- पीठ दर्द होना
- जांघ में दर्द होना
- कमर दर्द की तकलीफ रहना
- सेक्शुअल ऑर्गेन में दर्द रहना
- यूरिन से ब्लड आना
- मतली और उल्टी होना
इन लक्षणों के अलावा अगर किडनी स्टोन की वजह से इंफेक्शन (Infection due to kidney stone) बढ़ने की स्थिति में नीचे बताये गए लक्षण भी नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल है:
किडनी स्टोन के ये सभी लक्षणों के अलावा और भी लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों को इग्नोर ना करें और किडनी स्टोन का यूनानी इलाज शुरू करवाएं।
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किडनी स्टोन का यूनानी इलाज क्या क्या है? (Unani treatment for Kidney stone)

किडनी स्टोन का यूनानी इलाज के लिए यूनानी डॉक्टर निम्नलिखित यूनानी मेडिसिन प्रिस्क्राइब करते हैं। इन दवाओं में शामिल है:
आलू बालू दवा (Aalu Balu Medicine)- इस दवा के सेवन से किडनी स्टोन का साइज कम होने लगता है या छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। इस दवा से किडनी स्टोन के दर्द से भी राहत मिल सकता है। रुक रुक कर पेशाब होने की तकलीफ भी दूर हो सकती है। इसके अलावा गॉलब्लैडर स्टोन (Gallbladder stone) में भी आलू बालू मेडिसिन फायदेमंद होता है।
कुरस ककंज (Qurs Kaaknaj)- यूरिन संबंधी परेशानियों के साथ-साथ किडनी स्टोन की तकलीफ को दूर करने के लिए कुरस ककंज प्रिस्क्राइब की जाती है।
शोरा कालमी दवा (Shorah Qalami)- किडनी स्टोन के यूनानी इलाज के लिए शोरा कालमी रामबाण दवा मानी जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार शोरा कालमी के सेवन से 3 या 4 महीनों में गुर्दे की पथरी की समस्या से निजात मिल सकता है।
नोट: इन ऊपर बताये किडनी स्टोन के इलाज के लिए ये दवाओं यूनानी डॉक्टर्स द्वारा प्रिस्क्राइब की जाती है। इन दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से करना सख्त मना है। इन दवाओं का डोज कितना होना चाहिए, यह बीमारी की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर पेशेंट को सलाह देंगे।
यूनानी दवाओं के अलावा गुर्दे की पथरी (Unani medicine for Kidney stone) के यूनानी इलाज में थेरिपी भी शामिल है। इस आर्टिकल में आगे समझेगें यूनानी थेरिपी के बारे में।
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किडनी स्टोन का यूनानी इलाज किन-किन थेरिपीज से क्या जाता है? (Unani Therapy for Kidney stone)

निम्नलिखित थेरिपी की मदद से किडनी स्टोन का इलाज किया जा सकता है। जैसे:
डायटोथेरिपी (Dietotherapy)- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार डिएटोथेरिपी के दौरान नैचुरल फूड पेशेंट को खाने की सलाह दी जाती है।
रेजिमेंटल थेरिपी (Regimental Therapy)- मिनिस्ट्री ऑफ आयुष के अनुसार रेजिमेंटल थेरिपी शरीर से विषाक्त (Toxins) पदार्थों को निकालने के सबसे बेहतर थेरिपी है। इस थेरिपी को डिटॉक्सिफिकेशन मेथड (Detoxification methods) भी कहा जाता है। इस थेरिपी की मदद से हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), मेंस्ट्रुअल डिसऑर्डर (Menstrual disorders) एवं ब्लड को क्लीन (Blood purification) रखा जाता है।