परिचय
मरजोरम (Marjoram) क्या है?
मरजोरम पुदीने की प्रजाती का एक सुगंधित पौधा है, जिसके फूल से लेकर पत्तियों का इस्तेमाल दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ओरिगैनम माइजोराना है। आमतौर पर इसे ओरगेनो के नाम से जाना जाता है। मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल पाचन समस्या जैसे दस्त, सूजन या भूख की कमी के इलाज के लिए किया जाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर मरजोरम में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, फाइबर और दूसरे न्यूट्रिएंट्स होते हैं। पास्ता, पिज्जा, सूप और सैलेड बनाते समय भी इसका प्रयोग किया जाता है। कई कॉस्मेटिक्स जैसे फेस क्रीम, बॉडी लोशन, शेविंग जेल और नहाने वाले साबुन में भी इसे शामिल किया जाता है। मरजोरम को हर्ट टॉनिक भी कहा जाता है, क्योंकि ये हृदय संबंधित रोगों से न केवल बचाता है बल्कि, दिल को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसकी पत्तियों को कई डिश में एक मसाला के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बहुत सारी नॉन वेज डिश में इसेसीजनिंग के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
मरजोरम (Marjoram) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
मरजोरम के फूल, पत्तियां और तेल इन परेशानियों को दूर करने में मददगार हैं
- बच्चों को सर्दी- जुकाम होने पर इसका सेवन करवाना चाहिए। दरअसल इसमें मौजूद विटामिन-सी सर्दी-जुकाम की परेशानी को कम करने में सहायक होता है। सर्दी-जुकाम होने की वजह से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन करना चाहिए।
- स्किन होती है सॉफ्ट- इसके नियमित प्रयोग से त्वचा रहती है जवां-जवां। दरअसल इसमें मौजूद मिनिरल, विटामिन और एरोमैटिक कम्पाउंड स्किन को फिट रहने में सहायक होते हैं।
- बढ़ता वजन- ज्यादातर लोगों को बढ़ते वजन की वजह से कई सारी समस्या शुरू हो जाती हैं। इसलिए इसके सेवन से वजन को संतुलित रखा जा सकता है।
- कैंसर- मरजोरम में मौजूद यौर्सेलिक एसिड कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। इसलिए इसका प्रयोग डॉक्टर से सलाह लेकर किया जा सकता है।
- स्नोरिंग- अगर आपको खर्राटे लेने की समस्या है और अगर आप घरेलू उपाये अपनाना चाहते हैं तो इसके ऑयल का सेवन कर फायदा मिल सकता है।
इन परेशानियों के साथ-साथ निम्नलिखित शारीरिक परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है। जैसे-
- नाक और गले में सूजन
- कान का दर्द
- भूख न लगना
- खाना न पचना
- लिवर में दिक्कत होना
- पथरी
- आंतो में गैस
- पेट में ऐंठन
- मेनोपॉज
- पीरियड्स से पहले होने वाले मूड स्विंग्स
- मधुमेह
- नींद न आना
- डिप्रेशन
मरजोरम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मांसपेशियों की ऐंठन, अस्थमा, माइग्रेन, साइनस और बॉडी पेन से राहत दिलाते हैं।
एंटीडिप्रेसेंट तत्वों से भरपूर मरजोरम तनाव, चिंता, भावनात्मक बेचैनी और यौन इच्छा पर नियंत्रण के लिए भी फायदेमंद है।
मरजोरम का तेल मोच, चोट, दांतों के दर्द और लकवाग्रस्त अंग के लिए एक बाहरी अनुप्रयोग के रूप में किया जाता है।
कैसे काम करता है?
मरजोरम में एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटिफंगल और एंटीवायरल एजेंट होते हैं, जो हमें तमाम बीमारियां जैसे टायफाइड, फूड पॉइजनिंग, मलेरिया, खसरा आदि से कोसों दूर रखते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए मरजोरम चाय पीने की सलाह दी जाती है। ये डाइजेस्टिव सिस्टम में एंजाइम और स्लाइवा को बढ़ाकर पाचन की क्षमता बढ़ाने का काम करती है। इसके अलावा भूख में सुधार, पेट दर्द, डायरिया और कब्ज से राहत मिलती है।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है मरजोरम (Marjoram) का उपयोग ?
प्रेग्नेट महिलाएं जिन दवाइयों में मरजोरम हो उन्हें खाने से बचें। हो सकता है कि इसके सेवन से आपके पीरियड्स आ जाए और आपकी प्रेग्नेंसी में कोई दिक्कत हो। इसलिए इससे दूर ही रहें। अगर आप ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं तो भी इसका सेवन न करें।
-बच्चों को कभी भी मरजोरम न दें। ये उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
-जिन लोगों का हार्ट रेट धीमी हो उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
-ब्लीडिंग डिसऑर्डर पेशेंट्स को इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि, इससे ब्लीडिंग की संभावनाएं और ज्यादा हो जाती हैं।
-जिन लोगों को तुलसी, लैवेंडर, अजवायन की पत्ती और ओरिगेनो से एलर्जी हो वो भी इससे दूरी बनाकर रखें।
-सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद में इसका सेवन करना छोड़ दें क्योंकि, इससे आपको ब्लीडिंग की शिकायत हो सकती है।
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साइड इफेक्ट्स
मरजोरम (Marjoram) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
इसमें मौजूद म्यूकस प्रॉपर्टीज गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान इसके सेवन से ब्लीडिंग हो सकती है, जिस कारण मिसकैरिज का खतरा हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर व्यक्ति को एलर्जी की समस्या है तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए। एलर्जी के समस्या से पीड़ित व्यक्ति की स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है।
इसका सेवन 12 साल से कम उम्र बच्चे को नहीं करवाना चाहिए। इसके सेवन से बच्चे को एलर्जी की समस्या हो सकती है।
अगर आप एक सीमित मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं तो वो सेफ है। इसे लंबे समय तक स्किन पर लगाने से त्वाचा पर जलन और कैंसर का खतरा रहता है। जरूरी नहीं है कि सभी में इसके इफेक्ट्स देखने को मिले। अगर आप इसका सेवन कर रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
डोजेज
मरजोरम (Marjoram) को लेने की सही खुराक
इसे निम्नलिखित तरह से लिया जा सकता है। जैसे-
ड्रिंक- 1 कप पानी में 2 बड़े चम्मच ताजी मरजोरम को दिन में 1/2 या 1 कप लें।
जूस- 1 बड़ा चम्मच दिन में तीन बार लें।
लोशन– ताजी मरजोरम की पत्तियों को जैतून के तेल में डालें और दो से तीन दिन धूप में रखें।
हर मरीज के लिए हर्बल सप्लीमेंट की खुराक अळग होती है। ये आपकी उम्र, सेहत और दूसरी कई बातों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट्स को लेना हमेशा सेफ नहीं होता। किसी भी हर्बल सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
चाय पत्ती जो मरजोरम के फूलों और पत्तियों से मिलकर तैयार हुई है।
- ऑयल
- लोशन
अगर आप मरजोरम से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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