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टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल: मधुमेह को खत्म करना हो सकता है सम्भव! कैसे? जानिए!

टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल: मधुमेह को खत्म करना हो सकता है सम्भव! कैसे? जानिए!

डायबिटीज दो तरह की होती है। पहली- टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) और दूसरी- टाइप 2 डायबिटीज (Type-1 Diabetes)। टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) वह स्थिति होती है, जिसमें शरीर में इंसुलिन का बनना बंद हो जाता है। टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal) संभव है। रिवर्सल यानी मधुमेह की स्थिति को पूरी तरह पलट देना। हालांकि, अभी तक हुए शोध में टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal) होना बेहद रेयर यानी दुर्लभ पाया गया है। विश्व स्तर पर, टाइप 1 डायबिटीज वाले व्यक्तियों की संख्या में सालाना लगभग 3-4% की वृद्धि हो रही है। बात भारत की करें तो 7.7 करोड़ वयस्क डायबिटीज के शिकार हैं। रिसर्चर्स का अनुमान है कि 2045 तक भारत में 13.4 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित हो जाएंगे।

टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) क्या होती है?

अगर परिवार में माता-पिता, दादा-दादी को डायबिटीज रही हो तो ऐसे में किसी को टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) होने का खतरा बढ़ जाता है। टाइप 2 डायबिटीज की वजह गलत लाइफ स्टाइल और खान-पान होता है। टाइप वन डायबिटीज (Type-1 Diabetes) नवजात में भी हो सकती है। कम उम्र के बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं। इस बीमारी में वंशानुगत कारणों से ही हमारे बॉडी सेल्स यानी कोशिकाओं में बदलाव आता है। सेल्स पैंक्रियाज (अग्नाशय) के दूसरे सेल्स पर हमला करते हैं और इंसुलिन का बनना रुक जाता है। इंसुिलन के न बनने से ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है।

पहले जानिए कि ऐसे कौन से लक्षण हैं जिनसे टाइप 1 डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है। 

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Type 1 Diabetes)

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

  • बार-बार प्यास लगना।
  • बार-बार टॉयलेट जाना।
  • बच्चों का बिस्तर पर टॉयलेट करना (ध्यान रखें बच्चे पहले ऐसा नहीं करते हों और फिर बाद में ऐसी परेशानी होना)।
  • बिना कारण वजन कम (Weight loss) होना।
  • बहुत ज्यादा भूख (Hunger) लगना।
  • बात-बात में चिड़चिड़ापन होना।
  • मूड स्विंग (Mood changes) होना।
  • अत्यधिक थकान या कमजोरी महसूस होना।
  • धुंधला दिखाई (Blurred vision) देना।

ये लक्षण टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) की ओर इशारा करते हैं। ऐसा नहीं है कि इनसे निजात नहीं मिल सकती है। इसलिए टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपसे शेयर कर रहे है।  

और पढ़ें: Insulin R: जानिए डायबिटीज पेशेंट के लिए इन्सुलिन आर के फायदे और नुकसान

टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल : पहले जानें कितना हो ब्लड में ग्लूकोज का लेवल (Type-1 Diabetes Reversal)

टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal)

आम तौर पर हर दिन फास्टिंग शुगर लेवल 80 से 130 मिलीग्राम / डीएल (4.44 से 7.2 mmol/L) के बीच रहना चाहिए। वहीं पोस्ट मील यानी खाना खाने के दो घंटे बाद ये लेवल 180 मिलीग्राम/डीएल (10 mmol/L) होना चाहिए। अगर ये मात्रा इस स्तर से से लगातार बढ़ती है, तो डायबिटीज होने की सम्भावना बढ़ जाती है। टाइप 1  डायबिटीज वाले व्यक्ति को ज़िंदगी भर इंसुलिन की आवश्यकता होती है। इन दो टेस्ट के अलावा डायबिटीज का टाइप पता लगाने के लिए कीटोन टेस्ट, GAD ऑटो एंटीबॉडीज टेस्ट और C-पेपाइड टेस्ट किए जाते हैं।

इंसुलिन के कई प्रकार हैं और इसमें शामिल हैं:

