परिभाषा
टेस्टोस्टेरोन की कमी (Testosterone Deficiency) क्या है?
टेस्टोस्टेरोन मुख्य मेल हाॅर्मोन (Mail Hormone) है जिसका प्रोडक्शन टेस्टिकल्स में होता है और यह पुरुषों की सेक्स ड्राइव (sex drive) को प्रभावित करता है। इस हार्मोन की कमी होने पर सेक्शुअल एक्टिविटी में दिलचिस्पी कम हो जाती है, सात ही थकान, मूड स्विंग और हेयर फॉल की भी समस्या होने लगती है। दरअसल, किसी भी पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का सामान्य स्तर 300 से 1 हजार नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए, लेकिन जब टेस्टोस्टेरॉन का लेवल 300 से कम हो जाए तो इसे टेस्टोस्टेरोन की कमी माना जाता है।
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कारण
टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी के कारण क्या हैं? (Testosterone Deficiency causes)
उम्र बढ़ने के साथा-साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर अपने आप कम होने लगता है। यह कमी 30 की उम्र के बाद शुरू होती है और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इसका स्तर कम होता जाता है। टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी के अन्य कारणों शामिल हैं:
- कैंसर के लिए की जाने वाली कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी
- चोट, संक्रमण या किसी कारण से टेस्टिकल्स खो देना
- लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis)
- तनाव
- पिट्यूटरी ग्लैंड डिसफंक्शन (यह मस्तिष्क की एक ग्रंथि जो कई महत्वपूर्ण हार्मोन पैदा करती है) या हाइपोथैलेमस
- लंबी बीमारी
- गंभीर किडनी फेलियर (Acute kidney failure)
- कुछ अनुवांशिक असमान्यताएं (Some genetic differences)
- हेमोक्रोमैटोसिस (शरीर में आयरन की अधिक मात्रा)
- सूजन संबंधी बीमारियां जैसे सारकॉइडोसिस (इसके कारण फेफड़ों में सूजन होती है)
- दवाइयां, खासतौर पर हार्मोन जिनका इस्तेमाल प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) के इलाज के लिए किया जाता है
- मोटापा (Obesity)
- स्मोकिंग और शराब का सेवन
- थायरॉइड संबंधी समस्या (Thyroid)
इन कारणों से शरीर में टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी हो सकती है।
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लक्षण
टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण क्या हैं? (symptoms of Testosterone Deficiency)
टेस्टोस्टेरोन कम होने पर पुरुषों के शरीर में कई तरह के बदलाव दिखने लगते हैं जिसमें शामिल हैः
- टेस्टोरेस्टेरोन डेफिशिएंसी से इरेक्शन संबंधी समस्या (Problem in erection) होती है।
- थकान और मूड चेंज होता है।
- सेक्स ड्राइव में कमी (Low sex drive) होती है, चूकि यह मुख्य सेक्स हार्मोन है इसलिए टेस्टोस्टेरोन की कमी से कामेच्छा प्रभावित होती है।
- सीमेन के उत्पादन में भी टेस्टोस्टेरोन की मुख्य भी भूमिका होती है। टेस्टोस्टेरोन की कमी से सामने का वॉल्यूम कम हो जाता है।
- कई पुरुषों के बाल भी झड़ने लगते हैं। टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर पुरुष के चेहरे और शरीर के बाल भी गिरने लगते हैं।
- टेस्टोस्टेरोन बोन टिशू के उत्पादन और इनका वॉल्यूम बनाए रखने में मददगार होता है। इसकी कमी से बोन मास कम हो जाता है यानी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
- अंडकोष का साइज कम हो जाता है।
- टेस्टोस्टेरोन की कमी से नींद की समस्या भी हो सकती है। पुरुषों को स्लीप एप्निया हो जाता है।
- मसल्स मास के विकास में भी टेस्टोस्टेरोन मुख्य भूमिका निभाता है, इसलिए इसकी कमी से मसल्स मास को नुकसान पहुंचता है।
- एनर्जी लेवल कम होना और हमेशा थकान महसूस होना।
- टेस्टोस्टेरोन की कमी से बॉडी फैट बढ़ने लगता है।
- काम पर फोकस न कर पाना, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन भी हो सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल लेवल में बदलाव
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निदान
टेस्टोस्टेरोन की कमी का निदान (Diagnosis) क्या है?
