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Myotonic Dystrophy : मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/05/2020

Myotonic Dystrophy : मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी क्या है?

परिचय

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी (Myotonic Dystrophy) क्या है?

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी (Myotonic Dystrophy) की समस्या मांसपेशियों से जुड़ी होती है। यह मांसपेशिओं को कमजोर करती रहती है। इस विकार से पीड़ित लोगों की मांसपेशियां लंबे समय तक सिकुड़ती रहती है जिसके कारण मांसपेशियों की जकड़न बनी रहती है। इसका प्रभाव कंधे, पीठ के साथ-साथ मुंह के जबड़े पर भी देखा जा सकता है।

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कितना सामान्य है मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी?

इसकी समस्या बढ़ती उम्र के साथ-साथ बढ़ने लगती है। बुजुर्ग वयस्कों में इसकी परेशानी काफी आम देखी जा सकती है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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लक्षण

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के लक्षण क्या हैं?

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के लक्षण होने पर 20 से 30 साल की उम्र में प्रोग्रोसिव मांसपेशी खराब और कमजोर होने लगती हैं। इसके कारण उनके पैरों के निचले हिस्से, हाथों, गर्दन और चेहरे की मांसपेशियों में अकड़न और सिकुड़न आने लगती है। ऐसे लोगों को हाथ मिलाने या छोटी-मोटी शारीरिक गतिविधियों को करने में भी परेशानी होती है।

मांसपेशियों में कमजोरी और खराबी होने के अलावा, जिन लोगों में मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी होती है, उन्हें धुंधला दिखाई देने की भी समस्या हो सकती है, जो मोतियाबिंद का भी कारण हो सकता है और उनके दिल की धड़कन के विद्युत नियंत्रण में भी अनियमितता आ सकती है।

जिन पुरुषों में मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी होती है, उनके हार्मोन में बदलाव होते हैं जो कभी-कभी गंजेपन का कारण बन सकते हैं और कभी-कभी पुरुषों में बांझपन की भी समस्या बन सकती है।

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के संकेतों और लक्षणों के साथ पैदा होने वाले शिशुओं में जन्मजात मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी हो सकती है। उनकी सभी मांसपेशियां कमजोर होती हैं, सांस लेने में तकलीफ और मानसिक विकलांगता सहित विकास में देरी भी होती है। कुछ स्थितियों में यह मृत्यु का कारण बन सकती है।

इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।

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कारण

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के क्या कारण हैं?

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी पारिवारिक बीमारी है। इसके कारण मांसपेशियों में एक परिवर्तन होता है, जिसे ऑटोसोमल उत्परिवर्तन कहा जाता है। जो मांसपेशियों को ठीक से अपने कार्य करने से रोकता है। अगर किसी व्यक्ति में इसकी समस्या है, तो उसके बच्चे में इसकी स्थिति होने की संभावना 50 फिसदी तक बनी रहती है। बच्चे को यह मां या पिता दोनों से ही मिल सकती है।

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जोखिम

कैसी स्थितियां मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?

इसके जोखिम को किस तरह की शारीरि गतिविधियां या स्वास्थ्य स्थिति बढ़ा सकती हैं, इसके बारे में उचित जानकारी नहीं हैं। कृपया इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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निदान और उपचार

प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी का निदान कैसे किया जाता है?

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे। आपकी मांसपेशियों में किस तरह की समस्या है और इसके कारण शरीर के कौन-कौन से अंग प्रभावित हुए हैं, इसका पता लगाया जाएगा।

कई जरूरी लैब टेस्ट भी किए जा सकते हैं। जिसमें इलेक्ट्रोमोग्राफी (electromyography ) टेस्ट भी किया जा सकता है। इसकी प्रक्रिया के दौरान मांसपेशियों में एक छोटी सुई डाली जाती है जो मांसपेशियों की विद्युत गतिविधि का अध्ययन करती है।

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के लिए आनुवंशिक परीक्षण किया जाना सबसे जरूरी होता है। इसके लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है, जो गुणसूत्रों के भीतर परिवर्तित जीन की पहचान करता है। ये परिवर्तन सफेद रक्त कोशिकाओं के भीतर होते हैं। CNBP और DMPK दो जीनों (gene) में  परिवर्तन होने के कारण ही मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी की समस्या होती है। मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी टाइप 1 DMPK जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है। जबकि, टाइप 2 मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी CNBP जीन में परिवर्तन के कारण होता है।

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी का इलाज कैसे होता है?

मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के लिए वर्तमान में कोई इलाज या उचित उपचार नहीं है। जब मांसपेशियां कमजोर या खराब होती हैं, तो एंकल सपोर्ट और लेग ब्रेसेस की मदद ली जा सकती है। इसके अलावा कुछ दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो इसकी समस्या से थोड़ी राहत दिला सकती हैं। इसके अलावा इसके अन्य लक्षणों जैसे हृदय की समस्याएं और आंख की समस्याओं का भी इलाज किया जा सकता है।

जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार

जीवनशैली में बदलाव या घरेलू उपचार क्या हैं, जो मुझे मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी को रोकने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव लाने और घरेलू उपायों से आप मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी के खतरे को कम कर सकते हैंः

  • नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, ताकि शरीर को फिट बनाए रख पाएं।
  • दिल और मांसपेशियों का मजबूत बनाने में मददगार आहार का सेवन करें।
  • ठंड तापमान में मांसपेशियों की स्थिति अधिक बिगड़ सकती है इसलिए गर्म और उचित तापमान में रहें।
  • मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • शराब और अन्य उत्तेजनाओं वाले पदार्थों का सेवन न करें।

अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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