backup og meta

हर महिला के लिए जानना जरूरी है फाइब्रॉएड से जुड़े मिथक

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


sudhir Ginnore द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/07/2020

    हर महिला के लिए जानना जरूरी है फाइब्रॉएड से जुड़े मिथक

    फाइब्रॉएड किसी भी महिला को किसी भी उम्र में हो सकता है। अक्सर महिलाओं के मन में फाइब्रॉएड को लेकर मिथक होते हैं। कई बार फाइब्रॉइड के मिथक महिला को हीनभावना से भी ग्रसित कर देते है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, लगभग 70% अमेरिकी महिलाओं और 80% अफ्रीकी-अमेरिकी महिलाओं में फाइब्रॉएड हैं। भारतीय महिलाओं में भी फाइब्रॉइड की समस्या पहले के मुकाबले अब बढ़ गई है।

    फाइब्रॉइड गर्भाशय की दीवार के अंदर नॉन-कैंसरस ट्यूमर  हैं, लेकिन फिर भी महिलाओं के मन में फाइब्रॉइड को लेकर भ्रांति होती है कि कहीं यह कैंसर में न बदल जाएं, फाइब्रॉएड के कारण उन्हें प्रेग्नेंसी में कोई समस्या न आए, इस कारण वे मन ही मन परेशान भी रहती हैं। फाइब्रॉएड से जुड़े मामलों में अक्सर महिलाएं या तो चुपचाप रहती है या अपनी परिचित महिलाओं से बात करती है जिसके जरिये उन्हें भ्रम फैलाने वाली जानकारी ही मिलती है। महिलाओं को ये जानना जरूरी है कि फाइब्रॉएड कई तरह की होती है और उसके अनुसार इलाज और सावधानियां, चिकित्सीय जोखिम भी अलग-अलग होते है।

    और पढ़ें– यूटेरिन प्रोलैप्स: गर्भाशय क्यों आ जाता है अपनी जगह से नीचे?

     फाइब्रॉएड के मिथक:

    1. यदि किसी महिला को फाइब्रॉएड है, तो उसे पीरियड्स में बहुत ब्लीडिंग और दर्द जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ेगा।

    फाइब्रॉएड के मिथक में ये सबसे प्रचलित है कि सभी फाइब्रॉएड से पीड़ित महिलाओं को पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग और दर्द होता होगा, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं। एक विशेष प्रकार की फाइब्रॉएड में ही अधिक ब्लीडिंग और दर्द होता है। फाइब्रॉएड के 70% केस में कोई लक्षण अनुभव नहीं होते। पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग और दर्द फाइब्रॉएड के मिथक में शामिल है। कई मामलों में तो महिलाओं को पता ही नही चलता कि उन्हें फाइब्रॉएड की समस्या है इसलिए ये कहना मुश्किल है कि फाइब्रॉएड होने पर ही किसी महिला को पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग और दर्द होता है, कई और कारणों से भी पीरियड्स में दर्द और ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।

    और पढ़ें- पीरियड्स के दौरान किस तरह से हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए?

    2. नियमित अल्ट्रासाउंड करने से गर्भाशय के फाइब्रॉएड (Uterine Fibroid) का पता लग जाता है।

    फाइब्रॉएड के मिथक में ये भी शामिल है कि क्या नियमित अल्ट्रासाउंड करने से गर्भाशय फाइब्रॉएड का पता लग जाता है। डॉक्टर को संदेह होने पर वे अल्ट्रासाउंड जैसी कई जांच करते है, ताकि फाइब्रॉएड का पता लगाया जा सकें। फाइब्रॉएड का आकार और वह किस स्थान पर है, उसका बहुत फर्क पड़ता है। हमेशा इमेजिंग तकनीक से मौजूदा फाइब्रॉएड का पता लगाया जा सकें, ये निश्चित नहीं है। बहुत छोटे फाइब्रॉएड का पता लगाना मुश्किल होता है। फाइब्रॉएड की जांच के लिए डॉक्टर अक्सर लैप्रोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड तकनीक के इस्तेमाल से योनि के माध्यम से पेट में स्कोप डालते है, इससे ज्यादा बेहतर तरीके से फाइब्रॉएड का पता लग पाता है। फाइब्रॉएड के मिथक की सूचि में सामान्य अल्ट्रासाउंड शामिल है, महिलाएं सोचती है कि सिर्फ अल्ट्रासाउंड करने से गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine Fibroid) का पता लगाया जा सकता है जबकि ऐसा नही है।

    और पढ़ें- Atrial Fibrillation : एट्रियल फाइब्रिलेशन क्या है?

