इस साल हेल्थकेयर सेक्टर काफी सुर्खियों में है और उसकी वजह है कोरोना वायरस महामारी। कोविड-19 ने दुनिया भर के हेल्थकेयर सेक्टर में हलचल मचा दी है। लंबे समय से दुनिया भर के डॉक्टर कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं और संक्रमित लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। डॉक्टर्स के लिए कोरोना पेशेंट की संख्या बढ़ने के साथ ही चैलेंज भी बढ़ता जा रहा है। डॉक्टर्स अपना बेस्ट देकर कोरोना की जंग जीतने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण मानों दुनिया में अशांति छा गई हो। ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। एक लंबे समय तक बंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था प र बुरा असर पड़ा है। लोग इस बीमारी के प्रति अवेयर हो चुके हैं। अब तक सभी लोगों को ये जानकारी हो चुकी है कि कोरोना वायरस श्वास संबंधि रोग (respiratory disease) है। बीमारी के फैलने के साथ ही शरीर में विभिन्न प्रकार के प्रभावों के बारे में भी जानकारी मिल रही है। कुछ डॉक्टर्स ने ये भी माना है कि कोरोना वायरस केवल सांस संबंधि बिमारी ही नहीं है बल्कि ये व्यक्ति के हार्ट को भी प्रभावित कर रही है। यानी कोरोना वायरस और हार्ट के बीच में लिंक है। डॉक्टर्स ने कोरोना पेशेंट की जांच के दौरान कार्डियक इंजुरी के लक्षण दिखने की जानकारी दी है। यानी जो व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद रिकवर हो रहे हैं उनमे कार्डियोवस्कुलर डैमेज और कॉम्प्लीकेशन देखने को मिल रहे हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि हार्ट पर कोविड-19 का प्रभाव या फिर इन दोनों में क्या लिंक है?
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हार्ट पर कोविड-19 का प्रभाव
भारत में अन्य देशों की तुलना में कोरोना वायरस रिकवरी रेट अच्छा है। स्टडी में ये बात भी सामने आई है कि कार्डियोवस्कुलर डिजीज और कोरोना संक्रमण के बीच संबंध है। सैन फ्रांसिस्को में ग्लेडस्टोन इंस्टीट्यूट के रिसर्चर्स ने ये बात साफ बताई और कहा कि कोविड-19 हार्ट को भी नुकसान पहुंचाता है। कोरोना वायरस हार्ट की मसल्स को नुकसान पहुंचाता है। यहीं कारण है कि कोरोना पॉजिटिव करीब 50 प्रतिशत लोगों में हार्ट संबंधि समस्या से ग्रसित होते हैं। एशिया, यूरोप और यूएस में कोविड-19 पेशेंट पर किए गए अध्ययन (पत्रिका PLOS ONE में प्रकाशित शोध के अनुसार) में 21 ऑब्जर्वेशन स्टडी और कुल 77,317 हॉस्पिटलाइज्ड पेशेंट पर शोध किया गया। निष्कर्षों से पता चलता है कि अस्पताल के कुल मरीजों में से 14.09% रोगियों में हार्ट डिजीज संबंधि लक्षण दिखाई दिए। जेएएमए(Journal of American Medical Association) की ओर से 100 कोरोना पेशेंट की गई स्टडी (फ्रैंकफर्ट, जर्मनी) में ये बात सामने आई कि करीब 78 पेशेंट में हार्ट डैमेज और इंफ्लामेशन के लक्षण दिख रहे थे। इन शोध से यही पता चलता है कि हार्ट पर कोविड-19 का प्रभाव अधिक है। इस कारण से कोरोना और हार्ट डिजीज के संबंध में अधिक से अधिक स्टडी की जरूरत है।
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कोरोना का हार्ट पर इफेक्ट : जानिए हार्ट टिशू डैमेज होने के कारण
फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के मुताबिक हार्ट टिशूज के डैमेज होने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ कारण निम्नलिख हैं।
साइटोकिन स्टॉर्म (Cytokine storm)
