डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जो अपने साथ धीरे-धीरे आपको कई गंभीर बीमारियों का भी शिकार बना देती है। इसलिए डायबिटीज में हेल्दी डायट, डायबिटीज मेडिकेशन एवं हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना अत्यधिक जरूरी होता है। वैसे इन सबके साथ-साथ डायबिटीज में ड्राइविंग से जुड़ी बातों को भी समझना जरूर चाहिए। इसलिए आज इस आर्टिकल में डायबिटीज और ड्राइविंग (Diabetes and Driving) के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें यह समझेंगे। डायबिटीज और ड्राइविंग टिप्स को समझेंगे, लेकिन आपको ये भी जरूर जानना चाहिए कि डायबिटीज लाइफस्टाइल डिजीज बन चुकी है और डायबिटीज पेशेंट की संख्या तेजी से बढ़ते जा रही है।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड साल 2019 के रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार भारत में 77 मिलियन डायबिटीज के पेशेंट रजिस्टर किये गए हैं। आने वाले वक्त में ये आंकड़ा और बढ़ सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखना और ड्राइविंग के दौरान विशेष ध्यान रखना दोनों जरूरी है।
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डायबिटीज और ड्राइविंग (Diabetes and Driving): डायबिटीज में ड्राइविंग करने पर क्या प्रभाव पड़ता है?
डायबिटीज की समस्या होने पर अगर डायबिटीज पेशेंट ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखने के लिए इन्सुलिन या डायबिटीज की दवा का सेवन करते हैं, तो ब्लड शुगर कम हो सकता है, जिसे हायपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि दवाओं के सेवन की वजह से ड्राइविंग के दौरान डायबिटीज पेशेंट कॉन्संट्रेट करने में परेशानी होती है। ऐसे में ड्राइविंग के दौरान कभी भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं ब्लड शुगर लेवल बैलेंस करने वाली दवाओं का सेवन करने वाले मरीजों को अगर इसकी जानकारी नहीं है कि जिस दवा या इन्सुलिन का वह सेवन कर रहें हैं उससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है या नहीं, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछकर जरूर जानें। अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार डायबिटीज की समस्या की वजह से अन्य बीमारियों का खतरा तो बना रहता है साथ ही नर्व डैमेज की भी संभावना बनी रहती है। हाथ या पैर के नर्व डैमेज होने की वजह स्टेयरिंग या पैरों से ब्रेक या क्लच पर पड़ने वाले पैरों के प्रभाव को महसूस होने में दिक्कत हो सकती है। ऐसी स्थिति डायबिटीज मरीजों को किसी भी वक्त ड्राइविंग के दौरान दुर्घटना में डाल सकती है। इसलिए डायबिटीज और ड्राइविंग (Diabetes and Driving) से जुड़ी बातों को समझना जरूरी है।
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डायबिटीज और ड्राइविंग (Diabetes and Driving): ड्राइविंग से पहले किन-किन बातों का रखें ध्यान?
डायबिटीज में ड्राइविंग की समस्या होने पर ड्राइविंग पर जाने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
डायबिटीज और ड्राइविंग: अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करें (Check your blood sugar)
ड्राइविंग के पहले ब्लड शुगर लेवल जरूर चेक करें और इस दौरान यह ध्यान रखें कि ब्लड शुगर लेवल कम से कम 80 mg/dL हो। अगर ब्लड शुगर लेवल 80 mg/dL से कम होता है, तो कुछ स्नैक का सेवन करें और ध्यान रखें कम से कम 15 ग्राम कार्बोहायड्रेट का सेवन करें। स्नैक्स के 15 मिनट बाद फिर से ब्लड शुगर लेवल चेक करें और फिर ड्राइविंग करें।
डायबिटीज और ड्राइविंग: अपने साथ स्नैक्स रखें (Bring snacks)
अपनी कार में हमेशा स्नैक्स रखें और ऐसे स्नैक्स रखें जिसके सेवन से कार्बोहायड्रेट मिल सके। ऐसा करना उस वक्त अत्यधिक जरूरी है जब ड्राइविंग के दौरान ब्लड शुगर लेवल कम हो जाए। इसलिए कार्बोहायड्रेट की पूर्ति के लिए ग्लूकोज टैबलेट या जेल, रेगुलर सोडा (डायट सोडा का सेवन ना करें), जूस और हेल्दी बार्स का सेवन कर सकते हैं।
डायबिटीज और ड्राइविंग: ब्लड शुगर चेक करें (Check your Blood Pressure)
अपने साथ ब्लड शुगर चेक करने के लिए मशीन साथ रखें, क्योंकि अगर रास्ते में किसी भी वक्त ब्लड शुगर लेवल जांच करने की जरूरत पड़ती है, तो चेक करने में आसानी मिल सके।
डायबिटीज और ड्राइविंग: मेडिकल आईडी (Medical ID)
डायबिटीज मरीजों को ड्राइविंग के दौरान अपने मेडिकल आईडी को जरूर कैरी करना चाहिए। इससे किसी भी कठिन परिस्थितियों में लोगों की जरूरत पड़ने में आसानी होती है।
डायबिटीज और ड्राइविंग: आंखों की जांच (Eye Checkup)
डायबिटीज मरीजों को आंखों की जांच समय-समय पर जरूर करवाते रहना चाहिए, क्योंकि डायबिटीज की वजह आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
डायबिटीज की मरीजों को ड्राइविंग पर जाने से पहले इन ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखें।
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डायबिटीज और ड्राइविंग (Diabetes and Driving): ड्राइविंग के दौरान निम्नलिखित परेशानी महसूस नहीं होना चाहिए
- सिरदर्द (Headache) की समस्या ना हो।
- ड्राइविंग के दौरान शेकी या जंपी (Shaky or jumpy) राइडिंग ना हो।
- अत्यधिक पसीना (Sweaty) ना हो।
- बार-बार भूख (Hungry) न लगे।
- बैठने में परेशानी (Can’t see straight) होना।
- ड्राइविंग के दौरान नींद (Sleepy) आना।
- ड्राइविंग के दौरान चक्कर (Dizzy) आना।
- कन्फ्यूज (Confuse) होना।
- चिड़चिड़ापन (Irritable) महसूस होना।
- कमजोरी (Weak) महसूस होना।
अगर ऐसी कोई भी परेशानी महसूस होती है, तो ड्राइविंग ना करें।
डायबिटीज के मरीजों को ड्राइविंग के दौरान इन ऊपर बताई गई बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए और फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से लॉन्ग ड्राइविंग का आनंद डायबिटीज मरीज आसानी से उठा सकते हैं।
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ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस में रखने के लिए क्या करें? (Tips to control Blood Sugar Level)
ब्लड शुगर लेवल बैलेंस में रखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे?
- पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें।
- बार-बार खाने (Frequent eating) की आदत से बचें।
- मौसमी फल (Fruits) एवं सब्जियों (Vegetables) का सेवन करें।
- पैक्ड जूस (Juice) एवं खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
- नियमित एक्सरसाइज (Workout), योग (Yoga) या वॉक (Walk) करें।
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन कम से कम करें।
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें।
- तनाव (Stress) से बचें।
- 7 से 9 घंटे की नींद (Sleep) लें।
इन बातों को ध्यान में रखकर ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस में रखने में मदद मिलती है।
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