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आपकी सेहत के बारे में क्या बताता है अंडकोष का रंग? जानें अंडकोष का इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/05/2021

    आपकी सेहत के बारे में क्या बताता है अंडकोष का रंग? जानें अंडकोष का इलाज

    अंडकोष पुरुषों में थैलीनुमा संरचना होती है। इसे स्क्रोटम (Scrotum) भी कहा जाता है। स्क्रोटम की त्वचा ढीली होती है। अंडकोष के अंदर टेस्टिस होते हैं। टेस्टिस का मुख्य कार्य स्पर्म यानी शुक्राणुओं का निर्माण करना होता है। अंडकोष पेल्विक के ठीक नीचे और दोनों पैर के बीच में होता है। अंडकोष ओवल शेप होता है। अंडकोष का मुख्य कार्य स्पर्म की स्टोरिंग करना होता है। अंडकोष टेम्परेचर मेंटेन रहे, इसलिए ये शरीर से बाहर की ओर होता है। लो टेम्पचेरचर की वजह से स्पर्म के प्रोडक्शन (Sperm production) में मदद मिलती है।

    अंडकोष का रंग (Color of Scrotum) क्या कहता है?

    स्क्रोटम टिशू टेस्टिकल्स के अंदर के स्ट्रक्चर को प्रोटक्ट करने का काम करते हैं, जहां स्पर्म (Sperm) के साथ ही महत्वपूर्ण हॉर्मोन का भी प्रोडक्शन होता है। स्क्रोटम की मदद से ब्लड वेसल्स (Blood vessels) के साथ ही ट्यूब को भी सुरक्षित रखने का काम करता है, जिससे स्पर्म (Sperm) रिलीज होता है और पीनस (Penis) में पहुंचता है। जब अंडकोष (Scrotum) में किसी भी प्रकार की समस्या आती है, तो अंडकोष का रंग बदल जाता है। ऐसा उन स्थितियों में होता है जब अंडकोष में दर्द और सूजन आ जाती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्या होती है अंडकोष में समस्या और क्यों बदल जाता है अंडकोष का रंग (Color of Scrotum)।

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    अंडकोष का रंग : टेस्टिकुलर टॉर्सन (Testicular torsion)

    अंडकोष का रंग (Color of Scrotum)

    टेस्टिकुलर टॉर्सन (Testicular torsion) की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब टेस्टिकल्स रोटेट होते हैं। स्परमेटिक कॉर्ड के ट्विस्ट होने या उलझ जाने पर ब्लड अंडकोष में पहुंच जाता है, तो भी रंग बदल सकता है या ब्लड फ्लो (Blood flow) में अवरोध होने के कारण भी अंडकोष का रंग (Color of Scrotum) बदल सकता है। इस कारण गंभीर दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। टेस्टिकुलर टॉर्सन 12 से 18 वर्ष की उम्र के बीच में होना आम माना जाता है। वैसे तो ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। टेस्टिकुलर टॉर्सन होने पर इमरजेंसी सर्जरी की जरूरत पड़ती है। अगर सही समय पर इलाज हो जाए तो टेस्टिकल्स (Testicular) सुरक्षित रहते हैं, वहीं लंबे समय तक इलाज न मिल पाने के कारण टेस्टिकल्स डैमेज हो सकते हैं।

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    टेस्टिकुलर टॉर्सन के लक्षण (Symptoms of Testicular Torsion)

    टेस्टिकुलर टॉर्सन की समस्या हो जाने पर कुछ लक्षण भी महसूस होते हैं, जैसे

    कई पुरुषों या लड़कों में टेस्टिकल्स का उलझना हेरीडिटी माना जाता है। टेस्टिकुलर टॉर्सन की समस्या से बचने के लिए सर्जरी की सहायता ली जा सकती है। सर्जरी की सहायता से टेस्टिकल्स को अंडकोष से जोड़ दिया जाता है।

    अंडकोष का रंग : हाइड्रोसील की समस्या में

    अंडकोष का रंग (Color of Scrotum)

    जब अंडकोष के चारों और द्रव्य अधिक मात्रा में भर जाता है, तो हाइड्रोसिल की समस्या हो जाती है। हाइड्रोसिल की समस्या बच्चों में भी होती है। करीब 10 प्रतिशत पुरुष हाइड्रोसील (Hydroseal) की समस्या के साथ ही पैदा होते हैं। हाइड्रोसिल की समस्या पुरुषों में किसी भी उम्र में हो सकती है। हाइड्रोसिल को आमतौर पर खतरनाक नहीं माना जाता है। हाइड्रोसिल की समस्या होने पर अंडकोष में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। साथ ही अंडकोष का रंग लाल भी हो सकता है। हमेशा अंडकोष में सूजन जरूरी नहीं है कि हाइड्रोसील का कारण हो। बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करें और जरूरत पड़ने पर जरूरी टेस्ट भी कराएं।

