मूल बातों को जानें
ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) क्या होता है?
ऑस्टियो सार्कोमा हड्डियों में होने वाला ऐसा घाव है जो कैंसर (Cancer) में बदल जाता है। इसे एक प्रकार का बोन कैंसर भी कहते हैं। यह आमतौर पर घुटने के पास पिंडली में होता है। इसके अलावा यह कैंसर जांघ की हड्डी और कंधे के पास की हड्डी में हो सकता है। जबड़े की हड्डियों (Bone) और लंबी हड्डियों में ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) तेजी से फैलता है।
आमतौर पर ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) उन लोगों में विकसित होता है जिन्हें कोई अन्य बीमारी नहीं होती है। ये बीमारी अनुवांशिक होती है। लेकिन कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि परिवार में किसी को भी ये बीमारी नहीं है फिर भी आपको हो सकती है। अगर परिवार में किसी एक को भी ये बीमारी होती है तो डॉक्टर बाकी सदस्यों में इस बीमारी की पहचान आसानी से कर सकता है। जिसको ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) होता है उन रोगियों में कैंसर (Cancer) होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
और पढ़ें: Black eye: काली आंख क्या है?
ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) किशोरावस्था में ही हो जाता है और इलाज न कराने पर बढ़ता रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किशोरावस्था में तेजी से हड्डियों का विकास (Bone growth) होता है और ऐसे में ट्यूमर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
कितना आम है ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma)?
बच्चों में हड्डी के कैंसर का सबसे आम प्रकार ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह कैंसर (Cancer) अधिक पाया जाता है। ऑस्टियो सार्कोमा लंबे बच्चों और अफ्रीकी- अमेरिकी बच्चों में ज्यादा देखा गया है। बच्चों को यह कैंसर होने की औसत आयु 15 है। वहीं बुजुर्गों में यह कैंसर 60 साल की उम्र में पनपता है। इसके अलावा ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
और पढ़ें :Broken (fractured) forearm: फोरआर्म में फ्रैक्चर क्या है?
लक्षण
ऑस्टियो सार्कोमा के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Osteosarcoma)
ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) के सामान्य लक्षण निम्न हैं—
- हड्डियों (Bone) के सिरों के आसपास सूजन या गांठ।
- हड्डी और जोड़ों का दर्द। यह दर्द महीनों तक बना रहता है।
- किसी घटना की वजह से अगर कोई हड्डी टूट जाती है तो भी ऑस्टियो सार्कोमा हो सकता है।
- इसके अलावा खेलने या एक्सरसाइज (Workout) करने के दौरान बच्चे की हड्डियों में दर्द होना।।
- ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दर्द और सूजन कैंसर का कारण हो सकती है।
और पढ़ें: Broken Neck: गर्दन में फ्रैक्चर क्या है?
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
दिए गए लक्षणों में अगर कुछ भी नजर आए तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। हड्डियों में दर्द या सूजन आम बात नहीं है।
कारण
ऑस्टियो सार्कोमा के कारण क्या हैं? (Cause of Osteosarcoma)
- बच्चे के डीएनए में कमी होने से ऐसा हो सकता है। हड्डियां बढ़ने पर भी यह ऑस्टियो सार्कोमा ट्यूमर (Tumor) बनाती हैं।
- बढ़ती हुई उम्र में ऑस्टियो सार्कोमा होने की सबसे अधिक संभावना होती है।
- लंबे बच्चों को इसका खतरा अधिक होता है। वैज्ञानिक अभी इस पर और अध्ययन कर रहे हैं।
- रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy) और सर्जरी से इसका इलाज किया जा सकता है। यह बीमारी आनुवांशिक भी हो सकती है।
अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या महसूस हो रही है, या फिर बच्चे को किसी प्रकार की दिक्कत लग रही हो तो लापरवाही बिल्कुल न बरतें। डॉक्टर के पास जाकर जांच कराएं और साथ ही ट्रीटमेंट कराते समय धैर्य रखें।
और पढ़ें: Campylobacter : कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन क्या है?
खतरों के कारण
क्या चीजें हैं जो ऑस्टियो सार्कोमा या हड्डी के कैंसर (Bone cancer) की संभावना को बढ़ा सकती हैं?
