परिचय
लम्बर डिस्केक्टॉमी
लम्बर डिस्केक्टॉमी आम बोलचाल की भाषा में इसको काठ भी कहते हैं। लम्बर डिस्केक्टॉमी सर्जरी रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से हर्नियेटेड या डीजेनेरेटिव डिस्क को हटाने के लिए किया जाता है। इसमें बैक मसल्स कि हेल्प से, तंत्रिका(Nerve) पर दबाव बनाने वाली डिस्क को हटाने के लिए, चीरा (incision)लगाया जाता है। अगर फिजिकल थेरेपी या दवा पैर या पीठ के दर्द से राहत देने में असफल हो रहा है साथ ही आपके तंत्रिका (Nerve)डैमेज होने की आशांका हो, कमजोरी या आपके पैरों में दर्द महसूस हो रहा है तो ऐसे में आपको डिस्केक्टॉमी की सिफारिश की जाती है। डिस्केक्टॉमी करने के कई तरीके हैं। कई सर्जन अब न्यूनतम इनवेसिव डिस्कनेक्टॉमी पसंद करते हैं, जो प्रक्रिया को देखने के लिए छोटे चीरों और एक छोटे वीडियो कैमरा का इस्तेमाल करते है।
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लक्षण
लम्बर डिस्केक्टॉमी के लक्षण
-जब आपको खड़े होने में दिक्कत महसूस होने लगे।
-थोड़ी देर चलने में तकलीफ महसूस होने लगे।
-बैठने और झुकने में अत्यधिक तकलीफ हो।
-कमजोरी महसूस होना, या पैर सुन्न पड़ जाना।
–पीठ दर्द से भी बदतर पैर दर्द होना।
–फिजिकल थेरेपी या दवा से आराम न मिलना।
-आपके जेनिटिकल एरिया में उलझन महसूस होना।
-मूत्राशय में हानि।
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प्रक्रिया
लम्बर डिस्केक्टॉमी के सर्जरी से पहले कि प्रतिक्रिया
सर्जरी से कुछ दिन पहले आपको प्रि सर्जिकल टेस्ट कराना पड़ता है। जिसमें आप डॉक्टर के पास जाते हैं कई तरह के आपके जांच किए जाते हैं। डॉक्टर् आपसे आपके पूरानी मेडिकल हिस्ट्री के बारें में जानते है कि आपको किसी तरह की एलर्जी,इंफेक्शन, एनेस्थीसिया रिएक्शंस, पूरानी कोई सर्जरी तो नहीं हुई है इस बारें में जानकारी प्राप्त करते हैं। वही कई फॉर्म दिए जाते हैं। जिनको अच्छी तरह से पढ़कर आपको साइन करना होता है। अगर आपकी कोई दवा चल रही होती है तो सर्जरी के दिन से आपको वो बंद कर देना होता है।
सर्जरी के दिन
-जीवाणुरोधी साबुन से नहाना चाहिए।
-साफ-सुथरे ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
-पीछे बंद होने वाले फ्लैट-हील वाले जूते पहनें।
-यदि आपके पास सर्जरी की सुबह नियमित दवा लेना जरुरी हैं, तो पानी के छोटे घूंट के साथ ऐसा करें।
–मेकअप, हेयरपिन, कॉन्टैक्ट्स, बॉडी पियर्सिंग, नेल पॉलिश आदि को हटा देना चाहिए।
-सभी कीमती सामान और गहने घर पर छोड़ दें (शादी के बैंड सहित)।
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लम्बर डिस्केक्टॉमी कि प्रक्रिया (Process of Lumbar discectomy)
सबसे पहले आपके लम्बर डिस्केक्टॉमी की जांच करके यह पता लगाया जाता है की क्या वाकई आपको सर्जरी की जरुरत है, यह साफतौर पर जानने के लिए कई चेकअप किए जाते हैं जिसमें एमआरआई मुख्य रुप से किया जाता है। एमआरआई आपके इस पूरे एरिया को अच्छी तरह से निरीक्षित करता है। डॉक्टर्स के मुताबिक जब यह सर्जरी करना आवश्यक होता है तभी वो आपको इसकी सलाह देते हैं क्योंकि यह रिस्की भी होता है। रीढ़ की हड्डी की नसों पर एक हर्नियेटेड डिस्क जिसे (स्लिप्ड या डिस्क प्रोलैप्स) भी कहा जाता है, इसको राहत देने के लिए डिस्कनेक्टॉमी की जाती है। आपकी जानकारी के लिए बूता दें की गर्दन (सर्वाइकल) से लेकर लो बैक (काठ) तक रीढ़ के साथ एक डिस्केक्टॉमी कहीं भी किया जा सकता है। सर्जन रीढ़ की हड्डी के पीछे, मांसपेशियों और हड्डी से क्षतिग्रस्त डिस्क तक पहुंचता है। सर्जन लैमिना के एक हिस्से को हटाकर डिस्क को एक्सेस कर देता है। लैमिना वह हड्डी है जो रीढ़ की हड्डी के पीछे बनता है और रीढ़ की हड्डी पर एक ऊपरी परत बनाता है। एक डिस्केक्टॉमी करने के लिए विभिन्न प्रकार के सर्जिकल उपकरण और तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है।
न्यूरोसर्जन करते हैं सर्जरी
