T2DM पेशेंट्स में ओबेसिटी ट्रीटमेंट (Obesity Treatment In T2DM Patients) में डायट में अब जानिए कि इस दौरान किन चीजों को सीमित मात्रा में लेना चाहिए?
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किन चीजों का सेवन करने से बचें?
T2DM पेशेंट्स में ओबेसिटी को मैनेज करने के लिए इन चीजों का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए या उन्हें नजरअंदाज करना चाहिए:
यदि आपको डायबिटीज है और आप ओवरवेट हैं, तो आपको कितना खाना है, इसकी योजना बनाने में आपकी मदद करने के दो सामान्य तरीके हैं एक प्लेट प्लान और दूसरा कार्बोहाइड्रेट काउंटिंग, जिसे कार्ब काउंटिंग भी कहा जाता है। अपने डॉक्टर या डायटीशियन से उस प्लान के बारे में जानें, जो आपके लिए सर्वोत्तम हो। अब जानते हैं सही फिजिकल एक्टिविटी के बारे में।
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T2DM पेशेंट्स में ओबेसिटी ट्रीटमेंट (Obesity Treatment In T2DM Patients): फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity)
अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की समस्या है, तो शारीरिक गतिविधि यानी फिजिकल एक्टिविटी ट्रीटमेंट प्लान का एक महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट है। यदि आवश्यक हो, तो एक हेल्दी मील प्लान और दवाओं या इंसुलिन के माध्यम से अपने ब्लड शुगर लेवल को सही बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है। अगर आप पूरी उम्र फिट और एक्टिव रहेंगे, तो आप न केवल डायबिटीज को मैनेज कर पाएंगे बल्कि आपका वजन भी कम होगा। ऐसा पाया गया है कि जब अधिकांश लोगों को टाइप 2 मधुमेह का निदान होता है, तो अक्सर उनका वजन अधिक होता है, इसलिए व्यायाम करने का विचार उनके लिए शुरुआत में थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
लेकिन, उन्हें अपने स्वास्थ्य के लिए, आपको एक अच्छे और उचित एक्सरसाइज प्लान पर शुरुआत करनी होगी, लेकिन पहले वो अपने डॉक्टर से बात करें। आप इन व्यायामों के बारे में विचार कर सकते हैं। जैसे एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercises) जिसमें डांसिंग, स्विमिंग, वॉकिंग, जॉगिंग, बास्केटबॉल, टेनिस आदि या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength Training) और फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग (Flexibility Training) आदि शामिल है।
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T2DM पेशेंट्स में ओबेसिटी ट्रीटमेंट (Obesity Treatment In T2DM Patients): इंटेंसिव बिहेवियरल थेरेपी (Intensive behavioral therapy)
इंटेंसिव बिहेवियरल थेरेपी ओबेसिटी के लिए एक उपचार है, ताकि डायबिटीज और अधिक वजन की समस्या से कुछ हद तक राहत मिल सके। इस उपचार के माध्यम से रोगी यह जान जाते हैं कि वो अपनी ईटिंग और एक्सरसाइज हैबिट्स में क्या बदलाव ला सकते हैं, जिससे उनका वजन कम हो। यह थेरेपी बहुत अच्छे से काम करती है। इसमें रोगी की उन पुअर हैबिट्स को टारगेट किया जाता है, जो ओबेसिटी का कारण बनती हैं। इसमें अनहेल्दी ईटिंग और एक्सरसाइज न करना शामिल है। ओबेसिटी को कम करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव के बारे में सीखना चाहिए, जैसे:
- अपनी ईटिंग को ट्रैक करें
- ओवरईटिंग से बचने के लिए एनवायरनमेंट में बदलाव लाएं
- एक्टिविटी लेवल में बढ़ाएं
- एक्सरसाइज प्लान बनाएं
- रीयलिस्टिक गोल्स सेट करें
इन बदलावों से T2DM पेशेंट्स वजन कम करने में सक्षम होंगे। इस थेरेपी के कुछ पार्ट अन्य वेट-लॉस प्रोग्राम्स जैसे हो सकते हैं।
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यह तो थी T2DM पेशेंट्स में ओबेसिटी ट्रीटमेंट (Obesity Treatment In T2DM Patients) के बारे में जानकारी। अगर आप टाइप 2 डायबिटीज और ओबेसिटी के शिकार हैं, तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आने वाले समय में आप कई कॉम्प्लीकेशन्स का सामना कर सकते हैं, जो जानलेवा हो सकती हैं। ऐसे में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) और ओबेसिटी दोनों को मैनेज करना बेहद जरूरी है। आपकी हेल्दी लाइफस्टाइल दोनों स्थितियों में बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें।