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मैमोग्राफी से मिले रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट में उपलब्ध गांठ (Lump) की जानकरी आसानी से मिल जाती है। यह जरूरी नहीं की गांठ कैंसर ही हो। कई बार जांच के दौरान निकलने वाले रेडिएशन की वजह से महिला या परिवार के सदस्य चिंतित भी हो जाते हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स मानते हैं की मैमोग्राम के दौरान निकलने वाले रेडिएशन से खतरा न के बराबर होता है।
अगर इस स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान आपके स्तनों में किसी तरह की कोई गांठ या कैंसर के अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपका डॉक्टर नैदानिक मैमोग्राम का आदेश दे सकते हैं।
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मैमोग्राफी (Mammography) किन्हें करानी चाहिए?
ज्यादातर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आप एक स्वस्थ्य महिला या पुरुष हैं और आपकी उम्र 40 से अधिक है, तो आपको साल में दो बार मैमोग्राफी करानी चाहिए। ताकि, अगर आपके स्तनों में किसी तरह की समस्या है, तो उसकी जांच की जा सके। इसके अलावा अगर आपको स्तनों में दर्द, सूजन, लालिमा या गांठ जैसे कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो भी आपको अपने डॉक्टर की सलाह पर मैमोग्राफी करानी चाहिए। हालांकि, मैमोग्राफी कराने के लिए कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, इसलिए हर बार मैमोग्राफी कराने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके अलावा अगर आप 40 साल से कम उम्र की हैं और आपके स्तनों में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है, तो आपको यह स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं करवाना चाहिए।
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ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज के बारे में जानने के लिए देखिए ये 3डी मॉडल:
मैमोग्राफी के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए? (Preparation For Mammography)
मैमोग्राफी कराने से पहले आपके चिकित्सक आपको कुछ जरूरी दिशा निर्देश देंगे जिसका आपको स्क्रीनिंग टेस्ट से पहले पालन करना होगा। जिनमें शामिल हो सकते हैंः