कोरोना वायरस भारत में तेजी से फैल रहा है, ऐसे में कोरोना की जांच तेजी से होना बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस के कारण भारत में 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में भारत में कोरोना के पेशेंट की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में कोरोना वायरस की जांच आने में अभी 24 घंटे से ज्यादा का वक्त लग रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ICMR और यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 डिसीज की जांच करने के लिए रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट किया जाएगा। इसकी सहायता से बीमारी की जांच जल्द हो जाएगी। रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट की खास बात ये है कि इसमें जांच के आधे से एक घंटे के अंदर ही रिपोर्ट आ जाती है।
रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट(Rapid Antibody test) से क्या होगा?
रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट में उंगलियों से ब्लड सैंपल लिए जा सकेंगे या फिर वेंस से भी ब्लड लिया जा सकता है। इसमें कम समय में अधिक लोगों की जांच हो सकेगी। जिस तरह से भारत में कोरोना के पेशेंट तेजी से बढ़ रहे हैं, तेजी से जांच होना भी बहुत जरूरी हो गया है। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट से इस बात का भी पता चल जाएगा कि व्यक्ति वायरस के संक्रमण में आया, तो इसका उस पर कितना प्रभाव पड़ा है। इस बात की भी जानकारी मिल सकेगी कि क्या व्यक्ति के शरीर ने एंटीबॉडी बनाया है या फिर नहीं।
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रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट क्या होता है ?
कोविड-19 की तुरंत जांच के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किया जाएगा। पहले आपको समझना होगा कि एंटीबॉडी क्या है ? जब भी हमारे शरीर में किसी वायरस या पैथोजन का प्रवेश होता है तो शरीर उससे लड़ने के लिए एक सुरक्षा कवच तैयार करने लगता है। इस सुरक्षा कवच को ही एंटीबॉडी का नाम दिया गया है। जिन लोगों के शरीर की इम्यूनिटी अच्छी होती है, उनके शरीर में वायरस से बचाव के लिए जल्दी एंटीबॉडी बनने लगती है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनके शरीर में धीमी गति से एंटीबॉडी बनती है। बुजुर्ग लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। कोरोना वायरस की महामारी के कारण अधिकर बूढ़े लोगों को ज्यादा समस्या हो रही है। वहीं ज्यादा उम्र वाले लोग की इस बीमारी के कारण अधिक मृत्यु हो रही हैं। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट में मुख्य रूप से ब्लड सैंपल में IGG एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। इसमे फिंगर प्रिक का यूज रैपिड टेस्ट के लिए किया जा सकता है, या फिर ये वेन्स ब्लड भी हो सकता है।
कोविड-19 टेस्ट की ये बातें हैं खास
- रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट यानी कोविड-19 टेस्ट शरीर की इंफेक्शन के प्रति प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
- पीसीआर में डायरेक्ट पैथोजन या वायरस का जेनेटिक मैटीरियल को टेस्ट किया जाता है।
- पीसीआर में पैथोजन की जानकारी मिलती है, वहीं एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट में शरीर की वायरस के प्रति प्रतिक्रिया की जानकारी मिलती है।
- एंटीबॉडी को डेवलप होने में दो से तीन हफ्तों का समय लग सकता है। लेकिन ये बात वायरस के इंफेक्शन पर निर्भर करती है। ऐसा सार्स कोरोना वायरस केस में भी देखने को मिला था।
- पीसीआर को अधिक कंक्लूसिव टेस्ट माना जाता है।
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रेपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट: जानिए क्या कहा है ICMR ने
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि जिस स्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण के ज्यादा मामले आए हैं, उन क्लस्टर या हॉटस्पॉट इलाकों में रेपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट किया जाएगा।ICMR की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमे उन मरीजों को 14 दिन होम क्वारनटीन के लिए कहा गया है, जिनमें इंफ्लूएंजा के लक्षण जैसे कि खांसी, बुखार या जुकाम रहा हो। रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट से कोविड-19 के मरीजों की जांच जल्द हो जाएगी। रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट ब्लड से रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज को ट्रीटमेंट दिए जाने और होम क्वारनटीन किए जाने की बात भी कही गई है। नए प्रकार का कोविड-19 टेस्ट कितना असरदार रहेगा, ये कुछ समय बाद ही पता चल पाएगा।
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कोरोना वायरस के ये लक्षण दिखें तो तुरंत कराएं टेस्ट
जिन व्यक्तियों को कार्डियोपल्मोनरी रोग ( cardiopulmonary disease) या कमजोर इम्युन सिस्टम है, उन वयस्कों, बूढ़ों और बच्चों में ये वायरस आसानी से प्रवेश कर जाता है। वायरस इंफेक्शन के लक्षण सर्दी-जुखाम का एहसास दिला सकते हैं। जानिए क्या होते हैं कोरोना वायरस इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं।
- नाक का बहना (runny nose)
- सिरदर्द की समस्या
- खांसी आना
- गले में खराश महसूस होना (sore throat)
- बुखार महसूस होना
- अस्वस्थ्य होने का सामान्य एहसास
- अस्थमा की समस्या
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कोविड-19 से बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान
कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आप घर के अंदर रहकर सावधानी रखते हैं तो भी कोरोना वायरस की बीमारी से बच सकते हैं। डॉक्टर्स सभी लोगों को सलाह दे रहे हैं कि साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और अपने परिवार को भी वायरस के खतरे से बचाएं।
- बाहर से आने पर तुरंत घर के सामान न छुएं।
- पहले हाथों को अच्छे से साफ करें, साथ ही पैरों को भी धुलें।
- घर में कोई सामान बाहर से लाएं तो उसे अच्छे से सैनिटाइट कर लें।
- बेवजह लोगों से न मिलें, भीड़ न लगाएं।
- आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते के दौरान अपने नाक और मुंह को किसी टिश्यू पेपर या फिर कोहनी को मोड़कर ढकें। साथ ही टिशू पेपर को तुरंत डस्टबिन में फेंक दें। अगर रुमाल का यूज कर रहे हैं तो उसे भी साफ रखें।
- अगर आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें।
- अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की हर सलाह मानें और पूरी जानकारी प्राप्त करते रहें।
- अपने मुंह और नाक को मास्क से अच्छी तरह कवर करें कि उसमें किसी भी तरह का गैप न रहे।
- एक बार इस्तेमाल किए गए मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें।
- मास्क को पीछे से हटाएं और उसे इस्तेमाल करने के बाद आगे से न छूएं।
- इस्तेमाल के बाद मास्क को तुरंत एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।
- आप अगर मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उससे पहले अपने हाथों को एल्कोहॉल बेस्ड हैंड रब या फिर साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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