परिचय
दवा किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए दी जाती है, लेकिन कई बार दवा बीमारी को ठीक करने की बजाय आपके लिए परेशानी खड़ी कर देती है। कुछ लोगों को किसी खास किस्म की दवा से एलर्जी या रिएक्शन हो जाता है। यह रिएक्शन मामूली या बेहद गंभीर भी हो सकता है। इसलिए कभी कोई दवा डॉक्टर को दिखाए बिना न खाएं और न ही सेल्फ मेडिकेशन करें। चलिए आपको बताते हैं कभी आपको या किसी अन्य को मेडिकेशन रिएक्शन हो जाए तो उस स्थिति में क्या करना चाहिए।
क्या है मेडिकेशन रिएक्शन?
ड्रग एलर्जी या मेडिकेशन रिएक्शन एक एलर्जिक रिएक्शन है जिसमें आपका इम्यून सिस्टम दवा के साथ प्रतिक्रिया करता है। रैश, बुखार और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखे तो समझ जाइए कि यह ड्रेग रिएक्शन की वजह से हुआ है। एक ही दवा से सबको एलर्जी हो ये ज़रूरी नहीं। हो सकता है आपको जो दवा सूट कर रही है वही दवा आपके परिवार में किसी दूसरे के लिए एलर्जी का कारण बन जाए। वैसे ड्रग एलर्जी या रिएक्शन बहुत आम नहीं है, सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत मामले में ही लोगों को दवा का रिएक्शन या एलर्जी होती है।
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कारण
मेडिकेशन रिएक्शन का कारण
ड्रग एलर्जी खास दवा से इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया स्वरूप होता है। जब आप पहली बार कोई दवा लेते हैं आपको कोई समस्या नहीं होती, लेकिन आपका इम्यून सिस्टम ड्रग के खिलाफ एक खास तत्व बनाता है जिसे एंटीबॉडी कहते हैं। इससे अगली बार जब आप वही दवा लेते है तो एंटीबॉडी व्हाइट ब्लड सेल्स को हिस्टामाइन नामक क केमिकल बनाने के लिए कहता है। हिस्टामाइन और दूसरे केमिकल्स ही एलर्जी के लक्षण पैदा करते हैं।
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किन दवाओं से मेडिकेशन रिएक्शन का खतरा ज्यादा होता है?
अलग-अलग दवाओं का अलग-अलग लोगों पर असर भी भिन्न तरह का होता है। किसी खास दवा से दूसरी दवा के मुकाबले एलर्जिक रिएक्शन ज़्यादा हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं किन दवाओं से एलर्जिक रिएक्शन का खतरा अधिक होता है।
- एंटीबायोटिक्स जैसे पेनिसिलिन और सल्फा एंटीबायोटिक्स जैसे सल्फामेथोक्साज़ोल-ट्राइमेथ्रिम
- एस्पिरिन
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, जैसे आइबूप्रोफेन
- एंटीकॉन्वल्सेन्ट जैसे कार्बामाजेपिन और लैमोट्रीगीन
- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी जैसे ट्रेस्टुज़ुमैब और इब्रिटूमोमैब टक्सीटैन में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं।
- कीमोथेरेपी दवाएं जैसे कि पैक्लिटैक्सेल, डोसेटेक्सेल और प्रार्बजीन
आमतौर पर इन दवाओं से भी एलर्जी हो सकती हैः
- सिजर्स के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा।
- इंसुलिन (खासतौर पर जानवरों के स्रोत वाला इंसुलिन)
- आयोडीन युक्त पदार्थ, जैसे कि एक्स-रे कंट्रास्ट डाई (ये एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया पैदा कर सकते हैं)
- पेनिसिलिन और संबंधित एंटीबायोटिक्स
- सल्फा ड्रग्स
दवा से होने वाले अधिकांश साइड इफेक्ट एलर्जिक रिएक्शन की वजह से नहीं होते। जैसे एस्प्रीन अस्थमा को बढ़ाने के कारण बन सकता है बिना इम्यून सिस्टम को शामिल किए। अधिकांश लोगों को दवा से किसी तरह की गंभीर एलर्जी या साइड इफेक्ट नहीं होता है। उल्टी, बुखार और शरीर पर चकत्ते उभरने जैसे लक्षण मेडिकेशन रिएक्शन के हो सकते हैं।
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सावधानी
मेडिकेशन रिएक्शन होने पर क्या करें?
