परिचय
फो-ती क्या है?
फो-ती (पॉलीगोनम मल्टीफ्लोरा) एक पौधा है। इसकी जड़ का प्रयोग कई दवाओं में किया जाता है। इसका वानस्पातिक नाम Fallopia multiflora है। यह Buckwheats Polygonaceae परिवार से ताल्लुक रखता है। यह पौधा चीन, ताइवान और जापान में पाया जाता है। पौराणिक समय से इसका इस्तेमाल ब्लड, लिवर और किडनी रोगों के लिए किया जा रहा है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण फो-ती कई देशों में अमृत के समान माना जाता है। फो-टी को हे शॉ वू के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है “काले बालों वाला मिस्टर’।
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उपयोग
फो-ती का उपयोग किस लिए किया जाता है?
दिल को रखे स्वस्थ:
इसमें डायटरी लेक्टिन कंपाउंड होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन रखते हैं। लेक्टिन प्रोटीन शुगर कॉम्पलेक्स हैं, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट की व्यवस्था से जुड़े होते हैं। ये एंटीबॉडी की तरह काम करते हैं लेकिन एलर्जी के लक्षणों के बिना। इस क्रियाविधि के माध्यम से ये रक्त वाहिकाओं में पट्टिका के गठन को अवरुद्ध करता है।
सेक्शुअल हेल्थ:
इसका इस्तेमाल फर्टिलिटी को बढ़ाने, यौन शक्ति और स्तंभन दोष के इलाज के लिए किया जाता है। कई अनुसंधान के अनुसार, इस जड़ी-बूटी में लाल रक्त कोशिका की गिनती बढ़ाने और परिसंचरण में सुधार करने की क्षमता है।
मेनोपोज:
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में छपे एक शोध के अनुसार, फो-ती एस्ट्रोजन हॉर्मोन को बढ़ा देता है जो मेनोपॉज के लक्षणों को कम कर सकता है।
बालों को मजबूत बनाता है:
फो-ती बालों को सफेद होने से रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई शोध के अनुसार, इसमें मेलेनिन को बहाल करने की क्षमता होती है। मेलेनिन एक पिगमेंट है जो बालों और त्वचा को अपना रंग देता है। इसके अलावा ये स्कैल्प में रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है।
इन परेशानियों में भी है मददगार:
- एथेरोस्क्लेरोसिस
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- इंसोम्निया
- इम्यून फंक्शन
- थकान (Fatigue) को दूर करता है
- टिनिटस (Tinnitus)
- कब्ज
- एक्ने
- डर्मेटाइटिस
- टीबी
- डायबिटीज
- कैंसर
- सिर दर्द
- अनिद्रा
- एथलीट फुट
- सूजन
पारंपरिक चीनी चिकित्सा में, फो-ती बालों को सफेद होने से रोकने के साथ-साथ बढ़ती उम्र को भी रोकने में मददगार माना जाता है। यह शारीरिक कमजोरी और योनि स्राव को दूर करता है। पुरुषों के स्तंभन दोष के उपचार के लिए भी यह काफी मददगार होता है। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला फो-ती लाल रंग का होता है, इसके बीन्स काले होते हैं।
कैसे काम करता है फो-ती?
आधुनिक शोध के अनुसार इस जड़ी-बूटी में एक अल्कलॉइड होता है, जिसका नसों, मस्तिष्क कोशिकाओं और एंडोक्राइन ग्लैंड पर कायाकल्प प्रभाव पड़ता है। यह अधिवृक्क ग्रंथि के एक हिस्से को उत्तेजित करता है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसकी जड़ में कई सारे ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो शरीर में एजिंग के प्रभाव को कम करते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।
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सावधानियां और चेतावनी
फो-ती के इस्तेमाल से पहले मुझे किन बातों के बारे में मालूम होना चाहिए?
- फो-ती को ठंडी और ड्राय जगह पर स्टोर करें। इसे सीधे धूप और नमी से दूर रखें।
- जब फो-ती खरीदते हैं, तो डार्क कलर की जड़ें सबसे शक्तिशाली होती हैं। सफेद धारियों वाली जड़ें कम गुणवत्ता वाली होती हैं।
- इस जड़ी-बूटी को लंबे समय तक उपयोग करने से रेचक निर्भरता हो सकती है।
निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
- यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए।
- यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।
- यदि आपको फो-ती के किसी पदार्थ या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
- यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।
- यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। फो-ती का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
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कितना सुरक्षित है फो-ती का उपयोग?
फो-ती को निर्धारित समय तक सीमित मात्रा में लेना सुरक्षित है। इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान इसका सेवन अवॉइड करें। ये बच्चों को नहीं देना चाहिए। अगर आपको डायरिया की शिकायत है या आप इस हर्ब के प्रति हाइपरसेंसिटिव हैं तो इसका इस्तेमाल न करें।
इन दवाओं के साथ न करें फो-ती का उपयोग?
आप जिन दवाओं को ले रहे हैं उसके साथ फो-ती का सेवन हानिकार साबित हो सकता है। सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपने डॉक्टर और हर्बलिस्ट को उन सभी दवाओं की जानकारी दें, जिसका आप सेवन कर रहे हैं। निम्नलिखित दवाओं के साथ फो-ती का सेवन बिल्कुल न करें-
- एंटीडायबिटीज
- डाइयूरेटिक
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साइड इफेक्ट्स
फो-ती के इस्तेमाल से मुझे क्या साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं?
फो-ती से नीचे बताए गए साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
- जी मिचलाना, उल्टी, एनोरेक्सिया, डायरिया, रेचक निर्भरता
- हाइपरसेंसिटिव रिएक्शन
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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इंटरैक्शन
इन दवाओं के साथ इंटरैक्शन की संभावनाएं
- डिजोक्सिन (लेनोक्सिन) (Digoxin (Lanoxin) के साथ इंटरेक्शन की संभावना : फो-ती एक प्रकार का लेक्सेटिव है, जिसे स्टीमुलेटेड लेक्सेटिव कहा जाता है। स्टीमुलेंट लेक्सेटिव शरीर में पोटेशियम के लेवल को कम कर सकते हैं। लो पोटेशियम लेवल के कारण डिजोक्सिन के कारण साइड इफेक्ट्स की संभावना रहती है।
- वाटस पिल्स के साथ इंटरेक्शन : फो-ती एक लेक्सेटिव है। वाटस पिल्स भी शरीर में पोटेशियम के लेवल को कम कर सकते हैं। ऐसे में फो ती के साथ वाटर पिल्स का सेवन करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
- वारफेरिन (Warfarin) के साथ इंटरेक्शन : कुछ लोगों में फो-ती का इस्तेमाल करने के साथ उन्हें डायरिया की बीमारी हो सकती है। डायरिया के कारण वारफेरिन की समस्या हो सकती है। वहीं लोगों में ब्लीडिंग की संभावना बढ़ सकती है। यदि आप वारफेरिन ले रहे हैं तो ऐसे में आपको ज्यादा मात्रा में फो-ती का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- स्टीमुलेंट लेक्सेटिव के साथ इंटरेक्शन : फो-ती एक प्रकार का लेक्सेटिव है जिसे स्टीमुलेंट लेक्सेटिव कहा जाता है। स्टीमुलेंट लेक्सेटिव के कारण बावेल की समस्या हो सकती है। फो-ती को अन्य स्टीमुलेंट लेक्सेटिव के साथ लेने पर बावेल से जुड़ी समस्या होने के साथ डिहाईड्रेशन और शरीर में लो मिनरल्स की शिकायत हो सकती है।
- दवाएं जो लिवर को पहुंचा सकती है नुकसान : फो-ती का सेवन करने से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में इसके साथ अन्य दवाएं इंटरेक्शन न करें इसलिए काफी सोच समझ कर और एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही दवा का सेवन करना चाहिए, अन्यथा लिवर संबंधी बीमारी हो सकता है, लिवर डैमेज तक हो सकता है। फो-ती के साथ कुछ दवाओं का सेवन करने से लिवर पर पड़ने वाले असर की बात करें तो इन दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उनमें एसीटेमिनोफेन (acetaminophen), एमियोडेरोन (amiodarone), कारबामाजिफीन (carbamazepine), आइसोनािएज्ड (isoniazid) सहित अन्य।
- एंटी डायबिटीज ड्रग्स के साथ इंटरेक्शन : फो-ती ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। डायबिटीज की दवा भी लोअर ब्लड शुगर लेवल के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है। डायबिटीज की दवा के साथ फो-ती का सेवन करना नुकसानदेह हो सकता है, यह ब्लड शुगर लेवल को नीचे ले जा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि समय समय पर इसकी मॉनिटिंग की जाए। ऐसे में यदि आप फो-ती का सेवन कर रहे हैं तो उसके डोज में निश्चित तौर पर बदलाव करना चाहिए। ताकि किसी अन्य प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
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फो-ती को लेने की सही खुराक क्या है?
इसकी कच्ची हर्ब को रोजाना 9 से 15 ग्राम तक ले सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। इसे लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है।
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। इसकी खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है फो-ती?
फो-ती निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
- कच्ची फो-ती की जड़
- टॉनिक
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
हमेशा लें एक्सपर्ट की सलाह
फो-ती का सेवन करने के पूर्व हमेशा डॉक्टर, एक्सपर्ट या फिर हर्बलिस्ट की सलाह लेनी चाहिए। बता दें कि यह कुछ दवाओं के साथ इंटरेक्शन करती हैं। ऐसे में बिना एक्सपर्ट की राय लिए ही इस दवा या औषधी का सेवन किया जाए तो यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, ब्लड शुगर लेवल को कम करने के साथ यह लिवर डैमेज तक कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि हमेशा सतर्कता के साथ इस दवा का इस्तेमाल किया जाए। वहीं एक्सपर्ट की सलाह लेकर इसका इस्तेमाल अच्छे से करें।
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