लिपोसक्शन
लिपोसक्शन इलाज का एक अन्य विकल्प है। लिपोमा चूकि फैट से बने होते हैं इसलिए यह प्रक्रिया इसका आकार छोटा करने में मदद करती है। लिपोसक्शन में एक बड़ी सीरिंज में सुई अटैच होती है और लिपोमा वाले जिस हिस्से पर इसे लगाया जाना है उसे सुन्न कर दिया जाता है।
स्टेरॉयड इंजेक्शन
प्रभावित हिस्से में स्टेरॉयड इंजेक्शन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरीके से इलाज में लिपोमा सिकुड़ कर छोटा हो जाता है, लेकिन यह लिपोमा को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकता है।
लिपोमा सौम्य ट्यूमर हैं। इसका मतलब है कि यह पूरे शरीर में नहीं फैलता है। यह मांसपेशियों या आसपास के अन्य ऊतकों में नहीं फैलता है और इससे जान को कोई खतरा नहीं है।लिपोमा का नैचुरल ट्रीटमेंट क्या है ?
लिपोमा या चर्बी की गांठ का नैचुरल ट्रीटमेंट क्या है ?
नैचुरल ट्रीटमेंट की हेल्प से लिपोमा का इलाज संभव है या फिर नहीं, इस बात का प्रमाण मौजूद नहीं है, लेकिन कुछ पौधों और जड़ी बूटियों की मदद से लिपोमा का ट्रीटमेंट किया जा सकता है। जानिए लिपोमा के इलाज के लिए किन जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जा सकता है।
थुजा ऑसीडेन्टलिस या सफेद देवदार का पेड़ (Thuja occidentalis )
लिपोमा को लेकर साल 2013 के एक अध्ययन के बाद निष्कर्ष निकला कि थुजा ऑसीडेन्टलिस का प्रयोग करने पर वार्ट (eradicate warts) में कमी महसूस की गई। प्राकृतिक चिकित्सा अधिवक्ताओं का सुझाव है कि अगर लिपोमा के ट्रीटमेंट के लिए थुजा ऑसीडेन्टलिस का उपयोग किया जाता है तो ये फायदेमंद साबित हो सकती है।
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बोसवेलिया सेराटा या भारतीय लोबान (Boswellia serrata)
साल 2013 में क्लीनिकल स्टडी के दौरान ये बात सामने आई कि बोसवेलिया एंटी इंफ्लामेंट्री एजेंट की तरह काम करता है। साथ ही ये लिपोमा की समस्या से राहत दिलाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
जड़ी-बूटी और औषधी का प्रयोग करने से पहले चिकित्सीय की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। अगर आपके शरीर में किसी भी स्थान में गांठ का अनुभव हो रहा है तो बेहतर होगा कि आप तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। घर पर किसी भी गांठ या उभार को छूकर ये पता कर पाना बहुत मुश्किल होता है कि वो कैंसर हो सकता है या फिर नहीं। अगर डॉक्टर जांच के बाद बताते हैं कि आपको लिपोमा की समस्या है तो आप डॉक्टर से उसके ट्रीटमेंट के बारे में जरूर पूछें।
लिपोमा को फैटी ट्यूमर भी कहा जाता है। आमतौर पर ये हार्मलेस होते हैं और दर्द न होने के स्थिति में इन्हें ट्रीटमेंट की जरूरत भी नहीं पड़ती है। आपको एक बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें। अगर आपको किसी भी प्रकार की गांठ का एहसास हो तो पहले उसकी जांच करें और फिर डॉक्टर से संपर्क करें। आपकी सावधानी बड़ी समस्या को आने से रोक सकती है।
आशा है कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लिपोमा या चर्बी की गांठ के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए तो आप हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट में आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही फेसबुक पेज की सहायता से आप हेल्थ से रिलेटेड न्यूज से अपडेट रह सकते हैं।