हमारा इम्यून सिस्टम हमें बीमारियों से बचाता है। यह कुछ इस तरह से बना है कि बाहरी खतरे जैसे वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट और अन्य घातक पदार्थों को शरीर में आने से रोकता है, लेकिन मेडिकेशन रिएक्शन की स्थिति में इम्यून सिस्टम दवा को भी एक घातक पदार्थ समझकर प्रतिक्रिया करता है जिससे समस्या हो खड़ी हो जाती है। दरअसल, इस दौरान हमारा इम्यून सिस्टम एंटीबॉडीस बनाने लगता है जो आमतौर पर वायरस, बैक्टीरिया आदि पर हमला करते हैं, लेकिन इस स्थिति में वह दवा पर ही अटैक कर देते हैं। जिससे सूजन, रैश, बुखार, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या होने लगती है। दवा से रिएक्शन हो सकता है पहली बार में ही हो जाए या कई बार दवा लेने के बाद हो।
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क्या दवा से होने वाली एलर्जी हमेशा खतरनाक होती है?
दवा से होने वाली एलर्जी हमेशा खतरनाक नहीं होती है। कई बार तो यह इतना माइल्ड होता है कि आपको समझ ही नहीं आएगा कि यह एलर्जी है, जैसे हल्का रैश होना।
हां, लेकिन कई बार दवा से होने वाली गंभीर एलर्जी के कारण जान को भी खतरा हो सकता है। इसकी वजह से एनाफिलेक्सिस हो सकता है। एनाफिलेक्सिस अचानक होने से पूरे शरीर में दवा या अन्य एलर्जेन के कारण होने वाली एलर्जी है जो जानलेवा हो सकती है। एनाफिलेक्टिक रिएक्शन दवा के लेने के तुरंत बाद हो सकता है, कुछ मामलों में यह 12 घंटे बाद भी हो सकता है। इसके लक्षणों में शामिल हैः
- असामान्य हृदय गति
- सांस लेने में दिक्कत
- सूजन
- बेहोशी
- पेट में दर्द या ऐंठन
- उलझन
- दस्त
- मितली या उल्टी
समय रहते यदि एनाफिलेक्सिस का इलाज न किया जाए तो पीड़ित की जान भी जा सकती है। यदि कोई भी दवा लेने के बाद आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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दवा की एलर्जी और साइड इफेक्ट में क्या अंतर है?
ड्रग एलर्जी सिर्फ कुछ लोगों को ही प्रभावित करती है। इसमें हमेशा इम्यून सिस्टम शामिल होता है और इसका प्रभाव नकारात्मक होता है। जबकि दवा लेने के बाद उससे साइड इफेक्ट किसी को भी हो सकता है। साथ ही इसमें इम्यून सिस्टम शामिल नहीं होता है। साइड इफेक्ट का मतलब है दवा का अपना काम करने के अलावा शरीर को किसी भी तरह से प्रभावित करना यह हानिकारक या मददगार भी हो सकता है। जैसे की दर्द के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा एस्प्रिन पेट में गड़बड़ी पैद कर देती है यह इसका निगेटिव साइड इफेक्ट है। हालांकि, इसके साथ ही यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक को खतरे को कम करती है यह हेल्पफुल साइड इफेक्ट है।
उपचार
कब करें डॉक्टर से संपर्क
यदि किसी दवा को खाने के बाद आपको ऐसा लग रहा है कि मेडिकेशन रिएक्शन हो गया है तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है, गंभीर अस्थमा या एनाफिलेक्सिस के लक्षण दिखे तो इमरजेंसी नंबर पर फोन करके मेडिकल हेल्प मांगे।
बचाव
ड्रग एलर्जी से बचने का कोई तरीका नहीं है। यदि आपको पता है कि किसी खास तरह की दवा से एलर्जी हो जाती है तो उसे खाने से बचें। पहले यदि किसी बीमारी के इलाज के दौरान आपको किसी दवा से एलर्जी हो चुकी है तो अपने वर्तमान डॉक्टर को भी इस बारे में जरूर बताएं ताकि वह आपको वही दवा न दें।
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