सही समय पर अगर डॉक्टर को नहीं दिखाया तो परेशानी बढ़ सकती है। कई बार रेडियो थेरेपी (Radiotherapy) भी काम नहीं करती है। ऐसे में शरीर का वो हिस्सा काटना पड़ता है। युवावस्था में इस तरह की बीमारी फेफड़ों (Lungs) में भी फैल सकती है। अगर आपको इस बीमारी के संबंध में कोई भी जानकारी चाहिए तो आप कैंसर विशेषज्ञ से भी परामर्श कर सकते हैं। कैंसर से डरने के बजाय उसका समय पर इलाज कराएं।
जांच और इलाज
ऑस्टियो सार्कोमा का परीक्षण कैसे किया जा सकता है? (Diagnosis of Osteosarcoma)
- बच्चों को ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) जल्द हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर सबसे पहले हड्डी में दर्द और सूजन का पता लगाता है। डॉक्टर बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री भी देखते हैं।
- इसके बाद वो ट्यूमर के टेस्ट करते हैं। ब्लड सैंपल (Blood sample) से ये टेस्ट होते हैं।
- इसके अलावा बच्चे का सीटी स्कैन (CT Scan) भी किया जाता है।
- साथ ही एमआरआई (MRI) के जरिए भी कैंसर डाइगनोज हो सकता है।
- एक्स रे (X-Ray) भी कैंसर पता लगाने का अच्छा साधन है।
- टिशू सैंपल लेकर उसका परीक्षण किया जाता है।
ऑस्टियो सार्कोमा का इलाज कैसे करें? (Treatment for Osteosarcoma)
- बच्चों और वयस्कों दोनों को ऑस्टियो सार्कोमा हो सकता है। ऐसे में हर किसी का इलाज अलग तरह से होगा। डॉक्टर देखते हैं कि ट्यूमर तेजी से बढ़ रहा है या उसकी रफ्तार धीमी है।
- साथ ही मरीज को कीमोथेरेपी (Chemotherapy) और सर्जरी द्वारा भी ठीक किया जाता है।
- सर्जरी करने का मकसद ये होता है कि पूरी तरह से कैंसर (Cancer) को बाहर निकाल दिया जाए।
- अगर ट्यूमर (Tumor) बड़ा है तो डॉक्टर हाथ या पैर के उस हिस्से को बाहर निकाल देता है। जिससे कैंसर पूरे शरीर में न फैले।
- ऐसी सर्जरी के ज्यादा साइड—इफेक्ट नहीं होते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें: Chikungunya : चिकनगुनिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
- हर बार रेडियो थेरेपी कारगर नहीं होती है। कुछ मामलों में डॉक्टर को कीमोथेरेपी भी करनी पड़ती है।
- कीमोथेरेपी से कैंसर के जीवाणु को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश की जाती है।
- कुछ मामलों में कीमो और सर्जरी दोनों की जरूरत पड़ती है। कीमो में उल्टी आना, भूख न लगना और डायरिया जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
जीवन शैली और घरेलू उपाय
ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) या हड्डी के कैंसर से बचाव के लिए जीवन शैली और घरेलू उपाय में करें बदलाव
ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) या हड्डी के कैंसर से बचाव के लिए लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करना बहुत जरूरी है। अगर जीवन शैली में बदलाव किया जाए तो कई बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। बच्चों और बुजुर्गों में ये कैंसर ज्यादा पाया जाता है, इसलिए सावधान रखने की जरूरत है। बच्चों को बचपन से ही अच्छी आदतों के बारे में बताएं। हेल्दी फूड (Healthy food), फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity), हैप्पीनेस (Happiness) आदि को अपनाकर लाइफ स्टाइल में चेंज किया जा सकता है।
- बच्चों और बुजुर्गों में ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) के ज्यादा मामले देखने को मिले हैं।
- ऐसे में बस बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।
- बढ़ती उम्र में बच्चों का समय—समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहना चाहिए।
- हड्डी में दर्द (Bone pain) या सूजन को हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
- वहीं बुजुर्गों में भी 60 की उम्र के समय ऑस्टियो सार्कोमा जैसा बोन कैंसर हो सकता है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।