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Mammography: मैमोग्राफी क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

    Mammography: मैमोग्राफी क्या है?

    बदलते लाइफस्टाइल में ब्रेस्ट कैंसर के पेशेंट की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका एक कारण ये भी है की वक्त की कमी और बढ़ती जिम्मेदारी की वजह से महिलाएं अपना ख्याल रखने में पीछे रह जाती हैं। ऐसे में शरीर में हो रहे बदलाव पर ध्यान नहीं देती हैं। लेकिन, शरीर के साथ-साथ स्तनों पर भी ध्यान देना जरूरी है। स्तनों में हो रहे बदलाव कैंसर की ओर इशारा करते हैं। हम जानते हैं कि, मैमोग्राफी (Mammography) बेस्ट कैंसर के इलाज में क्या भूमिका निभाती है।

    मैमोग्राफी क्या है? (Mammography)

    मैमोग्राफी एक एक्स-रे प्रोसेस है। जिससे ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) और ब्रेस्ट से जुड़ी अन्य परेशानियों को आसानी से समझा जा सकता है। मैमोग्राफी से ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती स्टेज की जानकारी मिल जाती है, जिससे इलाज आसानी से और सही तरीके से किया जाता है। डॉक्टर अगर पेशेंट को मैमोग्राफी करवाने की सलाह देते हैं, तो गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से अपनी गर्भावस्था की जानकारी जरूर देनी चाहिए। टेस्ट के पहले किसी भी तरह के क्रीम, लोशन या परफ्यूम का इस्तेमाल न करें और अपने ब्रेस्ट पर भी न लगाएं।

    मैमौग्राफी टेस्ट महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही होता है। ऐसे पुरुष जिनकों मेन्स बूब्स की समस्या होती है उन्हें भी डॉक्टर मैमोग्राफी की सलाह दे सकते हैं। मैमोग्राफी एक तरह का स्क्रीनिंग टेस्ट (Screening Test) होता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, त्वचा कैंसर के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ भारत में भी ब्रेस्ट कैंसर की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की समस्या न सिर्फ महिलाओं के स्तनों में बल्कि पुरुषों के स्तनों में भी देखी जाती है। अमेरिका में हर साल पुरुषों में स्तन कैंसर के लगभग 2,300 नए मामले सामने आते हैं और हर साल महिलाओं में लगभग 230,000 नए मामले ब्रेस्ट कैंसर के सामने आते हैं।

    और पढ़ें : लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर (Lobular breast cancer) क्या है ?

    मैमोग्राफी दो तरह के होते हैंः

    1. डिजिटल मैमोग्राफी (Digital Mammography)

    2. सीएडी (Computer-Aided Detection)

    मैमोग्राफी के दौरान क्या होता है? (Mammography Process)

    • पेशेंट को पेपर (कागज) से बने कपड़े पहनाए जाते हैं।
    • दोनों ब्रेस्ट के दो-दो एक्स-रे (X-ray) लिए जाते हैं।
    • टेस्ट के दौरान ब्रेस्ट को दबाया जाता है हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन, हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
    • एक्स-रे के दौरान डॉक्टर पेशेंट को गहरी सांस लेने की सलाह देते हैं और कुछ सेकेंड के लिए सांस होल्ड करने के लिए कहते हैं।

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    मैमोग्राफी से मिले रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट में उपलब्ध गांठ (Lump) की जानकरी आसानी से मिल जाती है। यह जरूरी नहीं की गांठ कैंसर ही हो। कई बार जांच के दौरान निकलने वाले रेडिएशन की वजह से महिला या परिवार के सदस्य चिंतित भी हो जाते हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स मानते हैं की मैमोग्राम के दौरान निकलने वाले रेडिएशन से खतरा न के बराबर होता है।

    अगर इस स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान आपके स्तनों में किसी तरह की कोई गांठ या कैंसर के अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपका डॉक्टर नैदानिक ​​मैमोग्राम का आदेश दे सकते हैं।

    और पढ़ें : मेल ब्रेस्ट कैंसर के क्या हैं कारण, जानिए लक्षण और बचाव

    मैमोग्राफी (Mammography) किन्हें करानी चाहिए?