ये तब होता है जब हमारी बॉडी हमे किसी अटैक से बचाती है। यहां अटैक से मतलब वायरस अटैक से भी हो सकता है। जब शरीर में वायरस का अटैक होता है तो हेल्दी टिशू में सूजन आ सकती है या फिर वो खराब हो सकते हैं। टिशू के डैमेज होने का असर शरीर के कुछ ऑर्गन जैसे कि हार्ट और किडनी पर असर होता है। इसे ही साइटोकिन स्टॉर्म (Cytokine storm) कहते हैं।
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कोरोना का हार्ट पर इफेक्ट : ऑक्सीजन की कमी के कारण (Lack of oxygen)
कोविड-19 के कारण हार्ट मसल्स में इंफ्लामेशन हो सकता है। साथ ही फेफड़ों में पानी भर सकता है। इस कारण ब्लड में कम ऑक्सीजन पहुंच पाती है। इसी कारण से हेल्थ कॉप्लीकेशन भी उत्पन्न हो जाते हैं।
मायोकार्डिटिस या हार्ट की सूजन Myocarditis (inflammation of the heart)
कोविड-19 हार्ट टिशू को डैमेज कर सकता है, जिसके कारण इंफ्लामेशन उत्पन्न हो सकता है। इस इंफ्लामेशन को मायोकार्डिटिस के रूप में जाना जाता है।
कोरोना का हार्ट पर इफेक्ट : स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी (Stress cardiomyopathy)
कार्डियोमायोपैथी एक हार्ट डिसऑर्डर है जो कि हार्ट मसल्स को प्रभावित करता है। इस कारण से ऑर्गन के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। जब ऑर्गन सही तरह से काम नहीं कर पाता है तो ब्लड पंप भी सही से नहीं हो पाता है और धड़कन भी अनियमित हो जाती है। वायरस का हमला होने पर शरीर में एक कैमिलक भी बनता है जिसे कैटेकोलामाइन (catecholamines) कहते हैं। इसी कारण से हार्ट इंजुरी भी हो सकती है। हार्ट पर कोविड-19 का प्रभाव भयानक रिजल्ट के रूप में भी आ सकता है।
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कोरोना का हार्ट पर इफेक्ट : ऑर्गन पर डाल रहा बुरा असर
कोरोना वायरस न सिर्फ सांस संबंधि समस्या पैदा कर रहा है बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स ने जांच में पाया है कि जिन कोरोना पेशेंट को पहले हार्ट संबंधि समस्या नहीं थी, उन्हें भी कुछ कार्डियक इश्यू जैसे कि क्लॉट और एरिथमिया (arrhythmia) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के बाद पेशेंट में मायोकार्डिटिस ( myocarditis ) और पेरिकार्डियल इफ्यूजन (pericardial effusion ) यानी हार्ट के आसपास तरल पदार्थ देखने को मिल रहा है। कुछ कोविड-19 पेशेंट में गिल्लन बर्रे सिंड्रोम (Gullian-Barre syndrome ) के लक्षण भी दिखाई दिए। इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम रिकवरी के बाद नर्व और मसल्स में हमला करना शुरू कर देता है। जो लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, उनमे भावनात्मक तनाव भी देखने को मिल रहा है।
कोरोना वायरस सिर्फ शरीर के एक अंग को प्रभावित नहीं कर रहा है। ये शारीरिक के साथ ही व्यक्ति को मानसिक रूप से भी बीमार कर रहा है। अभी हार्ट पर कोविड-19 का प्रभाव के बारे में अधिक स्टडी की जरूरत है क्योंकि ये साफ नहीं हो पाया है कि वायरस हार्ट को डायरेक्ट डैमेज करता है या फिर ये प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण पैदा हुए इंफ्लामेशन के कारण ऐसा होता है।
अगर आपको कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कोरोना के लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेशन में रखें। अगर आपको कोरोना के अधिक लक्षण महसूस नहीं हो रहे हैं तो आप घर में एक कमरे में आइसोलेट रहे ताकि कुछ दिनों बाद पूर्ण रूप से ठीक हो जाएं। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर परार्श करें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हार्ट पर कोविड-19 का प्रभाव संबंध में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।