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    अंडकोष का रंग : वैरिकोसील (Varicocele )

    अंडकोष का रंग (Color of Scrotum)

    अंडकोष और अंडकोष की थैली में सूजी हुई नसों को वैरिकोसील कहते हैं। 15 से 35 वर्ष के लोग वैरिकोसील (Varicocele) का ज्यादा शिकार होते हैं। वैरिकोस नसों में वॉल्व ब्लड को टेस्टिकल और स्क्रॉटम से हार्ट की ओर पहुंचाने में मदद करता है। वॉल्व के काम नहीं करने पर ब्लड एक ही जगह रह जाता है, जिस कारण स्क्रोटम और आस-पास की थैली में सूजन आ जाती है। इस कारण से अंडकोष के रंग (Color of Scrotum) में बदलाव महूस किया जा सकता है। वैरिकोसील की समस्या सामान्य मानी जाती है और 15 प्रतिशत वयस्क पुरुषों में देखी जाती है। वहीं किशोर पुरुषों में 20 प्रतिशत इसकी समस्या देखी जाती है और यह 15 से 25 साल के पुरुषों में इसकी परेशानी ज्यादा होती है।

  • स्क्रोटम (Scrotum) में सूजन होना
  • स्क्रोटम का सामान्य से ज्यादा बड़ा होना
  • गर्मी के मौसम में दर्द बढ़ जाना, नसों में कमजोरी आना।
  • जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने पर समस्या का बढ़ जाना
  • देर तक खड़े रहने पर समस्या का बढ़ा जाना
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    अंडकोष का रंग : एपिडीडिमाइटिस (Epididymitis)

    एपिडिडीमाइटिस तब होता है जब एपिडिडीमिस में संक्रमण और फिर सूजन की समस्या हो जाती है। ऐसा अक्सर यौन संचारित रोग (Sexsual Transmited Disease) के कारण होता है। क्लेमेडिया (Chlamydia) या गोनोरिया (Gonorrhea) के कारण इंफेक्शन की समस्या हो जाती है। इस कारण से अंडकोष में दर्द (Pain in Scrotum), अंडकोष में लालिमा, लिंग से तरल पदार्थ का निकलना, यूरिन (Urine) पास करने के दौरान दर्द होना, सीमन में ब्लड आना, बुखार आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। अंडकोष का इलाज (Treatment for Scrotum) करवाने के दौरान डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) दवाएं दे सकता है। साथ ही कुछ सावधानी बरतने के लिए भी कह सकता है।

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    अंडकोष का रंग : ऑर्काइटिस (Orchitis)

    अंडकोष के इंफेक्टेड हो जाने की कंडिशन को ऑर्काइटिस कहते हैं। एपिडिडीमाइटिस की तरह ही ऑर्काइटिस (Orchitis) अक्सर एसटीआई (STI) के कारण संक्रमण से होता है। अन्य कारणों में तपेदिक, वायरस (Virus) जैसे मंप्स, कवक और परजीवी शामिल हो सकते हैं। इन कारणों से अंडकोष का रंग बदल कर गहरा लाल हो सकता है।

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    अंडकोष (Scrotum) में समस्या होने पर दर्द के साथ ही सूजन की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर पहले जांच करता है। जांच के रिजल्ट के आधार पर ही ट्रीटमेंट किया जाता है। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) करवा कर सूजन और परेशानियों को समझते हुए इलाज करते हैं। साथ ही सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है। अंडकोष की बीमारी होने पर दर्द और सूजन लक्षण के तौर पर महसूस किए जाते हैं। हाइड्रोसिल (Hydroseal) की समस्या को अधिक गंभीर नहीं माना जाता है, लेकिन द्रव के अधिक मात्रा में बढ़ जाने पर सर्जरी के माध्यम से उसे निकाला जाता है। अगर आपको भी अंडकोष (Scrotum) में किसी भी प्रकार का बदलाव महसूस हो रहा है, तो बेहतर होगा कि एक बार डॉक्चर से संपर्क जरूर करें।

    अगर आप अंडकोष का रंग (Color of Scrotum) या अंडकोष से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। वहीं अगर आप अंडकोष (Testicular Torsion) से जुड़ी किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो परेशानी को इग्नोर ना करें और डॉक्टर से कंसल्टेशन जल्द से जल्द करें।

    डिस्क्लेमर

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