  • शार्ट एक्टिंग (Regular) इंसुलिन- शॉर्ट-एक्टिंग (Regular) इंसुलिन में हमुलिन आर और नोवोलिन आर शामिल हैं। 
  • रैपिड-एक्टिंग इंसुलिन- रैपिड-एक्टिंग इंसुलिन के उदाहरण इंसुलिन ग्लुलिसिन (एपिड्रा), इंसुलिन लिसप्रो (ह्यूमोलोग) और इंसुलिन एस्पार्ट (नोवोलॉग) हैं।
  • इंटरमीडिएट-एक्टिंग (NPH) इंसुलिन- इंटरमीडिएट-एक्टिंग इंसुलिन में इंसुलिन एनपीएच (नोवोलिन एन, ह्युमुलिन एन) शामिल हैं।
  • लॉन्ग एक्टिंग इंसुलिन- इनमें इंसुलिन ग्लार्गिन (लैंटस, टौजेओ सोलोस्टार), इंसुलिन डिटेमिर (लेवेमीर) और इंसुलिन डिग्लडेक (ट्रेसिबा) शामिल हैं।

और पढ़ें: इंसुलिन सेंसिटिविटी: क्या जानते हैं आप इसके फायदों के बारे में?

टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) से होनेवाले नुकसान कौन से हैं?

हमारी बॉडी में इंसुलिन अग्नाशय (पैंक्रियाज) में बनता है। इसी इंसुलिन की वजह से शुगर हमारे शरीर में स्टोर होता है। ह्यूमन बॉडी अपनी एनर्जी की जरूरत इससे पूरी करती है। जब इंसुलिन बनना बंद होता है तो यही शुगर ब्लड में फ्लो करती है। रोग प्रतिरोधी क्षमता (इम्यून सिस्टम) के लिए जरूरी व्हाइट ब्लड सेल्स और शरीर में ऑक्सीजन पहुंचा रहे रेड ब्लड सेल्स शुगर फ्लो होने की वजह से सही तरह से काम नहीं कर पाते। ऐसे में हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने की अपनी क्षमता खोता जाता है। इस स्थिति में अगर किसी को छोटी-मोटी बीमारी भी हो, तो उसे उससे उबरने में काफी वक्त लगता है। इसके बढ़ जाने पर कोरोनरी आर्टिलरी डिजीज, हार्ट अटैक,स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, नसों का क्षतिग्रस्त होना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में परेशानी से कब्ज, उल्टी-दस्त, पुरुषों में नपुंसकता,  मोतियाबिंद, अंधापन, गर्भवतियों का मिसकैरेज या मृत बच्चा पैदा होना, जन्म के समय की विकृतियां, पैर की बीमारियां, चोटों का ठीक न होना, बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन, मसूड़ों के रोग होते हैं।

क्या टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल संभव है? (Type-1 Diabetes Reversal)

अभी टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) का कोई इलाज नहीं है। रिसर्चर्स इस पर काम कर रहे हैं, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली, स्वस्थ खान-पान और व्यायाम के जरिए इसे खत्म किया जा सकता है। डायबिटीज के शोध संस्थानों में टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal) पर अनुसंधान चल रहे हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक की एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संगीता कश्यप का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज के शुरुआती चरण यानी बीमारी का पता चलने के शुरुआती 3-5 साल के बीच अगर ब्लड में शुगर का लेवल बिना दवाओं के इस्तेमाल के सामान्य कर लिया जाए तो बीमारी को खत्म किया जा सकता है। आप अपने डॉक्टर और न्यूट्रिशियन की सलाह मानें, वजन घटाने की कोशिश करें। स्कॉटलैंड की ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता भी यही मानते हैं।

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टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal) दुर्लभ क्यों है?

