परिचय
ऑप्टिक न्यूराइटिस क्या है?
ऑप्टिक न्यूराइटिस आंखों से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें आंख से मस्तिष्क को संदेश भेजने वाली तंत्रिका ऑप्टिक नर्व में सूजन हो जाता है। ऑप्टिक नर्व के ऊपर एक वसायुक्त पदार्थ की परत होती है जिसे मायलिन कहते हैं। यह विद्युत आवेगों को आंख से तेजी से मस्तिष्क में भेजता है जहां ये विजुअल इंफॉर्मेशन में बदल जाते हैं।
जब ऑप्टिक नर्व में सूजन आ जाता है तो मायलिन डैमेज हो जाता है। जिससे नर्व फाइबर मस्तिष्क को संदेश नहीं भेज पाता है और इसके कारण आंखों की रोशनी जा सकती है। ऑप्टिक न्यूराइटिस अचानक होता है जिसमें आंखों से धुंधला दिखायी देता है और इससे पीड़ित व्यक्ति रंगों को नहीं पहचान पाता है।
मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए यह एक आम समस्या है। साथ ही संक्रमण और तंत्रिका रोगों से पीड़ित व्यक्ति को ऑप्टिक न्यूराइटिस डिजीज सबसे अधिक प्रभावित करती है। इस बीमारी के लक्षण डरावने होते हैं हालांकि ऑप्टिक न्यूराइटिस से पीड़ित बहुत से मरीज बिना किसी इलाज के ठीक हो जाते हैं। अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
कितना सामान्य है ऑप्टिक न्यूराइटिस होना?
ऑप्टिक न्यूराइटिस एक रेयर डिसॉर्डर है। ये पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। पूरी दुनिया में 20 से 40 वर्ष के ज्यादातर वयस्क ऑप्टिक न्यूराइटिस से पीड़ित हैं। गोरे लोगों में यह डिजीज अधिक होती है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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लक्षण
ऑप्टिक न्यूराइटिस के क्या लक्षण है?
ऑप्टिक न्यूराइटिस आंखों को प्रभावित करता है। यह बीमारी अचानक होती है आमतौर पर सिर्फ एक आंख को प्रभावित करती है। ऑप्टिक न्यूराइटिस के लक्षण नजर आने में कुछ घंटे या कुछ दिन लगते हैं। इस डिजीज से पीड़ित व्यक्ति में ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- आंखों में दर्द
- कलर पहचानने में कठिनाई
- पास की वस्तु नजर न आना
- आंखों से धुंधला दिखना
- आंख की पुतली के बीच में छेद
- अंधापन
- आंखों के पीछे जकड़न
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति तेज रोशनी या चमक को बर्दाश्त नहीं कर पाता है और आंख में दर्द होने लगता है।
मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित व्यक्ति में ऑप्टिक न्यूराइटिस के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसके अलावा हॉट शॉवर लेने, एक्सरसाइज करने और गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ने के कारण कई अन्य लक्षण सामने आते हैं। हालांकि शरीर ठंडा होने पर ये लक्षण समाप्त हो जाते हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं :
- एक आंख की रोशनी जाना
- डिस्क्रोमैटोप्सिया
- फोटोप्सिया
- पुतली कमजोर होना
- तेज लाइट सहन न कर पाना
- आंखों में भारीपन
- सिरदर्द
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी की आंख पर ऑप्टिक न्यूराइटिस अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। यदि आपकी आंखों में तेज दर्द हो, देखने में परेशानी हो या दोनों आंखों से धुंधला दिखायी देता हो, डबल विजन, एक या कई लिम्ब सुन्न होना या कमजोरी सहित अन्य न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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कारण
ऑप्टिक न्यूराइटिस होने के कारण क्या है?
ऑप्टिक न्यूराइटिस का सटीक कारण ज्ञात नहीं है। लेकिन जब इम्यून सिस्टम गलती से ऑपटिक नर्व को कवर करने वाले पदार्थ मायलिन को डैमेज कर देता है तो इससे तंत्रिका में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण मायलिन आंख से मस्तिष्क में संदश पहुंचाने में बाधा उत्पन्न करती है जिससे आंखों की रोशनी प्रभावित होती है।
इसके अलावा निम्न ऑटोइम्यून समस्याएं ऑप्टिक न्यूराइटिस का कारण बनती हैं:
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस-यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति का ऑटोइम्यून मस्तिष्क में नर्व फाइबर को कवर करने वाले मायलिन पर अटैक करता है। ऑप्सिट न्यूराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में मल्टीपन स्क्लेरोसिस होने की संभावना 50 प्रतिशत बढ़ जाती है।
- न्यूरोमाइलाइटिस ऑप्टिका-इस बीमारी में सूजन ऑप्टिक नर्व और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। जिसके कारण आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है।
- एमओजी एंटीबॉडी डिसऑर्डर- मायलिन ओलिगोडेंड्रोसाइट ग्लाइकोप्रोटीन एंटीबॉडी डिसऑर्ड के कारण ऑप्टिक नर्व, मस्तिष्क और स्पाइनल कॉड में सूजन हो जाता है जिसके कारण नर्व फाइबर डैमेज हो जाता है।
- इंफेक्शन-बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसे लाइम डिजीज, कैट स्क्रैच फीवर, सिफलिस एवं खसरा और हर्पिस के वायरस ऑप्टिक न्यूराइटिस के कारण बन सकते हैं। इसके अलावा सारकॉइडोसिस और ल्यूपस डिजीज भी ऑप्टिक न्यूराइटिस रोग पैदा कर सकते हैं।
- ड्रग्स एवं टॉक्सिन- कुछ ड्रग्स एवं विषाक्त पदार्थ जैसे एथेमबुटॉल, मेथेनल, पेंट और सॉल्वेंट भी ऑप्टिक न्यूराइटिस का समस्या का कारण बन सकते हैं।
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जोखिम
ऑप्टिक न्यूराइटिस के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
ऑप्टिक न्यूराइटिस की समस्या से लंबे समय तक पीड़ित व्यक्ति की ऑप्टिक नर्व स्थायी रुप से डैमेज हो सकती है। इसके साथ ही आंखों की रोशनी जा सकती है या आंखों से कम दिखायी दे सकता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को रंगीन वस्तुएं पहचानने में कठिनाई होती है। सिर्फ इतना ही नहीं ऑप्टिक न्यूराइटिस के इलाज के लिए उपयोग होने वाली दवाएं इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती हैं जिससे आपका वजन बढ़ सकता है, मूड स्विंग और इंफेक्शन भी हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ऑप्टिक न्यूराइटिस का निदान कैसे किया जाता है?