    ज्यादातर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आप एक स्वस्थ्य महिला या पुरुष हैं और आपकी उम्र 40 से अधिक है, तो आपको साल में दो बार मैमोग्राफी करानी चाहिए। ताकि, अगर आपके स्तनों में किसी तरह की समस्या है, तो उसकी जांच की जा सके। इसके अलावा अगर आपको स्तनों में दर्द, सूजन, लालिमा या गांठ जैसे कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो भी आपको अपने डॉक्टर की सलाह पर मैमोग्राफी करानी चाहिए। हालांकि, मैमोग्राफी कराने के लिए कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, इसलिए हर बार मैमोग्राफी कराने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके अलावा अगर आप 40 साल से कम उम्र की हैं और आपके स्तनों में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है, तो आपको यह स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं करवाना चाहिए।

    और पढ़ें : ऐसे 5 स्टेज में बढ़ने लगता है ब्रेस्ट कैंसर

    ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज के बारे में जानने के लिए देखिए ये 3डी मॉडल:

    मैमोग्राफी के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए? (Preparation For Mammography)

    मैमोग्राफी कराने से पहले आपके चिकित्सक आपको कुछ जरूरी दिशा निर्देश देंगे जिसका आपको स्क्रीनिंग टेस्ट से पहले पालन करना होगा। जिनमें शामिल हो सकते हैंः

  • यह स्क्रीनिंग टेस्ट कराने से पहले आपको किसी भी तरह का डिओडोरेंट, बॉडी पाउडर या इत्र अपने स्तनों पर नहीं लगाना होगा।
  • साथ ही, आपको स्तनों या अंडरआर्म्स पर किसी तरह की कोई दवा या क्रीम भी नहीं लगानी चाहिए।
  • इसके अलावा किसी भी तरह के चिकनाई युक्त या तैलीय पदार्थों को भी स्तनों पर नहीं लगाना चाहिए। इसे उत्पादों के कारण मैमोग्राफी के दौरान मिलने वाली छवियां का परिणाम गलत आ सकता है। इस तरह के पदार्थ टेस्ट के दौरान कैल्सिफिकेशन या कैल्शियम जमा जैसे दिख सकते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
  • अगर आप गर्भवती हैं या ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं, तो इस स्क्रीनिंग टेस्ट से पहले इसकी जानकारी अपने रेडियोलॉजिस्ट को अवश्य बताएं। सामान्य तौर पर, प्रेग्रेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान रेडियोलॉजिस्ट मैमोग्राफी की सलाह नहीं देते हैं। इसके कारण गर्भ में पल रहे भ्रूण और स्तनपान करने वाले शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, स्थिति को देखते हुए इसके बारे में आपके चिकित्सक उचित विचार कर सकते हैं। मैमोग्राफी की जगह पर वो अन्य स्क्रीनिंग विधियों, जैसे कि अल्ट्रासाउंड का भी आदेश दे सकते हैं।
  • मैमोग्राफी के कारण किस तरह के स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं? (Mammography Risk)

    किसी भी प्रकार के एक्स-रे कराने या मैमोग्राफी (Mammography) के दौरान बहुत कम मात्रा में विकिरण शरीर के अंदर प्रेवश करते हैं। हालांकि, ऐसा होने के जोखिम बहुत कम होते हैं। अगर आपके रेडियोलॉजिस्ट को लगता है कि इस स्क्रीनिंग टेस्ट के कारण किसी भी तरह की जटिलताएं हो सकती हैं, तो वे आपको मैमोग्राफी कराने से पहले सीसा एप्रन पहने की सलाह दे सकते हैं।

    और पढ़ें : स्तन से जुड़ी हर परेशानी कैंसर नहीं होती

    ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) से बचने के लिए या अगर इससे पीड़ित हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखेंः

    मेमोग्राफी

    • शराब (Alcohol), ध्रूमपान (Smoking) और तम्बाकू जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
    • वजन संतुलित रखें।
    • ध्रूमपान कर रहें व्यक्तियों के पास खड़े नहीं रहें।
    • गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन न करें
    • एल्कोहॉल, सिगरेट और तंबाकू-गुटखा का सेवन न करें।
    • जंक फूड (Junk Food) को अपने आहार में शामिल नहीं करें।
    • पौष्टिक आहार और पानी का सेवन करें।
    • महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाना चाहिए।
    • डॉक्टरों के संपर्क में रहें।

    ब्रेस्ट कैंसर या शरीर से जुड़ी किसी भी परेशानी को नजरअंदाज नहीं करें। क्योंकि छोटी सी बीमारी ही बड़ी हो जाती है और फिर इससे लड़ना मुश्किल हो जाता है। इसलिए लक्षण नजर आने पर या परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।

    अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और मेमोग्राफी से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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