एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) के अनुसार, फूड स्क्रैप और यार्ड वेस्ट से 28% से अधिक कचरा बनता हैं। जैविक खाद बनाकर कचरे में फेंके गए भोजन की मात्रा को कम किया जा सकता है। भारत में हर दिन अर्बन क्षेत्रों में एक व्यक्ति लगभग 700-800 ग्राम सॉलिड वेस्ट फेंक देता है। क्या आप जानते हैं कि इस कचरे से ऑर्गनिक खाद घर पर ही बना सकते हैं। कम्पोस्टिंग से मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो पौधों को बढ़ने में मदद कर सकती है। यह खाद या ह्यूमस का उपयोग लोग बगीचों में, खेतों और मल्च के रूप में भी कर सकते हैं। मल्च गीली मिट्टी की सतह पर लगाई जाने वाली सामग्री की एक लेयर है। इससे मिट्टी की नमी और क्वालिटी में सुधार होता है। जैविक खाद से व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी लाभ हो सकते हैं।
कम्पोस्टिंग (composting) क्या है?
कम्पोस्टिंग कुछ खाद्य और यार्ड उत्पादों को रिसाइकल करने का एक प्राकृतिक तरीका है। यह लोगों को पर्यावरण की मदद करने और पौधों को बढ़ने के लिए मिट्टी को समृद्ध बनाने का एक बेहतरीन तरीका है। यह ऑर्गेनिक कंपोस्ट या फर्टिलाइजर घर में या खेतों में उगाने वाले पौधों के लिए ही अच्छा माना जाता है। इसमें किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थ न होने से यह सॉइल हेल्थ के साथ-साथ ह्यूमन हेल्थ के लिए लाभदायक है। कई लोग पर्यावरण और व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारणों से खाद बनाने का निर्णय लेते हैं। खाद बनाने से लैंडफिल में अपशिष्ट को कम करने में भी मदद मिलती है।
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जैविक खाद के फायदे-
ईपीए के अनुसार, कंपोस्टिंग :
- मीथेन को कम करता है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है जो लैंडफिल से आती है।
- रासायनिक उर्वरकों (chemical fertilizers) की आवश्यकता को कम या समाप्त करता है।
- किसानों के लिए उच्च फसल की उपज को बढ़ावा देता है।
- खराब गुणवत्ता वाली मिट्टी में सुधार करके जंगलों, वेटलैंड्स (wet lands)और हैबिटेट्स को रिस्टोर करने में मदद करता है।
- हानिकारक कचरे से मिट्टी को दूषित होने से बचाने में मदद करता है।
- मिट्टी की नमी के स्तर को बनाए रखने में मददगार, जिससे पानी की आवश्यकता कम हो जाती है।
- वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करता है।
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ऑर्गेनिक कंपोस्ट से मानव-शरीर को स्वास्थ्य लाभ
- खाद्य पदार्थों को मिट्टी में उगाया जाता है, जो हमारे शरीर को बढ़ने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और खनिजों की आपूर्ति करता है। आहार की क्वालिटी और प्रोडक्टिविटी इस बात पर निर्भर करती है कि फूड कैसे उगाया गया है। “स्वस्थ मिट्टी फूड सिस्टम का आधार है। स्वस्थ फसलों के उत्पादन से ही लोगों को पोषण मिलता है।’
- ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी आती है। वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि से व्यक्ति में जिंक की कमी हो सकती है। इसके साथ ही मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी भोजन में कम पोषक तत्वों को जन्म दे सकती है।
- घर पर खाद बनाने से इनडाइरेक्ट कुछ स्वास्थ्य लाभ व्यक्ति को भी हो सकते हैं। अगर कोई अपने घर के बगीचे में ऑर्गेनिक खाद का उपयोग करता है, तो उन्हें स्वस्थ फलों, सब्जियों और स्वस्थ पौधों की समस्या से जूझना नहीं पड़ता है। नतीजन, कंपोस्टिंग से हेल्दी फूड्स पाना आसान हो सकता सकता है।
- ऑर्गेनिक खाद से स्वस्थ आहार और पोषण मिलता है।
- कुछ शोध बताते हैं कि कीटनाशकों का कैंसर से संबंध हो सकता है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो मानव स्वास्थ्य पर पेस्टिसाइड्स (कीटनाशक) के खतरनाक प्रभाव से बचने के लिए कोई अल्टरनेटिव ढूढ़ने की तत्काल आवश्यकता है। ऐसे में जैविक खाद एक अच्छा ऑप्शन है।
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घर पर जैविक खाद कैसे बनाएं?
संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार, खाद को चार अवयवों की आवश्यकता होती है:
- हरे पदार्थ (नाइट्रोजन में उच्च)
- भूरे पदार्थ (कार्बन में उच्च)
- नमी (पानी)
- ऑक्सीजन (हवा)
नाइट्रोजन : ग्रीन पदार्थ में नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक पदार्थ शामिल हैं, जो खाद के लिए अमीनो एसिड और प्रोटीन प्रदान करता है। ग्रीन चीजों में शामिल हैं:
- फल और सब्जी के टुकड़े, छिलके और बीज
- गायों, भेड़ और बकरियों जैसे शाकाहारी जीवों से खाद
- पका हुआ चावल
- सब्जियों और फलों का बचा हुआ कचरा
- अंडे का छिलका आदि।
कार्बन : भूरे पदार्थ कार्बन युक्त होते हैं। जैसे-
- सूखी पत्तियां
- सूखी घास या भूसा
- पेड़ की शाखाएं और टहनियां
- कार्डबोर्ड
- लकड़ी का पाउडर
- फूलों की कतरन आदि।
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जैविक खाद बनाने की विधि
- एक बड़ा सा कंपोस्ट बिन (Compost Bin), मेटल कंटेनर या प्लास्टिक बिन लें। आप चाहें तो घर के बगीचे या बैकयार्ड में एक छोटा-सा गड्ढा (Compost Pit) खोद सकते हैं। फिर कंपोस्ट बिन के चारों ओर चार से पांच और बॉटम में कुछ छेद कर दें जिससे कि उसमें हवा लग सके।
- कंटेनर के निचले भाग में थोड़ी-सी मिटटी डालें। उसके ऊपर एक भाग हरे पदार्थ और तीन भाग भूरे पदार्थ भरना शुरू करें। परतों में इस सामग्री को इस ही अनुपात में डालते जाएं।
- जब कंपोस्ट बिन भर जाए तो उसे एक लकड़ी के फट्टे या प्लास्टिक के ढक्कन से ढक दें। ढकने से कंटेनर के अंदर नमी बनी रहती है।
- सप्ताह में कम से कम एक बार कंपोस्ट मटेरियल (compost material) को चलाते रहें। अगर कंटेनर के अन्दर मिक्चर ज्यादा सूखा हुआ हो तो हाथों से हल्का-हल्का पानी का छिड़काव करके बिन को फिर से ढक दें।
- जब कंपोस्ट मिक्चर मिट्टी की तरह दिखने वाले गहरे भूरे, सूखे, खुरदरे पदार्थ में बदल जाए तो समझ लिए ऑर्गेनिक खाद तैयार है। अब इसे आप बगीचे या यार्ड में उपयोग कर सकते हैं।
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जैविक खाद बनाने के लिए क्या ना डालें?
- बदबूदार एक-दो दिन पुराना खाना
- रसायन पदार्थ
- मांस और हड्डियां
- प्लास्टिक बैग या पॉलिथीन
- दही, दूध, पनीर, मक्खन, और अन्य डेयरी उत्पाद
- अंडे की जर्दी और सफेद भाग
- चिकना खाद्य पदार्थ या तेल
- रोगग्रस्त पौधे आदि।
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टिप्स
खाद से किसी तरह की स्ट्रॉन्ग गंध नहीं आनी चाहिए। ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को बनाने के लिए निम्नलिखित सुझावों पर ध्यान दें:
- यदि कंपोस्टिंग मटेरियल बहुत गीला है या उसमें से बहुत गंदी गंध आ रही है, तो उसमें और भूरा पदार्थ मिलाएं और ऑक्सीजन के लिए उसे चलाते रहें।
- यदि कंपोस्टिंग मटेरियल बहुत सूखा है, तो पानी की थोड़ी मात्रा के साथ कुछ और हरा पदार्थ मिलाएं।
हरे पदार्थ के साथ बहुत ज्यादा पानी डालने से बचें। खाद नम होनी चाहिए, लेकिन गीली नहीं।
कंपोस्टिंग लैंडफिल कचरे को कम करने और फसलों और पौधों को बढ़ने में मदद करने के लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक तरीका है। यह मिट्टी में पोषक तत्वों को बढ़ाकर आहार को और हेल्दी बनाता है। ऑर्गेनिक कंपोस्ट से रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग कम करने की जरूरत होती है, जो स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
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