स्कॉटलैंड की BMJ में एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की गई। इसके मुताबिक, करीब 15 किलो वजन घटाने से अक्सर डायबिटीज खत्म हो जाती है। हालांकि, मेडिकल रिकॉर्ड्स में इसे खत्म होने के तौर पर दर्ज नहीं किया जाता है। इसी पर एक और स्टडी अमेरिका में हुई। 1 लाख 20 हजार मधुमेह के मरीजों को 7 साल तक ट्रैक किया गया और इनमें एक फीसदी से भी कम लोगों में टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) खत्म पाई गई। डॉ. संगीता कश्यप का कहना है कि अगर डाइटिंग, एक्सरसाइज या सर्जरी से वजन घटने के बाद ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल होता है, तो भी ये ज्यादा दिन तक टिकता नहीं है। ब्लग शुगर लेवल फिर मधुमेह की स्थिति में पहुंच सकता है। कुछ लोग इसे बीमारी का खत्म होना नहीं मानते हैं, बल्कि इसे बीमारी का दब जाना कहते हैं। 

इसमें ब्लड शुगर नॉर्मल हो जाती है, दवाओं और ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं रहती है। चीजें अच्छी दिखती हैं, पर कोई नहीं जानता ऐसा कितने दिन तक रहेगा। 60% मधुमेह के मरीजों ने बैरिआट्रिक सर्जरी कराई और 15 साल के भीतर ही उनकी डायबिटीज वापस लौट आई। वे मरीजों से कहती हैं कि आपकी बीमारी छुट्‌टी पर है और वो उम्मीद करती हैं कि टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) से हार्ट, किडनी, आंखों और नर्वस सिस्टम में होने वाली दिक्कतों की रफ्तार कम हो जाए।

अक्टूबर 2020 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक पेपर में, बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन, टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सैन फ्रांसिस्को के डॉक्टर्स की एक टीम ने टाइप 1 डायबिटीज (T1D) रोगी के एक केस के बारे में लिखा है, जिन्हें अब ऑप्टीमल ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने के लिए इंसुलिन की जरुरत नहीं रह गई। डॉ. लिसा आर. फोर्ब्स के मुताबिक – “जहाँ तक हम जानते हैं, यह टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal) का पहला उदाहरण है। जिसमें मरीज ने इंसुलिन पर पूरी तरह निर्भरता को ख़त्म कर दिया। और हम उस संभावना से उत्साहित हैं जो यह टाइप 1 डायबिटीज रोगियों में टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal) के लिए एक कारगर थेरेपी के रूप में काम आ सकती है। 

और पढ़ें: नाइट्रोग्लिसरीन : हार्ट पेशेंट इस दवा के सेवन से पहले बरतें सावधानी!

टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल के अन्य तरीके भी हैं!

  1. सुपर फूड यानी हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी खट्टे फल, साबुत अनाज, नट्स (Nuts), फैट-फ्री दही और दूध और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty acids) को डाइट में शामिल करें |
  2. ब्रेड, स्टार्च वाली सब्जियां, पास्ता, बीन्स, शहद, मीठा दही, चिप्स, दूध, चावल, मिश्री, शक्कर, मैदा, कुकीज, गाढ़ा और दूध, इन सबसे दूरी ही रहें। 
  3. नियमित रूप से एक्सरसाइज (Workout), योग (Yoga) या फिर टहलने (Walking) की आदत डालें। रोजाना कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लें पैदल चलें। 
  4. डायबिटीज के मरीजों को सही टाइम पर लेना जरुरी है। अगर खाने से पहले या बाद में दवाएं लेने में सावधानी नहीं बरतेंगे तो दवाओं का असर नहीं होगा। 
  5. किसी भी तरह का नशा, स्मोकिंग (Smoking) एवं एल्कोहॉल (Alcohol) से दूर ही रहना बेहतर है। 

और पढ़ें: डायबिटीज टाइप 1 की रिवर्स वैक्सीन क्यों मानी जाती है असरदार?

उम्मीद करते हैं कि टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल (Type-1 Diabetes Reversal) से जुड़े फैक्ट्स आपको डायबिटीज को नियंत्रित करने में मददगार साबित होंगे। टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल के बारे में अधिक जानने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/diabetes/symptoms-causes/syc-20371444/ Accessed on 22nd November 2021

https://medlineplus.gov/diabetescomplications.html/

Accessed on 22nd November 2021

https://www.medicalnewstoday.com/articles/implant-reverses-type-1-diabetes-in-mice-by-delivering-beta-cells/

Accessed on 22nd November 2021

 

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25998292/

Accessed on 22nd November 2021

 

https://www.cdc.gov/diabetes/basics/type1.html/

Accessed on 22nd November 2021

 

Current Version

22/11/2021

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari

Updated by: Manjari Khare


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Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/11/2021

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