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जब भी हम बीमार पड़ते हैं तो हमें कई तरह की दवाईओं के साथ-साथ टेस्ट कराने की भी सलाह दी जाती है। दिल की बीमारियों की पहचान करने के लिए डॉक्टर के पास कई तरीके होते हैं उन्ही में से एक है चेस्ट एक्स-रे। आईये जाने चेस्ट एक्स-रे के बारे में विस्तार से।
चेस्ट एक्स-रे क्या है?
सबसे पहले बात करते है एक्स-रे की, तो एक्स-रे एक टेस्ट होता है जिसमे शरीर के उस अंग की तस्वीर ली जाती है जिसमे मरीज को समस्या है। इसमें छोटे पैमाने पर रेडिएशन्स का प्रयोग किया जाता है ताकि शरीर के अंगों, टिश्यू या शरीर की हड्डियों की तस्वीर ली जा सके। जब इसे छाती पर केंद्रित किया जाता है तो यह रक्त वाहिकाओं, हड्डियों, हृदय और फेफड़ों की बीमारियों और समस्याओं को ढूंढने में मदद कर सकता है। इस एक्स रे को चेस्ट एक्स-रे कहा जाता है। चेस्ट एक्स-रे को तब भी किया जा सकता है जब आपके फेफड़ों में तरल या फेफड़ों के आसपास वायु या तरल हो।
आपके डॉक्टर कई अन्य कारणों के कारण भी आपको चेस्ट एक्स-रे कराने के लिए कह सकते हैं जैसे किसी एक्सीडेंट के कारण से लगने वाली चोट या छाती में दर्द आदि। चेस्ट एक्स-रे एक आसान, जल्दी होने वाला और प्रभावी टेस्ट है।
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चेस्ट एक्स-रे से जुड़े फैक्ट्स क्या हैं?
रिसर्च और हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार-
- एक्स-रे एक स्वाभाविक रूप से होने वाली विकिरण का प्रकार है।
- कैरोसीनोजीन की जानकारी मिलती है।
- चेस्ट एक्स-रे रिपोर्ट के साथ पेशेंट से उनकी हेल्थ से जुड़ी फेमली हिस्ट्री पूछ सकते हैं।
एक्स-रे की आवश्यकता कब पड़ती है?
निम्नलिखित स्थितियों में चेस्ट एक्स-रे करवाने की जरूरत पड़ सकती है। जैसे:-
1) छाती में समस्या
आपके डॉक्टर आपको चेस्ट एक्स-रे कराने को तब कह सकते हैं जब आपकी छाती पर कोई समस्या हो । इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं :
- छाती में दर्द
- बुखार
- पुरानी खांसी
- सांस लेने में परेशानी
2) बीमारियां
कुछ बीमारियों के कारण भी चेस्ट एक्स-रे कराने की सलाह दी जाती है जैसे:
- पसलियों का टूटना
- एम्फीसेमा
- हार्ट फेलियर
- निमोनिया
- न्यूमोथोरैक्स
3) फेफड़ों की स्थिति
चेस्ट एक्स-रे करा के फेफड़ों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। अगर आपको कैंसर, इन्फेक्शन या फेफड़ों के आसपास तरल या वायु जमा हो गयी हो तो इनके बारे में भी चेस्ट एक्स-रे से पता चल जाता है। यही नहीं, इससे फेफड़ों की कोई गंभीर बीमारी जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis ) आदि को भी इस टेस्ट से पहचाना जा सकता है।
4) दिल की समस्याएं
अगर आपके फेफड़ों में कोई समस्या हो तो यह दिल की परेशानी का कारण भी बन सकती है। जैसे फेफड़ों में तरल जमा होने से हार्ट फेलियर भी हो सकता है। चेस्ट एक्स-रे से इस रोग का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
5) दिल का आकार
दिल के साइज और आकार में परिवर्तन से भी हार्ट फैल हो सकता है। यही नहीं, इससे हार्ट वाल्व में समस्या आ सकती है। अगर आपके दिल के साइज और शेप में कोई समस्या है तो इससे आपके दिल को सही काम करने में समस्या हो सकती है। इस रोग के लिए भी चेस्ट एक्स रे कराया जाता है।
6) कैल्शियम
चेस्ट एक्स-रे कराने से आपके दिल या ब्लड वेसल्स में कैल्शियम की मात्रा के बारे में पता चल सकता है। कैल्शियम का यहां होना हार्ट वाल्व के ख़राब होने या ऐसी कई अन्य रोगों का कारण बन सकता है।
7) सर्जरी के बाद
किसी ऑपरेशन या सर्जरी के बाद भी कई बार डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे की सलाह देते हैं ताकि वो यह पता लगा सके कि ऑपरेशन सही से हुआ है या नहीं।
इन ऊपर बताई गई परिस्थितियों में चेस्ट एक्स-रे की आवश्यकता पड़ती है।
चेस्ट एक्स-रे की तैयारी कैसे करें?
