अलसी के बीज का परिचय (Uses of Flax Seeds In Hindi)
अलसी या तीसी गर्म जगहों पर उगने वाला पौधा है। अलसी के पौधे का इस्तेमाल भारत समेत कई देशों में रस्सी बनाने के लिए किया जाता है। गाढ़े भूरे रंग का यह बीज दिखने में जितना छोटा होता है। इसके फायदे एक नहीं बल्कि कई ज्यादा है। अलसी के बीज (Flax Seeds) का इस्तेमाल तेल के रूप में साथ ही सब्जी या चटनी के तौर किया जाता है।
अलसी के बीज (Flax Seeds) का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है?
अलसी के बीज (Flax Seeds) का इस्तेमाल प्रमुख तौर पर इन बीमारियों के इलाज में किया जाता है। जैसे:
- कब्ज की परेशानी
- डायरिया की समस्या
- डिवैर्टिकुलोसिस और अल्सरेटिव कोलाइटिस (Diverticulosis and Ulcerative Colitis)
- कोलेस्ट्रॉल लेवल बैलेंस रखने में
- हॉट फ्लेशेज
- ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रहना
- विकिरण से बचाव
- मेनोपॉज और प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से जुड़े हार्मोन के उतार-चढ़ाव
- रुमेटाइड आर्थराइटिस
- सोरायसिस
- सूजन संबंधी बीमारियां
- काम में ध्यान ना लगना या सक्रियता की कमी होना
- खांसी
- ब्रोंकाइटिस
- एम्फायसेमा
- फोड़े-फुंसी
अलसी के बीज कैसे करते हैं काम?
कई औषधीय गुणों से भरपूर अलसी के बीज किस तरह से शरीर के फायदे के लिए काम करते हैं। इस पर अभी तक पूरी तरह से अध्ययन नहीं हुए हैं। अब तक जो भी अध्ययन सामने आए हैं। उसके अनुसार यह शाकाहारी लोगों के लिए वरदान है, क्योंकि मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड अलसी में मौजूद होता है। साथ ही, इसमें लिगनेंस एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर व अल्फा लिनोलिक एसिड भी मौजूद होता है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड अच्छे वसा माने जाते हैं। इससे शरीर का फैट कम करने में मदद मिलती है। अलसी के एक चम्मच में लगभग 1।8 ग्राम ओमेगा 3 पाया जाता है और शरीर से एक्सट्रा चर्बी को कम करने में सहायक होता है।
- अलसी के बीजों में लिगनान पाया जाता है, जो एस्ट्रोजन और एंटीऑक्सिडेंट गुण से भरपूर होता है। किसी अन्य खाद्य पदार्थों से अलसी की तुलना की जाए, तो इसमें 75 से 800 गुणा अधिक लिगनान पाया जाता है।
- अलसी के बीजों की खास बात ये है कि इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के पदार्थ पाए जाते हैं।
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अलसी के बीज का सेवन करते वक्त सावधानियां और चेतावनी (Flax Seeds Caution and Warning In Hindi)
अलसी के बीज का सेवन करते वक्त सावधानियां और चेतावनी
अगर आप गर्भवती हैं या फिर शिशु को स्तनपान करवा रही हैं, तो अलसी के बीजों का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
- ऐसा इसलिए है कि गर्भावस्था में महिला को खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में अगर अलसी का सेवन किया जाए, तो कई बार यह नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
- अगर आप कोई स्वास्थ्य संबंधी दवाई का सेवन कर रहे हैं, तो इसका सेवन करने से बचें।
- अगर आपको किसी तरह की एलर्जी है, तो अलसी का सेवन बिना डॉक्टर के सुझाव के न करें।
- आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या कोई चिकित्सीय उपचार चल रहा है, तो इसका सेवन न करें।
- यदि आपको किसी तरह के खाने, जानवर या सामान से एलर्जी है, तो अलसी का सेवन करने से बचना चाहिए।
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम एलोपैथिक दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
कितना सुरक्षित है अलसी का सेवन? (How safe is flaxseed consumption?)
