डाटबिटिज के मरीज ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रखने के लिए दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन किया जाता है। आज इस आर्टिकल में टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला (Triphala for Type 2 diabetes patients) के फायदों के बारे में समझेंगे। इंटरनैश्नल जर्नल ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन (International Journal of Ayurvedic Medicine) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार त्रिफला ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) और कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol Levels) दोनों को कम करने की क्षमता रखता है। टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला के फायदे और इससे जुड़े रिसर्च रिपोर्ट्स के बारे में समझेंगे।
- त्रिफला क्या है?
- टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला के सेवन पर क्या है रिसर्च रिपोर्ट्स?
- टाइप 2 डायबिटीज मरीजों को त्रिफला का सेवन कैसे करें?
- ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए?
- डॉक्टर से कब संपर्क करना है जरूरी?
सबसे पहले त्रिफला के बारे में समझते हैं और फिर टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला क्यों है फायदेमंद यह जान लेते हैं।
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टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला (Triphala for Type 2 diabetes patients): त्रिफला (Triphala) क्या है?
त्रिफला अपने गुने के कारण आयुर्वेदिक औषधियों की श्रेणी में आता है। त्रिफला में तीन अलग-अलग फलों जैसे आंवला (Gooseberry), बहेड़ा (Black myrobalan) एवं हरड़ (Belleric myrobalan) को शामिल यानी मिलाकर तैयार किया गया है और इन्हीं तीनों मिश्रण की वजह से इसे त्रिफला कहा जाता है। त्रिफला का सेवन प्रायः कब्ज (Constipation) की तकलीफ को दूर करने के लिए किया जाता है, लेकिन अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार त्रिफला का सेवन कई अन्य शारीरिक परेशानियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। त्रिफला में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व (Anti-inflammatory Properties) ग्लूकोज लेवल को इमबैलेंस होने से बचाव में या बढ़े हुए ग्लूकोज लेवल को कम करने में मददगार होता है। इसके इसी खासियत के कारण टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला (Triphala for Type 2 diabetes patients) का सेवन लाभकारी हो सकता है।
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टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला: क्या है रिसर्च रिपोर्ट्स? (Triphala for Type 2 diabetes patients and research reports)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेनोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information), नैशनल हेल्थ पोर्टल (National Health Portal) एवं फ्रंटियर्स इन फार्माकोलॉजी इन्फॉर्मेशन जर्नल (Frontiers in pharmacology Journal) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला फायदेमंद बताया गया है। दरअसल त्रिफला चूर्ण में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज (Anti-inflammatory Properties), गैलिक एसिड (Gallic acid) एवं फायटोकेमिकल (Phytochemical) डायबिटीज मरीजों के लिए लाभकारी बताया गया है। इस रिसर्च रिपोर्ट्स में 749 डायबिटीज पेशेंट्स को शामिल किया गया। 12 अलग-अलग शोध में यह देखा गया कि हाय ब्लड शुगर की समस्या से परेशान लोगों को त्रिफला का सेवन कुछ दिनों तक लगातार करवाया गया और देखा गया कि फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल में कमी (Low Glucose level during fasting) आई। हालांकि इस रिसर्च रिपोर्ट्स में इस बात की चर्चा नहीं की गई है कि कितने दिनों तक डायबिटीज के मरीजों को त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder) का सेवन करवाया गया। वहीं रिसर्च रिपोर्ट में यह कहा गया है कि रिसर्च के दौरान त्रिफला के सेवन से कोई परेशानी डायबिटीज मरीजों में नहीं देखी गई।
टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए त्रिफला के सेवन से फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल कम (Low Glucose level during fasting) होने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), बॉडी वेट (Body weight), बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index [BMI]) एवं कमर के आस पास चर्बी (Waist circumference of obese patients) को कम करने में भी त्रिफला चूर्ण फायदेमंद साबित हुआ है।