ऑप्टिक न्यूराइटिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर आंखों की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- ऑफ्थैल्मोस्कोपी टेस्ट- इस परीक्षण के दौरान डॉक्टर मरीज की आंख पर तेज रोशनी डालकर आंख के पीछे की संरसचना की जांच करते हैं। आंख में रेटिना के अंदर जहां ऑप्टिक नर्व प्रवेश करती है, उस ऑप्टिक डिस्क में सूजन की जांच की जाती है।
- प्यूपिलरी लाइट रिएक्शन टेस्ट- इसमें आंखों के सामने टॉर्च जलाकर आंख की पुतली की जांच की जाती है। ऑप्टिक न्यूराइटिस होने पर पुतली उतनी नहीं सिकुड़ती है जितनी एक स्वस्थ पुतली तेज लाइट के संपर्क में आने पर सिकुड़ती है।
- एमआरआई-इसमें व्यक्ति को इंजेक्शन देकर ऑप्टिक नर्व और मस्तिष्क के अन्य हिस्सों का चित्र उतारा जाता है और ऑप्टिक न्यूराइटिस का निदान किया जाता है। एमआरआई से यह स्पष्ट हो जाता है कि मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा डैमेज है।
- ब्लड टेस्ट– इंफेक्शन या विशेष एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है। न्यूरोमायलाइटिस ऑप्टिका एंटीबॉडी से जुड़ी होती है जो ऑप्टिक न्यूराइटिस का कारण बनती है। ब्लड टेस्ट से इस बीमारी का निदान आसानी से हो जाता है।
इसके अलावा ओसीटी टेस्ट से आंख की रेटिना में नर्व फाइबर की परत की मोटाई का पता लगाया जाता है जो ऑप्टिक न्यूराइटिस के कारण पतली हो जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं सीटी स्कैन से मस्तिष्क एवं शरीर के अन्य हिस्सों में असामान्यता की जांच की जाती है।
ऑप्टिक न्यूराइटिस का इलाज कैसे होता है?
अधिकांश मामलों में ऑप्टिक न्यूराइटिस बिना इलाज के ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में ऑप्टिक न्यूराइटिस डिजीज के असर को कम किया जाता है। ऑप्टिक न्यूराइटिस के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- ऑप्टिक न्यूराइटिस के इलाज के लिए स्टीरॉयड दवाएं दी जाती हैं जो ऑप्टिक नर्व की सूजन को कम करने में मदद करती हैं। स्टीरॉयड दवा इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती है जो इस बीमारी के लक्षणों को कम करती है।
- स्टीरॉयड दवाओं से ऑप्टिक न्यूराइटिस का असर कम न होने पर इंट्रावेनस मेथिलप्रेडनिसोलोन, इम्यूनोग्लोबुलिन, इंटरफेरॉन दवाओं का इंजेक्शन दिया जाता है।
- आंखों की रोशनी में सुधार न होने पर मरीज को प्लाज्मा एक्सचेंज थेरेपी दी जाती है। यह एक मेडिकेशन है जो ब्लड से बनाया जाता है और नसों में इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।
इसके अलावा ऑप्टिक न्यूराइटिस के इलाज के लिए मल्टीपल स्क्लेरोसिस की दवाएं जैसे इंटरफेरॉन बीटा-1 ए या इंटरफेरॉन बीटा-1 बी दी जाती हैं। ये दवाएं ऑप्टिक न्यूराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं और व्यक्ति को मल्टीपल स्क्लेरोसिस से बचाती हैं। साथ ही डायट में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है।
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घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे ऑप्टिक न्यूराइटिस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको ऑप्टिक न्यूराइटिस है तो आपके डॉक्टर वह आहार बताएंगे जिसमें बहुत ही अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते हों। इसके साथ ही आपको पर्याप्त मात्रा में खट्टे फलों के जूस का सेवन करने के साथ ही विटामिन बी 12 और ओमेगा-3 फैटी एसिड से युक्त आहार लेना चाहिए। ऑप्टिक न्यूराइटिस से बचने के लिए निम्न फूड का सेवन करना चाहिए:
जीवनशैली में बदलाव, संतुलित आहार, रोजाना एक्सरसाइज, धूम्रपान और एल्कोहल से परहेज के साथ ही नियमित आंखों की जांच कराने से ऑप्टिक न्यूराइटिस से काफी हद तक बचा जा सकता है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।