    3. फाइब्रॉएड ट्यूमर कैंसर बन सकता है।

    फाइब्रॉएड के मिथक में ये भी शामिल है कि क्या फाइब्रॉएड ट्यूमर कैंसर बन सकता है। गर्भाशय में होने वाले फाइब्रॉएड का कैंसर बन जाना भी फाइब्रॉएड के मिथक में शामिल है। फाइब्रॉएड कैंसर तब ही बनते है, जब वे रजोनिवृत्ति से गुजर रही हो, या इसके बाद होने वाली फाइब्रॉएड कैंसर हो सकती है। 100 में से 99 केस में फाइब्रॉएड कैंसर नहीं बनता है ऐसे में फाइब्रॉएड ट्यूमर कैंसर बन सकता है ये फाइब्रॉएड के मिथक में से एक है।

    और पढ़ें- दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाएं पूछती हैं ये सवाल

    4. एंडोमेट्रियल एब्लेशन (Endometrial ablation) फाइब्रॉएड के इलाज की एक विधि है।

    फाइब्रॉएड के मिथक में ये भी शामिल है कि क्या एंडोमेट्रियल एब्लेशन फाइब्रॉएड के इलाज की एक विधि है। दरअसल एंडोमेट्रियल एब्लेशन का उपयोग सामान्य तौर पर असामान्य रक्तस्राव (Abnormal Bleeding)  के लिए किया जाता है। जब फाइब्रॉएड की वजह से अधिक ब्लीडिंग होती है तो एंडोमेट्रियल एब्लेशन का इस्तेमाल किया जाता है। यह किसी भी तरह से फाइब्रॉएड को हटाने का काम नहीं करता है, इस तरह यह भी फाइब्रॉएड के मिथक में शामिल है कि एंडोमेट्रियल एब्लेशन के जरिये फाइब्रॉएड का इलाज किया जाता है।

    [mc4wp_form id=’183492″]

    5. इलाज न करने पर फाइब्रॉएड जीवन भर बढ़ता रहेगा।

    फाइब्रॉएड के मिथक में ये भी शामिल है कि क्या इलाज न करने पर फाइब्रॉएड जीवन भर बढ़ता रहेगा, जबकि ऐसा नही है। फाइब्रॉएड का आकार एस्ट्रोजन से बढ़ता है और फाइब्रॉएड का आकार इसी हार्मोन के बढ़ने-घटने पर निर्भर करता है। फाइब्रॉएड प्रेग्नेंसी के दौरान भी विकसित हो जाते है। ज्यादातर फाइब्रॉएड रजोनिवृति के बाद सिकुड़ते है। इलाज करवाने या न करवाने से फाइब्रॉएड का आकार बढ़ता है ये निश्चित नहीं है। यदि एस्ट्रोजन शरीर में कम बन रहे है तो अपने आप फाइब्रॉएड का आकार बढ़ना बंद हो जाएगा। कुल मिलाकर यह भी फाइब्रॉएड के मिथक में शामिल है कि इलाज न करने पर फाइब्रॉएड जीवन भर बढ़ता रहता है।

    और पढ़ें- गर्भावस्था और काम के बीच कैसे बनाएं बैलेंस?

    6. फाइब्रॉएड के कारण कंसीव नहीं कर सकते हैं।

    फाइब्रॉएड के मिथक में यह भी शामिल है कि फाइब्रॉएड के कारण  महिलाएं कंसीव नहीं कर सकती हैं, लेकिन ये फाइब्रॉएड के मिथक ही है और ये पूरी तरह से सच नहीं है। कुछ तरह की फाइब्रॉएड होने पर प्रेग्नेंसी के बाद गर्भपात का खतरा रहता है, तो कुछ में कंसीव करने में दिक्कत आती है, लेकिन यदि डॉक्टर से नियमित इलाज करवाया जाएं तो कोई बड़ी समस्या नहीं होती। कुछ तरह की फाइब्रॉएड में नॉर्मल डिलिवरी का डॉक्टर मना कर देते है, जिस वजह सी-सेक्शन के जरिये ही डिलिवरी की जाती है। इसलिए ये भी पूरी तरह से फाइब्रॉएड के मिथक में शामिल है कि फाइब्रॉएड के कारण प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी आती है।

    हर महिला को फाइब्रॉएड के मिथक के बारे में जानना जरूरी है क्योंकि फाइब्रॉएड कोई बड़ी समस्या नहीं है। यदि इसका इलाज और सावधानी समय रहते ही किया जाएं तो महिला को कोई बड़ी समस्या या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। फाइब्रॉएड के मिथक मन में रखने से सिर्फ तनाव बढ़ता है जो हार्मोन समस्या को और बढ़ाता है। इसके बजाय महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेकर पूरा इलाज करवाना चाहिए। आज के समय में हर दूसरी महिला फाइब्रॉएड से ग्रसित है। ये नहीं सोचना चाहिए कि फाइब्रॉएड बहुत बड़ी समस्या है। समय रहते इलाज और सावधानियां रखी जाएं  तो इससे निपटा जा सकता है।

    हमें उम्मीद है कि फाइब्रॉएड के मिथक पर आधारित ये आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। यहां हमने इस विषय पर आधारित महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    sudhir Ginnore द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/07/2020

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement