मूल बातों को जानें
फाइब्रॉइड्स (Fibroids) या रसौली क्या है?
महिलाओं के यूटेरस में होने वाले असमान्य विकास को हम फाइब्रॉइड्स या रसौली कहते हैं। इस असमान्य विकास की वजह से यूटेराइन कैंसर होने का खतरा नहीं होता लेकिन कुछ मामलों में ये ट्यूमर का रूप ले सकते हैं, जिसकी वजह से पीरियड्स के समय बहुत दर्द रहेगा और सामान्य से ब्लीडिंग हो सकती है।
कई बार रसौली की वजह से कोई परेशानी नहीं होती और कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखाई देते। इस स्थिति में डॉक्टर आपकी स्थिति देखते हुए इलाज या देख रेख की सलाह देंगे।
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फाइब्रॉइड्स गर्भाशय में किस स्थान पर है इसके अनुसार फाइब्रॉइड्स को पांच भागों में बांटा गया है।
इंट्राम्युरल फाइब्रॉएड( Intramural Fibroid)
इस तरह के फाइब्रॉइड्स का आकार जल्दी बढ़ता है, जिससे गर्भाशय का आकार भी बड़ा दिखाई देने लगता है। यह गर्भाशय की दीवार पर होता है, इसमें दर्द और ब्लीडिंग होती है।
सबसेरोसल फाइब्रॉएड (subserosal fibroid)
ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय के बाहर पाई जाने वाली दीवार पर पाई जाती है। यह आंत, रीढ़ की हड्डी और ब्लैडर पर दबाव डालता है। इसके कारण पेल्विस में तेज दर्द होता है।
सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड (submucosal fibroid )
ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय (Uterus) में मांसपेशियों के बीच के हिस्से में पाई जाती है, जिसके कारण पीरियड्स में अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है। कई केस में तो महिला को गर्भधारण करने में भी परेशानी आती है।
सर्वाइकल फाइब्रॉएड (Cervical fibroid )
ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय की गर्दन पर पाए जाते हैं।
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- इंट्रालिगमेंटस फाइब्रॉएड
ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय (Uterus) के साथ जुड़े टिश्यू में हो जाती है, इसके होने से पीरियड्स अनियमित हो जाते है।
इससे जुड़ी और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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रसौली के लक्षणों को जानें (Fibroids symptoms)
फाइब्रॉइड्स (Fibroids) या रसौली के क्या लक्षण हो सकते हैं ?
सबसे ज्यादा पाए जाने वाले रसौली के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं :
- पीरियड्स के समय बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
- मासिक धर्म का एक से ज्यादा हफ्तों के लिए रहना।
- बार-बार पेशाब लगना।
- कब्ज (Constipation) की समस्या होना।
- पीठ में दर्द होना।
- पैरो में ऐठन या दर्द का एहसास होना।
यूटेराइन फाइब्रॉइड्स की वजह से शुरुआत में कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी लेकिन समय बीतने पर असहजता और एनीमिया (Anaemia) की परेशानी आ सकती है।
इसके अलावा समय से पहले डिलीवरी, गर्भधारण करने में परेशानी होना या फिर फीटस के विकास में रूकावट आने जैसी समस्याए भी आ सकती हैं।
अपने डॉक्टर से कब मिलें ?
निम्नलिखित स्थितियों में आपको अपने डॉक्टर से मिल लेना चाहिए जैसे कि :
- पेट के निचले हिस्से (pelvic) में असहनीय दर्द होने पर।
- बहुत लम्बे समय तक पीरियड्स यानि मासिक धर्म के चलने पर ।
- पीरियड्स में खून के रंग के बदलने पर।
- ब्लैडर के सही ढंग से खाली न होने पर भी आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।
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रसौली के कारण भी जान लें (Fibroids causes)
रसौली ( (Rasauli) के क्या कारण हो सकते हैं?
यूटेराइन फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids) होने के सटीक कारण का पता लगा पाना मुश्किल है इसलिए इसके सभी संभावित कारण नीचे दिए हुए हैं :
जीन्स में बदलाव होने की स्थिति में : यूटेरस की मांसपेशियों के जीन्स में बदलाव होने की वजह से रसौली हो सकते हैं।
हॉर्मोन्स में बदलाव की वजह से : एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन मासिक धर्म के दौरान निकलने वाले दो ऐसे हॉर्मोन्स हैं जिनकी वजह से यूटेरस गर्भधारण करने के लिए तैयार होता है। इन हॉर्मोन्स की बढ़ोतरी की वजह से फाइब्रॉइड्स बनते हैं।
ऐसे कोई भी हॉर्मोन जो शरीर की बढ़ोतरी से जुड़े हैं वे फाइब्रॉइड्स की बढ़त पर प्रभाव डालते हैं। इन्सुलिन भी रसौली के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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रसौली (Fibroids) के खतरों के कारणों को जानें
इन स्थितियों में रसौली या फाइब्रॉइड्स होने की संभावना रहती है
- अगर परिवार में पहले किसी को फाइब्रॉइड्स रहा है तो भी फाइब्रॉइड्स होने की संभावना बढ़ जाती है।
- बहुत ज्यादा वजन होने पर भी आपको फाइब्रॉइड्स हो सकते है।
- अगर आपकी उम्र 30 वर्ष से ज्यादा है तो भी आपको फाइब्रॉइड्स हो सकते हैं।
- गर्भवती होने पर
जांच और इलाज (Fibroids treatment)
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी और जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
फाइब्रॉइड्स (रसौली) की जांच कैसे की जा सकती है?
नीचे दिए गए दो तरीकों से डॉक्टर फाइब्रॉइड्स की जांच कर सकते हैं :
- अल्ट्रासाउंड
- लैब टेस्ट
अगर अल्ट्रासाउंड के परिणाम साफ नहीं है तो आपके डॉक्टर इन टेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं :
- मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI)
- हिस्टेरोसोनोग्राफी (Hysterosonography)
- हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy)
- हिस्टेरोसलपिंगोग्राफी (Hysterosalpingography)
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फाइब्रॉइड्स (रसौली) का इलाज कैसे किया जा सकता है ? (How to treat fibroids)
यूटेराइन फाइब्रॉइड के इलाज के लिए कोई एक सटीक इलाज नहीं है। अपनी स्थिति के अनुसार इलाज के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
अगर लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं है और आपको इलाज की आवश्यकता तुरंत नहीं है तो संभव है कि डॉक्टर आपको मेनोपॉज का इंतजार करने को कहेंगे। इसके अलावा डॉक्टर समय-समय पर पेल्विक जांच भी करवाने की सलाह देंगे।
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बहुत अधिक खून बहने पर क्या इलाज दिया जा सकता है ?
अगर आपको बहुत अधिक खून आ रहा है और बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो जरूरी नहीं है कि इसका कारण फाइब्रॉइड्स ही हो। कई बार इसका कारण केवल पीरियड्स भी हो सकती है।
इन दवाओं की मदद से अनियमित पीरियड्स और एनीमिया (Anemia) का इलाज किया जा सकता है :
- नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं से पीरियड्स के दौरान क्रैम्प्स और दर्द से राहत मिल सकती है। लेकिन इससे फाइब्रॉइड्स में कितनी सहायता मिलेगी ये बता पाना जरा मुश्किल है।
- कॉन्ट्रासेप्टिव (contraceptive) दवाएं भी पीरियड्स में दर्द कम करती है।
- इंट्रायूटेरिन डिवाइस (IUD) यूटेरस में प्रोजेस्टेरोन छोड़ता है, जिससे ब्लीडिंग को नियंत्रित किया जा सकता है।
- प्रोजेस्टिन शॉट (डीपो – प्रोवेरा (Depo-Provera)) हर तीन महीनें के अंतराल पर लेने से भी पीरियड्स में ब्लीडिंग को कम किया जा सकता है। इस दवा को कॉन्ट्रासेप्टिव पिल के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
- डॉक्टर आपको आयरन सप्लीमेंट (Iron Supplement) लेने की भी सलाह दे सकते हैं इससे फाइब्रॉइड की वजह से होने वाले खून की कमी को नियंत्रित किया जा सकता है।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपाय (Fibroids home remedies)
व्यायाम करने से महिलाओं में यूटेराइन फाइब्रॉइड्स की परेशानी नहीं आएगी। और आप हमेशा स्वस्थ रह सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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