इस वजह से होती है यह बीमारी (Goiter Causes)
दुनियाभर में गोइटर (Goiter) का सबसे बड़ा कारण आयोडीन की कमी को माना जाता है। अमेरिका में जहां आयोडीन नमक का सेवन ज्यादा किया जाता है वहां भी गोइटर की समस्या ज्यादा देखी जाती है क्योंकि यहां लोगों में थायरॉइड हार्मोन का कम या ज्यादा निर्माण होने लगता है।
गोइटर का इलाज मूल रूप से इस बात पर आधारित होता है कि गोइटर का आकार, उसके लक्षण और उसकी संबंधित वजहें क्या हैं। जिन गोइटर का आकार कम होता है उनके किसी इलाज की आवश्यक्ता नहीं पड़ती है।
क्या है गोइटर (Goiter) की वजह?
हमारी थायरॉइड ग्रंथि प्रमुख रूप से दो तरह के हॉर्मोन बनाती है, जिसे टी-4 यानी थायरॉक्सिन और टी-3 यानी ट्रायोडोथायरोनाइन कहते हैं। ये सभी हार्मोन हमारे खून में संचालित होते हैं, जिससे हमारे मेटाबॉलिज्म को मदद मिलती है। इसकी मदद से हमारे शरीर को एक निर्धारित गति मिलती है। इसके आधार पर हमारा शरीर फैट, कार्बोहाइड्रेट, शरीर का तापमान, दिल की धड़कन और प्रोटींस का निर्धारण और इस्तेमाल करता है। इसके अलावा हमारी थायरॉइड ग्रंथि कैल्सिटोनिन नामक हॉर्मोन उत्सर्जित करती है, जो खून में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करता है। जब गोइटर (घेंघा) होता है तो जरूरी नहीं है कि हमारी थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर रही है। थायरॉइड के उपरोक्त सभी फंक्शन को डॉक्टर्स चेक कर इसका पता लगा सकते हैं। यूं तो गोइटर की प्रमुख वजह आयोडीन की कमी को माना जाता है लेकिन इसके निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं।
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आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine)
थायरॉइड हॉर्मोन्स के निर्माण के लिए आयोडीजन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। आयोडीन खासकर समुद्री पान, नमक और समुद्र इलाकों में पाया जाता है। आमतौर पर देखा जाता है कि जो लोग ऊंची और पहाड़ी जगहों पर रहते हैं उनमें आयोडीन की कमी देखी जाती है। इसी वजह से जब थायरॉइड ग्रंथि ज्यादा आयोडीन प्राप्त करने के लिए फैलने लगती है तो गोइटर जन्म ले लेता है।
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