यह सर्जरी एक न्यूरोसर्जन या एक आर्थोपेडिक सर्जन द्वारा किया जाता है। कुछ स्पाइन सर्जनों ने स्पाइन सर्जरी में विशेष प्रशिक्षण हासिल किया होता है उनके द्वारा यह सर्जरी कराने में रिस्क कम से कम हो जाता है। इसलिए अपने सर्जन से उनके प्रशिक्षण के बारे में जरुर पूछें, खासकर अगर आपका मामला गंभीर है तो जानकारी हासिल करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।
लम्बर डिस्केक्टॉमी के सर्जिकल निर्णय(Surgical decision of Lumbar discectomy )
अधिकांश हर्नियेटेड डिस्क लगातार उपचार के कुछ महीनों के बाद ठीक हो जाते हैं। आपके डॉक्टर आपको उपचार के लिए भी ऑप्शन दे सकते हैं, लेकिन ये केवल आप ही तय कर सकते हैं कि सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं। अपना निर्णय लेने से पहले सभी जोखिमों और लाभों पर विचार करना बेहद जरुरी है। हर्नियेटेड डिस्क की समस्या वाले केवल 10% लोगों को सर्जरी पर विचार करने के लिए 6 सप्ताह के उपचार के लिए दिए जाते हैं। यदि उपचार से सुधार हो जाता है तो सर्जरी टाल दी जाती है। उपचार के बाध भी समस्या होने पर सर्जरी की सलाह दी जाती है। न्यूनतम इनवेसिव चीरा लगाने से पीठ की मांसपेशियों का कम डिसॉलूशन (Low dissolution) होता है और रिकवरी टाइम घट सकता है। आपका सर्जन आपके विशिष्ट मामले के लिए सबसे उपयुक्त तकनीक की सिफारिश करेगा।
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जोखिम
ये एक बड़ी सर्जरी है जिसमें आपको अवेयर रहने की ज्यादा जरुरत है, कुछ रिस्क है इसमें जो इस प्रकार से हैं।
-ब्लीडिंग
-लॉकिंग स्पाइनल फ्लूइड
–इंजरी ब्लड वेसल
रिकवरी
लम्बर डिस्केक्टॉमी के सर्जरी के बाद रिकवरी (After Lumbar discectomy surgery) –
सर्जरी के बाद आपको एक रिकवरी रूम में ले जाया जाता है जहां एक टीम सर्जरी और एनेस्थीसिया से होने वाली कम्प्लिकेशन को देखती है। आप उसी दिन घर जाने के लिए स्वस्थ हो सकते हैं, जिस दिन आपकी सर्जरी हुई हो, हालाँकि एक दिन अस्पताल में रहना आवश्यक होता है। आप अपने जॉब पर जा सकते हैं या नहीं यह निर्भर करता है की आपकी जॉब कुछ भारी चीज उठाने, चलने और बैठने की मात्रा के आधार पर हो तो आपको ज्यादा रेस्ट करने की आवश्यकता होती है ऐसे में आपका डॉक्टर आपको काम पर लौटने से पहले छह से आठ सप्ताह तक इंतजार करने की सलाह दे सकता है। अगर आपका काम साधरण और कम मेहनत को है तो आप दो से छह सप्ताह में काम पर लौट सकते हैं।
रिजल्ट
“डिस्केक्टॉमी’ ज्यादातर लोगों में हर्नियेटेड डिस्क के लक्षणों को कम कर देती है, इसमें नर्व कंप्रेशन के स्पष्ट लक्षण होते हैं, जैसे कि विकिरण दर्द(Radiating pain)। हालाँकि, डिस्केक्टॉमी एक स्टेबल इलाज नहीं हो सकता है, क्योंकि यह उस प्रक्रिया को उलटने के लिए कुछ भी नहीं करता है जो डिस्क को पहले जगह पर हर्नियेटेड बनाने में हेल्प करता है। स्पाइनल को फिर से घायल करने से बचने के लिए, डॉक्टर वजन घटाने की सलाह दे सकता है, किसी तरह कि सरल एक्सरसाइज बोल सकता है, इसके अलावा वो कई तरह की रोकटोक भी बताएंगें जिसको फॉलो करना आपके लिए बेहद जरुरी है। जिससे आपकी सर्जरी पूरी तरह से सक्सेज हो सके।
कब लेनी चाहिए डॉक्टरी सलाह
लम्बर डिस्केक्टॉमी सर्जरी सामान्य तौर पर पीठ व आसपास होने वाले दर्द को दूर करने के लिए की जाती है। इस सर्जरी को एक्सपर्ट अंजाम देते हैं। सामान्य तौर पर कहे तो ज्यादातर मरीज जो साइटिका का दर्द महसूस करते हैं उन्हें लम्बर डिस्केक्टॉमी सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन जब सभी प्रकार के ट्रीटमेंट फेल हो जाए को माइक्रो डिस्केक्टॉमी की आवश्यकता पड़ती है। सर्जरी करने के पहले डॉक्टर मरीज के सभी लक्षणों की जांच करने के बाद मरीज को उसके रिस्क व बेनीफिट्स आदि को बताने के बाद ही सर्जरी तक पहुंचते हैं। ऐसे में जरूरी है कि यदि आप भी इन्हीं समस्याओं को झेल रहे हैं तो पहले डॉक्टरी सलाह लेकर इलाज करवाएं।