टाइप 2 डायबिटीज मरीजों को त्रिफला का सेवन कैसे करें? (Use of Triphala for Type 2 diabetes patients)
अपने औषधीय गुनों के कारण त्रिफला फार्मासिस्ट या ऑनलाइन आसानी से मिल जाता है। त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder) या त्रिफला टैबलेट ((Triphala Tablet) का सेवन किया जा सकता है। वहीं अगर आप त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder) खुद से बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आंवला, बहेड़ा एवं हरड़ का चूर्ण तैयार कर बनाया जा सकता है, लेकिन आयुर्वेद से जुड़े रिसर्च के अनुसार इन तीनों की सही मात्रा लेना आवश्यक है, जिससे इसके सेवन से लाभ मिल सके।
नोट: अपनी मर्जी से त्रिफला चूर्ण की सलाह नहीं दी जाती है। इसलिए टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) मरीजों के लिए त्रिफला (Triphala for Type 2 diabetes patients) के फायदे समझने के बाद भी मरीजों को पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए और उनके बताये अनुसार ही त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
त्रिफला में मौजूद माइल्ड लैक्सटिव (Mild laxative) प्रॉपर्टीज गैस (Gas), डायरिया (Diarrhoea), क्रैम्प (Cramps), पेट से जुड़ी परेशानी (Stomach upset) या अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) समस्या देखी या महसूस की जा सकती है।
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ब्लड शुगर लेवल(Blood sugar level) कितना होना चाहिए?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) उम्र के अनुसार अलग-अलग होते हैं। जैसे:
6-12 वर्ष (6 to 12 Years)
- फास्टिंग- 80-180 mg/dL
- खाना खाने के पहले- 90-180 mg/dL
- एक्सरसाइज के पहले- 150 mg/dL
- सोने के दौरान- 100-180 mg/dL
13-19 वर्ष (13 to 19 Years)
- फास्टिंग- 70-150 mg/dL
- खाना खाने के पहले- 90-130 mg/dL
- एक्सरसाइज के पहले- 150 mg/dL
- सोने के दौरान- 90-150 mg/dL
20 वर्ष से ज्यादा (Above 20 Years)
- फास्टिंग- 100 mg/dL
- खाना खाने के पहले- 70-130 mg/dL
- एक्सरसाइज के पहले- 180 mg/dL
- सोने के दौरान- 100-140 mg/dL
उम्र के अनुसार ब्लड शुगर लेवल की जानकारी। अगर ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) में उतार-चढ़ाव ज्यादा हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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डॉक्टर से कब संपर्क करना है जरूरी? (Consult Doctor if-)
डायबिटीज की समस्या होने पर अगर आप हर्बल या एलोपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन अगर आप निम्नलिखित परेशानियों का सामना कर रहें हैं, ऐसी स्थिति को इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। जैसे:
- बार-बार भूख (Increased hunger) लगने की परेशानी।
- अधिक प्यास (Increased thirst) लगना।
- बार-बार पेशाब (Frequent urination) जाना।
- बॉडी में एनर्जी (Energy loss) की कमी महसूस होना।
- वजन कम (Weight loss) होना या ज्यादा होना।
- थकान (Fatigue) महसूस होना।
- अत्यधिक मुंह सूखना।
- त्वचा में खुजली (Itching) की समस्या होना।
- धुंधला दिखाई (Blurred vision) देना।
इन परेशानियों या लक्षणों को नजरअंदाज ना करें, क्योंकि डायबिटीज की समस्या (Diabetes problem) कई गंभीर बीमारियों को दावत दे सकती है और आपकी शारीरिक परेशानी (Health problem) एवं मानसिक परेशानी (Mental problem) दोनों बढ़ सकती है। इसलिए इन स्थितियों से सतर्क रहें और समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लें।
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को त्रिफला का सेवन करने से पैनक्रियाज (Pancreas) को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है, जिससे इंसुलिन का उत्पादन भी बेहतर होता है। इंसुलिन बॉडी में शुगर को जल्द डायजेस्ट करने में सहायक होता है, जिससे ब्लड में शुगर लेवल (Blood Sugar Level) कंट्रोल रहता है। हालांकि अगर आप डायबिटिक हैं, तो त्रिफला का सेवन कितनी मात्रा में करें, कब करें, कैसे करें, इन सभी जरूरी बातों की जानकारी इससे जुड़े एक्सपर्ट से जरूर लें। क्योंकि ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस बनाये रखने से अन्य गंभीर बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है।
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