कैंसर की बीमारी में सेल्स यानी की कोशिकाओं में तेजी से ग्रोथ शुरू हो जाती है। कोशिकाओं का विभाजन या डिवीजन सभी के शरीर में होता है। जब नई सेल्स यानी की कोशिकाएं पुरानी हो जाती है, तो उनके स्थान पर नई कोशिकाएं बनती है। नई कोशिकाओं का बनना एक साधारण प्रक्रिया है लेकिन जब किसी कारणवश किसी कोशिकाओं में तेजी से विभाजन होने लगता है और नई कोशिकाएं बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं, तो कैंसर की समस्या हो जाती है। यह समस्या शरीर के शरीर के एक हिस्से में शुरू होकर धीरे-धीरे फैलने लगती है। अगर ध्यान ना दिया जाए तो यह समस्या एडवांस स्टेज में पहुंच जाती है। इस स्टेज में कैंसर का ट्रीटमेंट करना बहुत कठिन हो जाता है। ट्रीटमेंट समय पर न मिल पाने के कारण पेशेंट की मृत्यु हो जाती है। स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर (Stage 4 Prostate Cancer) क्या होता है और कैसे किया जाता है इस बीमारी का ट्रीटमेंट, जानिए इस आर्टिकल के माध्यम से।
और पढ़ें: चाइल्डहुड कैंसर और जेनेटिक टेस्ट : बच्चों में होने वाले कैंसर की जांच में मददगार!
स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर (Stage 4 Prostate Cancer) क्या है?
प्रोस्टेट कैंसर वह कैंसर है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होता है। एडवांस प्रोस्टेट कैंसर या स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर तब होता है, जब ये कैंसर प्रोस्टेट से शरीर के अन्य भाग में भी फैल जाता है। अगर प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआती स्टेज में इसे ट्रीट नहीं किया जाता है, तो ये स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर (Stage 4 Prostate Cancer) में पहुंच जाता है।
ओरिजिनल ट्यूमर के फट जाने से शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर फैलने लगता है। इसे लोकलाइज मेटास्टैटिक्स (Localized metastasis) भी कहते हैं। यह लिंफेटिक सिस्टम (Lymphatic system ) के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैलता है। इस कारण से शरीर के विभिन्न अंग कैंसर से ग्रसित हो जाते हैं। धीरे-धीरे ऑर्गन में कैंसर युक्त ट्यूमर बनने लगते हैं। इसमें एड्रेनल ग्लैंड, लिवर आदि शामिल हैं। स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर (Stage 4 Prostate Cancer) कैंसर का बढ़ा हुआ रूप है। अगर समय पर इसका ट्रीटमेंट करा लिया जाए, तो कैंसर को बढ़ने से रोका जा सकता है।
और पढ़ें: स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर (Stage 4 Breast Cancer): कारण, लक्षण, इलाज और बचाव
स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर के क्या होते हैं लक्षण?
कैंसर की बीमारी का अक्सर शुरुआती समय में पता नहीं चल पाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि शुरुआती कैंसर में कुछ लोगों को लक्षण नजर नहीं आते हैं। जब यह कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है, तो शरीर में कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं। एडवांस स्टेज तब तक कैंसर एक ऑर्गन से कई ऑर्गन में पहुंच चुका होता है। मेटास्टेटिक कैंसर के कारण कुछ लक्षण जैसे कि वीकनेस, थकान लगना (Fatigue), वजन का अचानक से कम होना (Sudden loss of weight) आदि लक्षण दिख सकते हैं।
कैंसर कितना फैल चुका है उसी के आधार पर उसके लक्षण भी नजर आते हैं। हड्डियों को मेटास्टेसाइज कर चुका कैंसर कई बार फ्रैक्चर या बोन पेन (हड्डियों के दर्द) का कारण भी बन सकता है। अगर कैंसर लिवर में फैल गया है, तो एब्डॉमिनल स्वैलिंग या फिर स्किन का रंग पीला हो सकता है। व्यक्ति को ज्वाइंडिस की समस्या भी हो सकती है। साथ ही सांस लेने में समस्या हो सकती है और साथ ही छाती में दर्द भी हो सकता है। अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और कैंसर की जांच करवानी चाहिए।
और पढ़ें: चाइल्डहुड कैंसर और जेनेटिक टेस्ट : बच्चों में होने वाले कैंसर की जांच में मददगार!
