के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
मॉर्टन न्यूरोमा एक दर्दनाक स्थिति है जो आपके पैर की बॉल को प्रभावित करती है। पैर की बॉल यानी तलवों का निचला हिस्सा। जो गद्दीदार होता है। आमतौर पर पैर की तीसरी और चौथी अंगुलियों के बीच का क्षेत्र मॉर्टन न्यूरोमा से प्रभावित होता है। मॉर्टन न्यूरोमा होने पर ऐसा महसूस होता है जैसे कि आपके जूते में कंकड़ हो और वो तलवों पर लगातार चुभ रहा हो। ऐसा भी लग सकता है कि आपके मोजे मुड़ गए हों जिससे तलवों में तकलीफ हो रही है।
मॉर्टन न्यूरोमा में आपके पैर की उंगलियों की नसों के आसपास के ऊतक मोटे या बड़े हो जाते हैं। जिससे तलवों में जलन महसूस होने लगती है। आपके पैर की अंगुलियां सुन्न भी हो सकती हैं। मॉर्टन न्यूरोमा का अभी असली कारण नहीं पता चल पाया है। ऊंची एड़ी के जूते पहनने से मॉर्टन न्यूरोमा विकसित हो जाता है। कई लोग ऊंची एड़ी के जूते छोड़ कम एड़ी के जूते पहनते हैं तो उन्हें राहत महसूस होती है। कभी-कभी इसके इलाज के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन या सर्जरी की आवश्यकता होती है।
मॉर्टन न्यूरोमा एक तरह का सौम्य ट्यूमर होता है। यह कोई गंभीर ट्यूमर की तरह नहीं होता है। यह पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है।
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मॉर्टन न्यूरोमा के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं:
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एक डॉक्टर आपसे मॉर्टन न्यूरोमा के लक्षण और दर्द की स्थिति के बारे में जानने की कोशिश करेगा। डॉक्टर मरीज से यह भी पूछेंगे कि वे किस प्रकार के जूते पहनते हैं। साथ ही उनकी नौकरी, जीवन शैली और आदतों के बारे में भी जानेंगे।
डॉक्टर पैर की जांच करेंगे और प्रभावित नस का पता लगाने की कोशिश करेंगे। पैर को हर तरफ से दबाकर लक्षणों को दोबारा पैदा करेंगे। जिससे सही स्थिति का पता लगाया जा सके। डॉक्टर पैर की अंगुलियों के बीच दबाकर यह पता लगाएगा कि मॉर्टन न्यूरोमा कितना गंभीर है।
इसके अलावा पैर के अंदर की स्थिति को जानने के लिए डॉक्टर कुछ स्कैन भी कर सकते हैं। ये स्कैन कुछ इस प्रकार होंगे:
एक्स-रे – एक्स-रे से पता चल जाएगा कि पैर में कोई अन्य चोट या फैक्चर तो नहीं है। इससे तुरंत इलाज हो सकेगा।
अल्ट्रासाउंड स्कैन – अल्ट्रासाउंड स्कैन अन्य स्कैन से सस्ते होते हैं, कोई विकिरण की आवश्यकता नहीं होती है, और मॉर्टन के न्यूरोमा को एमआरआई के समान सटीकता के साथ पहचान सकते हैं। यह मोर्टन के न्यूरोमा को अन्य समान स्थितियों से अलग करने में भी मदद कर सकता है, जैसे कि सिनोवाइटिस।
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अल्ट्रासाउंड स्कैन – अल्ट्रासाउंड स्कैन अन्य स्कैन से सस्ते होते हैं, एमआरआई के जरिए मॉर्टन न्यूरोमा को सटीकता के साथ पहचाना जा सकता है। साथ ही यह भी पता चल जाता है कि मॉर्टन न्यूरोमा के अलावा साइनोवाइटिस जैसी समस्या तो नहीं है।
एमआरआई – यह एक अधिक महंगा इमेजिंग परीक्षण है जो कि कोई लक्षण नहीं होने पर भी मॉर्टन न्यूरोमा का पता लगा सकता है। डॉक्टर को कैप्सुलाइटिस, बर्साइटिस या फ्रीबर्ग की बीमारी सहित कई अन्य बीमारियों के लक्षण भी पता चल जाते हैं।
। बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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