएस (PCOS) के कारण हुए हार्मोन असंतुलन से कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि टाइप 2 मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याएं।
हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हों। अगर आपको किसी भी लक्षण के बारे में किसी भी तरह की चिंता हो, तो डॉक्टर से परामर्श करें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको नीचे में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरीके से काम करता है। पीरियड्स साइकल में परेशानी महसूस होने देर किये बिना अपनी बीमारी के बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से चर्चा करना सबसे अच्छा विकल्प रहता है।
जैसा कि पीसीओडी की समस्या बहुत अधिक लड़कियाें और महिलाओं में बढ़ती जा रही है, तो ऐसे में, इस बार में डॉ. सुषमा तोमर, सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग फोर्टिस अस्पताल, कल्याण, का कहाना है “पीसीओएस में, महिलाओं के अंडाशय में सामान्य से अधिक एंड्रोजन का स्तर हाे जाता है, यानि कि पीसीओएस का प्रमुख कारण शरीर में एण्ड्रोजन (मेल हार्मोन) के उत्पादन का असामान्य लेवल है। जिस कारण अंडे के विकास और रिलीज सही से नहीं हो पाता है।ऐसे में ओव्यूलेशन के दौरान एग रिलीज होने के बजाय, सिस्ट ओवरी के रूप में बदल जाता है। पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) एक ऐसी स्थिति है, जहां अंडाशय बहुत अधिक अपरिपक्व या आंशिक रूप से परिपक्व अंडे छोड़ते हैं। जिसकी वजह वजन बढ़ने लगता है और मासिक धर्म के दौरान भी, महिलाओं को दिक्कत होती हैं। इसलिए पीसीओएस का सबसे अच्छा उपचार सही डायट और एक्सरसाइज है।’
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कारण
पीसीओएस के कारण क्या हैं? (What are the causes of PCOS)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे-
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारणों का अभी तक पता नहीं लगा है। हालांकि, कुछ हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि पीसीओएस का एक कारण जेनेटिक हो सकता है।
- एंड्रोजन हार्मोन का ज्यादा बनना भी इसका एक कारण हो सकता है।
- शरीर में बढ़ा हुआ इंसुलिन एंड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाकर अंडाशय को प्रभावित कर सकता है, जो ओवरी की अंडे बनाने की क्षमता को कम कर सकता है।
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का खतरा क्यों बढ़ जाता है? (Why is there an increased risk of polycystic ovary syndrome?)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कई जोखिम कारक हो सकते हैं, जैसे:
- यदि आपके परिवार में किसी को यह समस्या है, तो आपको पीसीओएस होने का जोखिम बढ़ सकता है।
- अगर आप अन्य कोई मेडिकल ट्रीटमेंट ले रही हैं, जिससे आपके हार्मोनल बैलेंस प्रभावित होता है, तब भी इसका जोखिम बढ़ सकता है।
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निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
पीसीओएस का निदान कैसे किया जाता है? (How is PCOS diagnosed?)
पीसीओएस का पता पहले से ही लगाने किए लिए ऐसा कोई टेस्ट नहीं है। ज्यादातर मामलों में महिलाएं जब डॉक्टर से अपनी समस्याएं पूछने के लिए आती हैं, तब उन्हें पीसीओएस का पता चलता है। निदान की पुष्टि करने के लिए, आपका डॉक्टर कुछ और टेस्ट भी करवा सकता है-
- ब्लड टेस्ट: सामान्य रूप से हार्मोन लेवल को मापने के लिए।
- थायरॉइड टेस्ट: अति सक्रिय या निष्क्रिय थायरॉइड की जांच करने के लिए।
- ग्लूकोज टेस्ट: इंसुलिन प्रतिरोध देखने के लिए।
- आपकी ओवरी के आकार की जांच के लिए इमेजिंग टेस्ट (सीटी-स्कैन, अल्ट्रासाउंड) की आवश्यकता हो सकती है।
- अंडाशय बढ़ा हुआ या सूजा हुआ तो नहीं है, यह देखने के लिए डॉक्टर पेल्विक टेस्ट करते हैं।
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatments for Polycystic Ovary Syndrome)
पीसीओएस के उपचार में लक्षणों पर नियंत्रण करने और स्थिति को संभालने पर ध्यान दिया जाता है, जिससे आने वाली गंभीर समस्याओं से बचा जा सके, जैसे :
- पीरियड्स को नियमित करके।
- अगर गर्भधारण में समस्या आ रही है, तो आपको कुछ दवाओं की जरूरत पड़ सकती है।
- आपको बर्थ कंट्रोल पिल्स की आवश्यकता हो सकती है, जिनमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन दोनों हों।
- ओव्यूलेशन को बढ़ाने और मेल हार्मोन के स्तर को कम करने के लिए सर्जरी करानी पड़ सकती है। इस सर्जरी को ओवेरियन ड्रिलिंग कहा जाता है, जिसमें डॉक्टर आपके ओवरी को पंचर कर देते हैं। हालांकि, यह एक अस्थायी समाधान है।
- मुंहासे और बालों के विकास को रोकने के लिए, मेल हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एंटी-एंड्रोजन दिया जा सकता है।
- इंसुलिन और शुगर लेवल को संतुलित करने के लिए डायबिटीज की दवाओं की जरूरत हो सकती है।
पीसीओएस की समस्या होने पर क्या-क्या परेशानी बढ़ सकती है?
- इनफर्टिलिटी की समस्या
- प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
- मिसकैरिज या समय से पहले शिशु का जन्म
- स्लीप एपनिया
- डायबिटीज या प्रीडायबिटिक
- यूट्रस से एब्नॉर्मल ब्लीडिंग होना
- डिप्रेशन, एंग्जाइटी या ईटिंग डिसऑर्डर जैसी बीमारी होना
- यूट्रस के वॉल (यूटेराइन लाइनिंग) पर कैंसर होना
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
जीवनशैली में कौन-से बदलाव या घरेलू उपचार से मुझे पीसीओएस में निपटने में मदद मिल सकती है? (lifestyle changes for PCOS)
नीचे बताई गई जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) (Polycystic Ovary Syndrome) से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- डायट से रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों को दूर कर देना चाहिए या ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- स्वस्थ वजन बनाए रखना।
- नियमित रूप एक्सरसाइज करते रहें और अगर एक्सरसाइज किसी कारण संभव न हो तो वॉकिंग या स्विमिंग करें।
- धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।
- एल्कोहॉल का सेवन न करें।
- पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन नियमित रूप से करें।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आप पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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