के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
टेस्टोस्टेरोन मुख्य मेल हाॅर्मोन (Mail Hormone) है जिसका प्रोडक्शन टेस्टिकल्स में होता है और यह पुरुषों की सेक्स ड्राइव (sex drive) को प्रभावित करता है। इस हार्मोन की कमी होने पर सेक्शुअल एक्टिविटी में दिलचिस्पी कम हो जाती है, सात ही थकान, मूड स्विंग और हेयर फॉल की भी समस्या होने लगती है। दरअसल, किसी भी पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का सामान्य स्तर 300 से 1 हजार नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए, लेकिन जब टेस्टोस्टेरॉन का लेवल 300 से कम हो जाए तो इसे टेस्टोस्टेरोन की कमी माना जाता है।
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उम्र बढ़ने के साथा-साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर अपने आप कम होने लगता है। यह कमी 30 की उम्र के बाद शुरू होती है और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इसका स्तर कम होता जाता है। टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी के अन्य कारणों शामिल हैं:
इन कारणों से शरीर में टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी हो सकती है।
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टेस्टोस्टेरोन कम होने पर पुरुषों के शरीर में कई तरह के बदलाव दिखने लगते हैं जिसमें शामिल हैः
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टेस्टोस्टेरोन डेफिसिएंशी के लक्षण (symptoms of testosterone deficiency) हमेशा नहीं दिखते हैं, इसलिए इसका निदान केवल रेग्युलर चेकअप के दौरान ब्लड टेस्ट से ही किया जा सकता है। निदान करने के लिए डॉक्टर आपके रक्त में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा का मापता है। क्योंकि पूरे दिन टेस्टोस्टेरोन के स्तर में बदलाव होता रहता है, इसलिए कुछ मानकों का इस्तेमाल करके इसकी कमी का पता लगाया जा सकता है। यदि संभव होतो डॉक्टर सुबह जल्दी टेस्टोस्टेरोन का लेवल मापते हैं, क्योंकि तब इसका लेवल बहुत ऊपर होता है।
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टेस्टोस्टेरोन की कमी का सबसे आम उपचार है टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT)। डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट की सलाह तभी देता है जब किसी व्यक्ति में टेस्टोस्टेरोन की कमी के बहुत अधिक संकेत दिखते हैं और ब्लड टेस्ट भी इसकी पुष्टि करता है
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT) के कई तरीके है जिसमें शामिल हैं:
हालांकि टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी बिल्कुल सुरक्षित होती है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट हैं जिसमें शामिल हैः
यदि आपकी टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी हुई है तो आपको रेग्युलर फॉलो अप चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।
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दवा और इजेक्शन लेने से अच्छा है कि आप कुदरती रूप से टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ाएं। इसके लिएः
सिर्फ डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव से ही टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाया नहीं जा सकता, लेकिन इससे मदद जरूर मिलती है।
टेस्टोस्टेरोन डेफिशिएंसी दूर करने के लिए निम्नलिखित खाद्य एवं पेय पदार्थ शामिल करें। जैसे:
अगर आप टेस्टोस्टेरोन की कमी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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