के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
यहां हम आपको डायबिटीज के कारण से लेकर उसके खतरों के बारे में बता रहे हैं।
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं :
डायबिटीज का यह प्रकार आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है और इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है।
डायबिटीज के इस प्रकार में आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के साथ कोई रिएक्शन नहीं देती हैं। हाई ब्लड शुगर वाले मरीजों को आमतौर पर बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है और उन्हें जल्दी-जल्दी भूख और प्यास लगती है।
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डायबिटीज होना बेहद सामान्य है। जोखिम कारकों को कम करके डायबिटीज को रोका जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं :
टाइप 2 डायबिटीज वाले रोगियों में लक्षण बहुत ही कम होते हैं। हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में कोई शंका है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
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यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण खुद में मिलते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
टाइप 1 डायबिटीज मात्र कुछ हफ्तों या दिनों में ही विकसित हो सकती है।
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जब भोजन पच जाता है और ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करता है, तो इंसुलिन नामक हार्मोन खून और कोशिकाओं से ग्लूकोज को बाहर पहुंचाता है। ग्लूकोज का कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यदि ग्लूकोज को बाहर करने के लिए शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं है या इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं होता है, तो शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इसकी वजह से आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।
जो लोग 40 साल से अधिक उम्र के हैं, उन्हें मधुमेह आसानी से हो सकता है। इसके अलावा, जो अधिक वजन वाले हैं, धूम्रपान करते हैं या उनके परिवार में किसी को मधुमेह है तो ऐसे लोगों को डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
किसी मरीज का मेटाबॉलिज्म सामान्य है या उसे प्री-डायबिटीज या मधुमेह है, इसका पता डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों से लगा सकते हैं-
टाइप 1 डायबिटीज रोगियों को शुगर लेवल नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन लेना चाहिए और यह केवल इंजेक्शन या इंसुलिन पंप (एक छोटी डिवाइस जो लगातार शरीर में इंसुलिन पहुंचाता है) के द्वारा दिया जा सकता है।
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