डायबिटीज के कारण किडनी डिजीज: किडनी पर असर करती है डायबिटीज
यहां हम आपको डायबिटीज के कारण से लेकर उसके खतरों के बारे में बता रहे हैं।
डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं :
टाइप 1:
डायबिटीज का यह प्रकार आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है और इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है।
टाइप 2:
डायबिटीज के इस प्रकार में आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के साथ कोई रिएक्शन नहीं देती हैं। हाई ब्लड शुगर वाले मरीजों को आमतौर पर बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है और उन्हें जल्दी-जल्दी भूख और प्यास लगती है।
और पढ़ें: डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल के लिए सिर्फ 2 बातों को जानना है जरूरी
डायबिटीज के कारण किडनी डिजीज: डायबिटीज कितनी आम है?
डायबिटीज होना बेहद सामान्य है। जोखिम कारकों को कम करके डायबिटीज को रोका जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
डायबिटीज के लक्षण क्या हैं?
इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं :
- बार-बार यूरिनेशन होना
- बार-बार प्यास लगना
- बहुत भूख लगना
- अत्यधिक थकान
- धुंधला दिखना
- किसी चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगना
- लगातार घटता वजन (टाइप1)
- हाथ / पैर में झुनझुनी या दर्द (टाइप 2)
टाइप 2 डायबिटीज वाले रोगियों में लक्षण बहुत ही कम होते हैं। हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में कोई शंका है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
और पढ़ें: क्या किडनी सिस्ट बन सकती है किडनी कैंसर का कारण?
डायबिटीज के कारण किडनी डिजीज: मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण खुद में मिलते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- बहुत प्यास लगना
- सामान्य से अधिक बार यूरिन पास होना
- बहुत थका हुआ महसूस करना
- वजन में कमी और मसल लॉस
- पीनस या वजाइना के आसपास खुजली
- किसी चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगना
- धुंधला दिखना
टाइप 1 डायबिटीज मात्र कुछ हफ्तों या दिनों में ही विकसित हो सकती है।
और पढ़ें: किडनी स्टोन को नैचुरल तरीके से बाहर निकालने का राज छुपा है यूनानी इलाज में
डायबिटीज के कारण किडनी डिजीज: डायबिटीज किन कारणों से होती है?
जब भोजन पच जाता है और ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करता है, तो इंसुलिन नामक हार्मोन खून और कोशिकाओं से ग्लूकोज को बाहर पहुंचाता है। ग्लूकोज का कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यदि ग्लूकोज को बाहर करने के लिए शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं है या इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं होता है, तो शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इसकी वजह से आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।
किन कारणों से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है?
जो लोग 40 साल से अधिक उम्र के हैं, उन्हें मधुमेह आसानी से हो सकता है। इसके अलावा, जो अधिक वजन वाले हैं, धूम्रपान करते हैं या उनके परिवार में किसी को मधुमेह है तो ऐसे लोगों को डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
डायबिटीज के कारण किडनी डिजीज: डायबिटीज का निदान कैसे किया जाता है?
किसी मरीज का मेटाबॉलिज्म सामान्य है या उसे प्री-डायबिटीज या मधुमेह है, इसका पता डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों से लगा सकते हैं-
- ए1सी (A1C) टेस्ट
- एफ.पी.जी (FPG) (फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज) टेस्ट
- ओ.जी.टी.टी (OGTT) (ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट)
- hbA1c टेस्ट
डायबिटीज के कारण किडनी डिजीज: डायबिटीज का इलाज कैसे किया जाता है?
टाइप 1:
टाइप 1 डायबिटीज रोगियों को शुगर लेवल नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन लेना चाहिए और यह केवल इंजेक्शन या इंसुलिन पंप (एक छोटी डिवाइस जो लगातार शरीर में इंसुलिन पहुंचाता है) के द्वारा दिया जा सकता है।
टाइप 2:
- हेल्दी खाना खाएं ।
- शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं ।
- ब्लड के शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए दवा लें ।
- पैंक्रियास द्वारा इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने वाली दवाएं-क्लोरप्रोपामाइड (chlorpropamide), ग्लिमेपिराइड (Glimepiride), ग्लिपीजाइड (glipizide) और रेपागलिनाइड (repaglinide)
- ड्रग्स जो आंतों के द्वारा शुगर का इंटेक कम करते हैं- अकार्बोस (acarbose) और मिग्लिटोल (miglitol)
- ड्रग्स जो शरीर में इंसुलिन के उपयोग को सुधारते हैं-पियोग्लीटाजोन (pioglitazone) और रोसिग्लिटाजोन (rosiglitazone)
- ड्रग्स जो लिवर द्वारा शुगर उत्पादन को कम कर देते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करते हैं-मेटफोर्मिन (metformin)
- ड्रग्स जो पैंक्रियास (अग्न्याशय) या रक्त स्तर द्वारा इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाते हैं या लिवर के शुगर प्रोडक्शन को कम करते हैं- एल्बिग्लूटाइड (albiglutide) (alogliptin), ड्युलाग्लूटाइड (dulaglutide), लिनाग्लिप्टिन (linagliptin), एक्सेनटाइड (exenatide), लीराग्लूटाइड (liraglutide)
- ड्रग्स जो किडनी द्वारा ग्लूकोज को दोबारा अवशोषण से रोकते हैं और यूरिन में ग्लूकोज के उत्सर्जन को बढ़ाते हैं, जिसे सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर 2 (SGLT2) (sodium-glucose cotransporter 2) इन्हिबिटर्स कहा जाता है।
डायबिटीज के कारण किडनी डिजीज: जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
- स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम और अपने ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखने के लिए नियमित ब्लड टेस्ट कराएं।
- आप बी.एम.आई कैलक्यूलेटर के हिसाब से वजन संतुलित रखें।
- टाइप 1 डायबिटीज के रोगी जीवन भर नियमित इंसुलिन इंजेक्शन ले सकते हैं।
- टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों को दवा की जरूरत पड़ सकती है।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmi]