के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
महिलाओं के यूटेरस में होने वाले असमान्य विकास को हम फाइब्रॉइड्स या रसौली कहते हैं। इस असमान्य विकास की वजह से यूटेराइन कैंसर होने का खतरा नहीं होता लेकिन कुछ मामलों में ये ट्यूमर का रूप ले सकते हैं, जिसकी वजह से पीरियड्स के समय बहुत दर्द रहेगा और सामान्य से ब्लीडिंग हो सकती है।
कई बार रसौली की वजह से कोई परेशानी नहीं होती और कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखाई देते। इस स्थिति में डॉक्टर आपकी स्थिति देखते हुए इलाज या देख रेख की सलाह देंगे।
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फाइब्रॉइड्स गर्भाशय में किस स्थान पर है इसके अनुसार फाइब्रॉइड्स को पांच भागों में बांटा गया है।
इंट्राम्युरल फाइब्रॉएड( Intramural Fibroid)
इस तरह के फाइब्रॉइड्स का आकार जल्दी बढ़ता है, जिससे गर्भाशय का आकार भी बड़ा दिखाई देने लगता है। यह गर्भाशय की दीवार पर होता है, इसमें दर्द और ब्लीडिंग होती है।
सबसेरोसल फाइब्रॉएड (subserosal fibroid)
ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय के बाहर पाई जाने वाली दीवार पर पाई जाती है। यह आंत, रीढ़ की हड्डी और ब्लैडर पर दबाव डालता है। इसके कारण पेल्विस में तेज दर्द होता है।
सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड (submucosal fibroid )
ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय (Uterus) में मांसपेशियों के बीच के हिस्से में पाई जाती है, जिसके कारण पीरियड्स में अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है। कई केस में तो महिला को गर्भधारण करने में भी परेशानी आती है।
सर्वाइकल फाइब्रॉएड (Cervical fibroid )
ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय की गर्दन पर पाए जाते हैं।
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ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय (Uterus) के साथ जुड़े टिश्यू में हो जाती है, इसके होने से पीरियड्स अनियमित हो जाते है।
इससे जुड़ी और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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फाइब्रॉइड्स (Fibroids) या रसौली के क्या लक्षण हो सकते हैं ?
सबसे ज्यादा पाए जाने वाले रसौली के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं :
यूटेराइन फाइब्रॉइड्स की वजह से शुरुआत में कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी लेकिन समय बीतने पर असहजता और एनीमिया (Anaemia) की परेशानी आ सकती है।
इसके अलावा समय से पहले डिलीवरी, गर्भधारण करने में परेशानी होना या फिर फीटस के विकास में रूकावट आने जैसी समस्याए भी आ सकती हैं।
निम्नलिखित स्थितियों में आपको अपने डॉक्टर से मिल लेना चाहिए जैसे कि :
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रसौली ( (Rasauli) के क्या कारण हो सकते हैं?
यूटेराइन फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids) होने के सटीक कारण का पता लगा पाना मुश्किल है इसलिए इसके सभी संभावित कारण नीचे दिए हुए हैं :
जीन्स में बदलाव होने की स्थिति में : यूटेरस की मांसपेशियों के जीन्स में बदलाव होने की वजह से रसौली हो सकते हैं।
हॉर्मोन्स में बदलाव की वजह से : एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन मासिक धर्म के दौरान निकलने वाले दो ऐसे हॉर्मोन्स हैं जिनकी वजह से यूटेरस गर्भधारण करने के लिए तैयार होता है। इन हॉर्मोन्स की बढ़ोतरी की वजह से फाइब्रॉइड्स बनते हैं।
ऐसे कोई भी हॉर्मोन जो शरीर की बढ़ोतरी से जुड़े हैं वे फाइब्रॉइड्स की बढ़त पर प्रभाव डालते हैं। इन्सुलिन भी रसौली के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी और जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
नीचे दिए गए दो तरीकों से डॉक्टर फाइब्रॉइड्स की जांच कर सकते हैं :
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यूटेराइन फाइब्रॉइड के इलाज के लिए कोई एक सटीक इलाज नहीं है। अपनी स्थिति के अनुसार इलाज के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
अगर लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं है और आपको इलाज की आवश्यकता तुरंत नहीं है तो संभव है कि डॉक्टर आपको मेनोपॉज का इंतजार करने को कहेंगे। इसके अलावा डॉक्टर समय-समय पर पेल्विक जांच भी करवाने की सलाह देंगे।
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अगर आपको बहुत अधिक खून आ रहा है और बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो जरूरी नहीं है कि इसका कारण फाइब्रॉइड्स ही हो। कई बार इसका कारण केवल पीरियड्स भी हो सकती है।
इन दवाओं की मदद से अनियमित पीरियड्स और एनीमिया (Anemia) का इलाज किया जा सकता है :
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व्यायाम करने से महिलाओं में यूटेराइन फाइब्रॉइड्स की परेशानी नहीं आएगी। और आप हमेशा स्वस्थ रह सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
डिस्क्लेमर
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