मूल बातें जानिए
सिजेरियन सर्जरी मां के पेट से होने वाले शिशु को सर्जिकली बाहर निकालने की तकनीक है। इस तकनीक में पेट और वॉम्ब में चीरा लगाकर बच्चे को बाहर निकाला जाता है। इस तरह से डिलिवरी आमतौर पर केवल उस कंडीशन में कराई जाती है जब नॉर्मल वजायनल डिलिवरी संभव न हो।
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सिजेरियन सर्जरी (Cesarean Delivery) करने के क्या कारण हो सकते हैं ?
सिजेरियन सर्जरी इन कारणों से की जा सकती है-
- अगर आपके स्वास्थ्य को देखकर डॉक्टर ने इसकी सलाह दी हो।
- एब्नार्मल फीटल हार्ट रेट के होने पर भी डिलीवरी सिजेरियन मेथड से करवाई जा सकती है। शिशु की नार्मल हार्ट बीट रेट 120 -160 /मिनट है लेकिन कुछ मामलों में जब हार्ट बीट इस रेट से बढ़ जाती है या घट जाती है उस केस में सिजेरियन डिलिवरी (Cesarean Delivery) करवानी पड़ती है। इस केस में मदर को ऑक्सीजन भी दिया जाता है।
- जन्म के वक्त शिशु का सर नीचे की तरफ होता है लेकिन अगर किसी केस में शिशु की पोजीशन में कोई बदलाव आता है, तो ऐसे मामले में भी इस तकनील का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- अगर डिलिवरी के लिए लेबर पेन नहीं हो रहा है, जिससे शिशु बाहर आ सके ऐसे मामले में भी सिजेरियन की जरुरत पड़ सकती है।
- अगर शिशु का आकार और वजन बहुत ज्यादा है और नार्मल डिलिवरी संभव नहीं, तो भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- प्लेसेंटल कॉम्प्लीकेशन्स जैसे प्लेसेंटा का पहले ही अलग होकर सर्विक्स को ब्लॉक करने की कंडीशन में भी सिजेरियन करना पड़ सकता है।
- हर्पीस , हाई ब्लड प्रेशर या फिर ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस का इन्फेक्शन होने पर भी सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ सकती है।
- ट्विन्स की कंडीशन में भी नार्मल डिलीवरी पॉसिबल नहीं है।
सिजेरियन सर्जरी (cesarean surgery) के क्या खतरे हो सकते हैं?
सिजेरियन सर्जरी यानी सिजेरियन डिलिवरी के कई तरह के खतरे भी सामने आ सकते हैं। नीचे जानिए कौन से हैं वो खतरे:
- सिजेरियन सर्जरी से ब्लीडिंग हो सकती है
- एब्नार्मल प्लेसेंटा अलग हो सकती है
- बोवेल और ब्लैडर में इंजरी हो सकती है
- यूटेरस में इन्फेक्शन हो सकता है
- घाव में इन्फेक्शन हो सकता है
- यूरिनेटिंग में परेशानी, यूरिनरी पैसेज में इन्फेक्शन हो सकता है
- ब्लड क्लॉट्स हो सकते हैं
आपकी मेडिकल कंडिशन के हिसाब से अगर आप एक बार सीज़ेरियन करवा लेते है उसके बाद नार्मल वजायनल डिलिवरी पॉसिबल नहीं है। इसे वजायनल बर्थ आफ्टर सिजेरियन (VBAC) भी कहते हैं।
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प्रक्रिया
सिजेरियन सर्जरी (Cesarean Surgery) के पहले क्या तैयारियां करनी चाहिए ?
- डॉक्टर आपको पूरा प्रोसीजर एक्सप्लेन करेंगे और प्रोसीजर को लेकर आपके मन में जो भी सवाल है उन्हें आप पूछ सकते है।
- सर्जरी के पहले आपसे कंसेंट फॉर्म पर साइन करवाया जाएगा। आप फॉर्म पढ़े और कुछ भी क्लियर न होने पर डॉक्टर से पूछ लें।
- अगर आपकी सर्जरी में एनेस्थेसिया दिया जाता है तो सर्जरी से आठ घंटे पहले तक कुछ भी न खाएं। पानी भी सही मात्रा में डॉक्टर से पूछ कर ही पिएं।
- आयोडीन, टेप , लाटेकस (latex ), मेडिकेशन या फिर किसी भी एलर्जी के बारे में डॉक्टर को जरूर बता दें।
- अगर आप एंटीकोएगुलांट्स लेते हैं जैसे एस्प्रिन, तो आपको ध्यान रखना पड़ेगा। अपने डॉक्टर से पूछ ले की सर्जरी से कितने पहले आपको ये मेडिसिन्स लेना बंद करना होगा।
सिजेरियन सर्जरी के बाद किसी को आपके साथ रहने के लिए कहें ताकि ऑपरेशन के बाद कोई भी परेशानी न हो।
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सिजेरियन सर्जरी (Cesarean) के दौरान क्या होता है ?
ज्यादातर केसेस में सिजेरियन सर्जरी (Cesarean surgery) ऑपरेशन रूम या फिर डिलीवरी रूम में होगी। बहुत कम मामले ही ऐसे हैं, जिनमें डिलीवरी के समय आपको एनेस्थीसिया दिया जाएगा। आपको रीजनल एनेस्थीसिया जैसे एपीड्यूरल या स्पाइनल एनेस्थेसिया दिया जाएगा जिससे केवल कमर के नीचे का हिस्सा बेजान सा होगा और दर्द कम होगा। ऊपर आपके सारे सेंसेस नार्मल रहेंगे इसलिए जब बच्चा जन्म लेगा तब आप उसकी आवाज सुन सकेंगे।
सिजेरियन तकनील के दौरान ये स्टेप्स लिए जाएंगे:
- आपको ऑपरेटिंग टेबल पर लिटाया जाएगा।
- आपके शरीर में यूरिनरी कथेरेटर को लगाया जाएगा।
- आपके हाथ में इंट्रावेनस लाइन डाली जाएगी।
- सेफ्टी के लिए आपके पैरो के आसपास स्ट्रैप्स लगाए जाएंगे। इससे आपकी पोजीशन सही बनी रहेगी।
- सर्जिकल साईट के बालों को हटाया जाएगा
- डॉक्टर आपकी हार्ट रेट चेक करेंगे।
- एक बार एनेस्थेसिया इफेक्टिव हो जाये फिर प्यूबिक बोन के ऊपर इंसिजन लगाया जाता है। ब्लीडिंग रोकने के लिए एलेक्ट्रोकॉटरी मशीन यूज़ की होती है।
- इसके बाद एमनीओटिक फ्लूइड दिखने लगेगा और बेबी बाहर आने लगेगा। इस वक्त मां को खिंचाव का एहसास होगा।
- इसके बाद डॉक्टर अम्बिलिकल कॉर्ड को अलग कर देगा।
- यूटेरस को कॉन्ट्रैक्ट और प्लेसेंटा बाहर करने के लिए इंट्रावेनस मेडिसिन दी जाएगी।
- इसके बाद प्लेसेंटा के बचे हुए टुकड़ों को बाहर निकाल दिया जाएगा।
- सूचर्स को बंद कर दिया जाएगा साथ ही यूटेरस को पेल्विक कैविटी में वापस पोजीशन कर दिया जाएगा।
स्टेराइल बैंडेज और ड्रेसिंग करके पूरा प्रोसेस खत्म हो जाएगा।
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सिजेरियन सर्जरी के बाद क्या होता है?
आपको हॉस्पिटल में रिकवरी के लिए रखा जाएगा। इस समय आपकी हार्ट बीट, ब्रीथिंग, पल्स और यूटेरस की फर्मनेस को चेक किया जाएगा जब डॉक्टर आपके सही होने की पुष्टि कर देंगे तब आप हॉस्पिटल से घर जा सकते हैं। ऑपरेशन के तुरंत बाद आपको गले में खराश लग सकती है इसके साथ युटरीन पेन होगा। साथ ही डॉक्टर आपको इधर-उधर चलने के लिए भी कहेंगे जिससे खून रुके नहीं। ऑपरेशन के बाद आपको लिक्विड्स और हलकी चीजें खाने के लिए दी जाएंगी। धीरे-धीरे आप सॉलिड फ़ूड की तरफ बढ़ सकते हैं। आपको इंट्रावेनस एंटीबायोटिक्स दी जाएंगी।
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रिकवरी
सिजेरियन सर्जरी (Cesarean surgery) के बाद रिकवरी
सिजेरियन सर्जरी (Cesarean surgery) के बाद रिकवरी में टाइम लग सकता है। जब आपको अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा तो घर आने के बाद आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- घर पर वापस आने के बाद आपको ब्लीडिंग के लिए सेनेटरी पैड पहनना पड़ेगा।
- ऑपरेशन के बाद टेम्पोंस, ड्राइविंग और सेक्स डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बाद ही रिज्यूम करें।
- डॉक्टर की दी हुई पेन रिलीवर खाएं।
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इनमें से कुछ भी होने पर डॉक्टर को जरूर बताएं :
- अगर आपको हैवी ब्लीडिंग हो
- वजायना से अनचाही महक आने लगे
- बुखार आने लगे
- एब्डोमिनल पेन होने लेग
- दर्द होने लगे
- पैरो में दर्द होने लगे.
किसी भी और सवाल या जानकारी के लिए अपने सर्जन से जरूर मिलें।
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