टेस्टोस्टेरोन डेफिसिएंशी के लक्षण (symptoms of testosterone deficiency) हमेशा नहीं दिखते हैं, इसलिए इसका निदान केवल रेग्युलर चेकअप के दौरान ब्लड टेस्ट से ही किया जा सकता है। निदान करने के लिए डॉक्टर आपके रक्त में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा का मापता है। क्योंकि पूरे दिन टेस्टोस्टेरोन के स्तर में बदलाव होता रहता है, इसलिए कुछ मानकों का इस्तेमाल करके इसकी कमी का पता लगाया जा सकता है। यदि संभव होतो डॉक्टर सुबह जल्दी टेस्टोस्टेरोन का लेवल मापते हैं, क्योंकि तब इसका लेवल बहुत ऊपर होता है।
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उपचार
टेस्टोस्टेरोन की कमी का उपचार क्या है? (Testosterone Deficiency treatment)
टेस्टोस्टेरोन की कमी का सबसे आम उपचार है टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT)। डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट की सलाह तभी देता है जब किसी व्यक्ति में टेस्टोस्टेरोन की कमी के बहुत अधिक संकेत दिखते हैं और ब्लड टेस्ट भी इसकी पुष्टि करता है
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT) के कई तरीके है जिसमें शामिल हैं:
- स्किन पैचेस (Skin patches)
- जेल
- मुंह में घुल जाने वाली दवा
- इंजेक्शन
- सर्जकली इंप्लाट किए गए पैलेट्स जो हार्मोन रिलीज करते हैं
- टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Testosterone replacement therepy) शुरू होने के 4-6 हफ्ते में ही मरीज को आराम महसूस होने लगता है।
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के साइड इफेक्ट (Side effects of Testosterone replacement therapy)
हालांकि टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी बिल्कुल सुरक्षित होती है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट हैं जिसमें शामिल हैः
- मुहांसे और ऑयली स्किन
- हल्का फ्लूड रिटेंशन
- प्रोस्टेट असमान्यताओं के विकसित होने का खतरा
- ब्रेस्ट का बड़ा होना
- ब्लड क्लॉट का खतरा बढ़ना
- स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) की स्थिती का बिगड़ना (नींद से जुड़ी समस्या जिसमें रात में नींद नहीं आती और दिन में नींद आती है)
- टेस्टीकुलर का साइज कम होना
- मूड स्विंग
- हार्ट अटैक और स्ट्रोक (Heart Attack and stroke) का खतरा बढ़ सकता है
यदि आपकी टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी हुई है तो आपको रेग्युलर फॉलो अप चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।
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टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी दूर करने के नैचुरल तरीके
दवा और इजेक्शन लेने से अच्छा है कि आप कुदरती रूप से टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ाएं। इसके लिएः
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार (Healthy Diet) टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
- वजन कम करें और रेग्युलर एक्सरासइज (Regular exercise) से टेस्टोस्टेरोन की कमी की समस्या से बचा जा सकता है।
- डायट में शुगर की मात्रा कम कर दें।
- अपने आहार में जिंक से भरपूर चीजें शामिल करें। अध्ययन के मुताबिक, टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ाने में यह मददगार होते हैं।
सिर्फ डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव से ही टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाया नहीं जा सकता, लेकिन इससे मदद जरूर मिलती है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी की समस्या से निपटने के लिए डायट में क्या शामिल करें?
टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी दूर करने के लिए निम्नलिखित खाद्य एवं पेय पदार्थ शामिल करें। जैसे:
- ओएस्टर
- फोर्टिफाइड सीरियल
- अंडा
- दूध
- बीन्स
- शेलफिश
अगर आप टेस्टोस्टेरोन की कमी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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