स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर को कैसे किया जाता है डायग्नोज?
प्रोस्टेट कैंसर की जांच करने के लिए डॉक्टर एक्स-रे, सीटी स्कैन (CT scan), एमआरआई स्कैन, पीईटी स्कैन या फिर बोन स्कैन कर सकते हैं। डॉ जांच के लिए तभी सजेस्ट करते हैं, जब पेशेंट ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं। बीमारी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर डायग्नोसिस की हेल्प से ही बीमारी के बारे में पता लगाते हैं। बयोप्सी की मदद से डॉक्टर कैंसर सेल्स का सैंपल लेते हैं और इसकी जांच के लिए लैब में भेजा जाता है। इसकी सहायता से कैंसर है या फिर नहीं इस बारे में जानकारी मिलती है। लैब में कई अन्य जानकारी के लिए भी बायोप्सी का इस्तेमाल किया जाता है।
आपको जो भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि आपको कैंसर की समस्या है। डॉक्टर कई बार शारीरिक परीक्षण करके भी बीमारी के बारे में जानकारी लेते हैं। ऐसे में अन्य टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर डॉक्टर को लगता है कि शरीर में कैंसर की बीमारी हो सकती है, तो ऐसे में सभी टेस्ट करवाए जा सकते हैं। आपको अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
और पढ़ें: लिवर कैंसर के प्रकार (Liver cancer types) के बारे में जान लें
स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर का ट्रीटमेंट (Treatment for advanced prostate cancer)
प्रोस्टेट कैंसर किस कारण से होता है, इस बारे में जानकारी नहीं है। यह कैंसर व्यक्तियों में एक उम्र के बाद होने की संभावना बढ़ जाती है। 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में यह कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। अगर कैंसर के शुरुआती लक्षण नहीं दिखते हैं, तो इसका ट्रीटमेंट करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एडवांस स्टेज कैंसर में ट्रीटमेंट के दौरान और हॉर्मोन थेरिपी, रेडिएशन, कीमोथेरिपी, इम्यूनोथेरिपी, सर्जरी आदि की सहायता ली जाती है। अगर इन सभी माध्यमों से कैंसर को खत्म किया जा सकता है, तो व्यक्ति कैंसर की बीमारी से उबर जाता है। अगर शरीर के विभिन्न भागों में कैंसर फैल चुका है और उसका इलाज अब संभव नहीं है, तो ऐसे में व्यक्ति की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। हार्मोन थेरिपी के दौरान पुरुष हॉर्मोन को सप्रेस कर दिया जाता है, जो प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करती हैं। रेडिएशन के दौरान बीम रेडिएशन की मदद से प्रोस्टेट ग्रंथि या शरीर के किसी अन्य क्षेत्र को लक्षित किया जाता है।जब प्रोस्टेट कैंसर हड्डी में फैल गया हो तो यह लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
कीमोथेरिपी की मदद से शरीर में कैंसर कोशिकाओं को मारा जाता है। यह मौजूदा ट्यूमर को सिकोड़ने का काम करती है और नए ट्यूमर के विकास को धीमा करती है या रोक सकती है। कीमोथेरिपी साइड इफेक्ट्स में मतली, भूख न लगना और वजन कम होना शामिल हैं। ट्यूमर को हटाने के लिए कुछ सर्जरी एक विकल्प के रूप में अपनाई जा सकती हैं। अगर शरीर में कैंसर फैल गया है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह कम ही देते हैं। ट्रीटमेंट के दौरान क्या विधि अपनाई जाएगी, ये कैंसर के विस्तार पर निर्भर करता है। आपको इसके बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी लेनी चाहिए।
और पढ़ें: पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) : न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर का एक प्रकार, जानिए इसके बारे में सबकुछ
इस आर्टिकल में हमने आपको स्टेज 4 प्रोस्टेट कैंसर (Stage 4 Prostate Cancer) से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।