चेस्ट एक्स रे के लिए आपको किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती लेकिन आपको इस टेस्ट के लिए अपने शरीर में किसी भी तरह के गहने, चश्मा या कोई भी धातु की चीज़ को नहीं पहनना होता। अगर आपके शरीर में हार्ट वाल्व या पेसमेकर लगा हो तो पहले ही डॉक्टर को बता दें। इसके साथ ही इस टेस्ट को कराने के लिए आपको कमर से ऊपर कुछ नहीं पहनना होता।
चेस्ट एक्स-रे कैसे किया जाता है?
एक्स रे के लिए एक खास कमरा होता है जिसमे एक बड़ी धातु की बनी प्लेट पर एक एक्स-रे कैमरा लगा होता है जिसे हिलाया जा सकता है। आपको इस प्लेट के सामने खड़े होना होता है। इसमें एक्स-रे फिल्म या खास सेंसर लगे होते है जो कंप्यूटर पर तस्वीर को रिकॉर्ड कर सकते हैं। इस टेस्ट के लिए आपको अपने गुप्त अंगों को ढक कर रखना होता है ताकि अगर आप पुरुष है तो आपके स्पर्म और अगर आप महिला है अंडाणुओं को कोई नुकसान न हो।
वहां मौजूद तकनीशियन आपको यह बता देगा की आपको कैसे खड़े होना है। जब इससे आपकी तस्वीर ली जायेगी तो आपको अपने सांस को रोक कर खड़े रहना होगा। आपको इस दौरान हिलना डुलना भी नहीं चाहिए क्योंकि इससे आपकी तस्वीर ख़राब हो सकती है। जब रेडिएशंस शरीर से और प्लेट से गुजरती है तो इसकी तस्वीर आ जाती है। इस प्रक्रिया में अधिक समय नहीं लगता।
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जोखिम क्या है?
एक्स-रे के कोई जोखिम नहीं है हालांकि इसमें निकलने वाली रेडिएशंस कुछ हद तक हानिकारक हो सकती है। अगर आप गर्भवती है तब इसे कराने का सुझाव नहीं दिया जाता क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे शिशु को हानि हो सकती है। इसलिए, जब भी आप एक्स रे कराने जाएं तो पहले ही अपनी गर्भावस्था के बारे में अपने डॉक्टर को बता दें।
कितना सुरक्षित माना जाता है चेस्ट एक्स-रे करवाना?
अगर अनुभवी एक्स-रे एक्सपर्ट द्वारा की गई एक्स-रे जांच पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन, हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी में एक्स-रे करवाना कई बार खतरनाक साबित भी हो सकता है। गर्भवती महिला हो या कोई अन्य व्यक्ति आवश्यकता अनुसार ही डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे करवाने की सलाह देते हैं। अपनी इच्छा से न तो एक्स-रे करवाएं और न ही किसी भी दवा का सेवन करें।
अगर आप चेस्ट एक्स-रे से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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