कुछ ही लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि अलसी के बीज शरीर को गर्मी देते हैं। इसलिए आप गर्भवती हैं या फिर शिशु को स्तनपान करवा रही हैं, तो अलसी के बीजों को सेवन न करें। इस नाजुक वक्त में असली का सेवन करने से आपके और आपके बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। इसलिए इस दौरान अलसी का सेवन करने से पहले हर्बलिस्ट और डॉक्टर से पहले सलाह लें।
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अलसी की बीजों के साइड इफेक्ट (Side effect of using Flax Seeds In Hindi)
अलसी के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं :
अलसी के सेवन से जुड़े दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
- पेट फूलना
- पेट दर्द
- कब्ज
- डायरिया
- सूजन
- गैस
- छाती और नसों के बीच दर्द होना
हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको अलसी के बीजों के सेवन के दौरान इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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अलसी के बीज के प्रभाव (Interaction of using Flax Seeds In Hindi)
अलसी के बीज (Flaxseed) के सेवन से अन्य किन-किन चीजों पर प्रभाव पड़ सकता है?
अलसी के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
अलसी के सेवन से नीचे बताई गई बीमारियों पर प्रभाव पड़ सकता है :
- मधुमेह (डायबीटिज)
- प्रोस्टेट की समस्या
- सिजोफ्रेनिया
- शौच में रुकावट
- रक्त विकार (Bleeding disorders)
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़े रोग (Gastrointestinal (GI) obstruction)
- हॉर्मोन सेंसटिव कैंसर
- उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर (हाइपरट्रिग्लिसराइडिमिया)
- निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन)
- उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर)
इन दवाइयों के असर को भी प्रभावित कर सकते है अलसी के बीज :
- डायबिटीज की दवाइयां (एंटीडायबिटीक ड्रग्स) : अलसी के बीज ब्लड शुगर का लेवल कम कर सकते हैं। डायबिटीज की दवाइयां भी ब्लड शुगर (Blood sugar level) के लेवल को कम करती हैं। इसलिए अगर आप डायबिटीज की दवाइयों के साथ अलसी के बीजों का सेवन करते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा कम हो सकता है। कोशिश करें कि नियमित रूप में अपने ब्लड शुगर का ध्यान रखें और ऐसी हालत में आपको डायबिटीज की दवाइयों की खुराक भी बदलनी पड़ सकती है। डायबिटीज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं में ग्लिमेपीराइड (एमरील), ग्लाइबुराइड (डायबेटा, ग्लीनेज प्रेसटैब, माइक्रोनेज), इंसुलिन, पियोग्लिटाजोन (एक्टोस), रोसिगैलेजोन (अवांडिया), क्लोरप्रोपामाइड (डायबायनीज), ग्लिपिजाइड (ग्लूकोटरोल) (ग्लूकोल), शामिल हैं।
- दवाएं जो शरीर में खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा करती हैं (एंटीकोआगुलेंट / एंटीप्लेटलेट ड्रग्स) : अलसी के बीज खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। वहीं अगर आप पहले से ऐसी दवाइयां खा रहे हैं, जो ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करती है, तो ऐसे में अलसी के बीज खाने से स्थिति गंभीर हो सकती है। इस हालत में हल्की चोट या खरोच लगने पर भी देर तक ब्लीडिंग होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए इससे परहेज करें। कुछ मुख्य एंटीकोग्लुएंट दवाइयां ये हैं – एस्पिरिन, क्लोपिडोग्रेल (प्लाविक्स), डाइक्लोफेनाक (वोल्टेरेन, काटाफ्लम, अन्य), इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन, अन्य), नेप्रोक्सन (एनप्रॉक्स, नेप्रोसिन, अन्य), डाल्टेपेरिन (फ्रैग्मिन)।
अलसी की खुराक (Doses of Flax Seeds In Hindi)
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अलसी की खुराक: (Flaxseeds Dosage)
अलसी (Flax Seeds) का सेवन करते समय हमेशा अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए, क्योंकि जब अलसी आपके शरीर में जाती है, तो शरीर के पानी को सोंख लेती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि अलसी को पचाने के लिए शरीर को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है।
अगर आप रोजाना अलसी का सेवन कर रहे हैं, तो एक दिन में 50 ग्राम बीज से ज्यादा न लें। अगर आप रोजाना अलसी का तेल (Flax Seeds oil) इस्तेमाल कर रहे हैं, तो 20 ग्राम से ज्यादा न लें।
12 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों को रोजाना सिर्फ पांच से दस ग्राम बीज का ही सेवन करना चाहिए। आप इसके स्थान पर एक या दो चम्मच अलसी या फिर दो अलसी के कैप्सूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अलसी किन रूपों में उपलब्ध है?
- प्योर फ्लैक्स ऑयल सॉफ्टजेल
- बाजारों में अलसी के बीज, पाउडर और कुछ स्थानों पर अलसी का तेल भी आसानी से उपलब्ध है।
अगर आप अलसी (Flax Seeds) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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