शरीर के किसी हिस्से का जरूरत से ज्यादा बढ़ जाना हर्निया की बीमारी की ओर इशारा करती है। ऐसा किसी भी शारीरिक हिस्से में हो सकता है। हालांकि हर्निया की बीमारी सबसे ज्यादा शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पेट पर सबसे ज्यादा होती है। पेट की मांसपेशियां जब कमजोर पड़ने लगती हैं तो हर्निया की बीमारी का खतरा शुरू होने लगता है। यह महिला और पुरुषों दोनों में होने वाली बीमारी है। हर्निया से बचाव संभव है लेकिन, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर आप इससे बचाव कर सकते हैं। यदि आपका हर्निया कॉनजेनाइटल है तो भी इसे नियंत्रित करने के लिए आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हर्निया ऐसी समस्या है जो किसी को भी हो सकती है इसका सबसे मुख्य कारण बता पाना मुश्किल हो सकता है। चोट लगने या फिर सर्जरी के बाद घाव के न भर पाने की स्थिति में मांसपेशियों में से कुछ टिशू अपनी जगह से बाहर आ जाते हैं। ये टिशू उभार के रूप में एब्डोमेन में दिखाई देते हैं और इस स्थिति को ही हर्निया कहते हैं। हर्निया की सर्जरी के बाद पेशेंट का खास ध्यान रखना जरूरी है। हर्निया को अंदर की तरफ ढकेलने के लिए हर्निया बेल्ट का इस्तेमाल किया जाता है।