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Hip Replacement : हिप रिप्लेसमेंट क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/09/2020

Hip Replacement : हिप रिप्लेसमेंट क्या है?

परिचय

हिप रिप्लेसमेंट (Hip Replacement) क्या है?

हिप रिप्लेसमेंट (Hip Replacement) सर्जरी है जिसमें हिप ज्वाइंट को प्रोस्थेटिक इम्प्लांट यानी हिप प्रोस्थेसिस से बदल दिया जाता है। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को फुल रिप्लेसमेंट या हेमी रिप्लेसमेंट के रूप में भी किया जा सकता है। हिप रिप्लेसमेंट (Hip Replacement) सर्जरी करने के कई कारण हो सकते हैं। इस सर्जरी के दौरान कूल्हे के जोड़ को हटा कर उसकी जगह पर कृत्रिम जोड़ लगाए जाते हैं, जो मेटल या प्लास्टिक के बने होते हैं।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी से नितंब या कूल्हों में होने वाले दर्द और हिप इंफेक्शन से राहत पाई जा सकती है।

हिप रिप्लेसमेंट क्यों की जाती है?

हिप रिपेल्सेमेंट सर्जरी इन स्थितियों में की जा सकती हैः

  • घुटनो के दर्द
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस (चलने-फिरने या सीढ़ी चलने के दौरान दर्द)
  • जोड़ों में अकड़न
  • बढ़ती उम्र के कारण होने वाली परेशानियां
  • हिप के जोड़ के अंदर हुए बदलाव

इसके अलावा अगर अन्य तरह के उपचार के बाद भी कूल्हों या कमर में दर्द रहता है, तो ऐसी स्थिति में आपका डॉक्टर हिप रिप्लेसमेंट की सलाह दे सकते हैं।

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जोखिम

हिप रिप्लेसमेंट करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?

कूल्हे का प्रत्यारोपण करने के लिए कोई निश्तिच उम्र या वजन नहीं तय किया गया है। डॉक्टर आपकी समस्या और स्वास्थ्य स्थिति और जरूरत को देखते हुए ही हिप रिप्लेसमेंट की सलाह दे सकते हैं। आमतौर पर हिप रिप्लेसमेंट के मरीजों की उम्र 50 साल से 80 साल के बीच देखी जाती है, लेकिन आर्थोपेडिक सर्जन इस सर्जरी के लिए मरीजों की व्यक्तिगत स्थिति पर ज्यादा जोर देते हैं। जिस वजह से यह सर्जरी वयस्कों से लेकर बड़े उम्र दराज के व्यक्ति भी करवा सकते हैं।

हिप रिप्लेसमेंट के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

हिप ज्वाइंट का प्रत्यारोपण या किसी भी तरह की सर्जरी के दौरान इलाज कराने वाले व्यक्ति को सामान्य एनेस्थीसिया की खुराक दी जाती है। जिससे स्ट्रोक, दिल के दौरे, निमोनिया और खून के थक्के से जुड़े जोखिम कम किए जाते हैं। सर्जरी के तुरंत बाद आपको क्या करना चाहिए इसके लिए आपका डॉक्टर आपको जरूरी दिशा निर्देश दे सकते हैं। साथ ही, सर्जरी होने के कुछ समय बाद तक आपको डॉक्टर की देखरेख में रखा जाता है, ताकि शरीर में खून के थक्के न जमें।

सर्जरी के कुछ समय बाद तर आपको ज्यादा घूमने-फिरने से बचना होता है, जिसकी वजह से खून के थक्के जमने के जोखिम अधिक बढ़ जाते हैं। इसलिए आपका डॉक्टर आपको खून को पतला बनाए रखने के लिए कुछ जरूरी दवाओं के निर्देश दे सकते हैं। सर्जरी के दौरान सामान्य एनेस्थीसिया की खुराक से इंफेक्शन और खून बहने की भी संभावना भी बनी रहती है।

अगर इस सर्जरी के दौरान कूल्हों की हड्डियों के जोड़ों को जोड़ने के लिए सीमेंट इंप्लांट, मेटल-ऑन-प्लास्टिक इंप्लांट, जो धातु की गेंद और पॉलीइथाइलीन सॉकेट से बनाया जाता है। यह साल 1960 में पहली बार हिप रिप्लेसमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया गया था और शायद आज भी इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। प्लास्टिक और दूसरे तरह के इंप्लांट की तुलना में यह अधिक समय तक स्थायी रहता है। वहीं, सीमेंट इंप्लांट का इस्तेमाल किया जाए तो इसके कारण इंफेक्शन होने के खतरे बढ़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में हड्डी सीमेंट और कृत्रिम अंगों को हटाया जाना जरूरी हो सकता है।

जोड़ों के आसपास की बनावट को नुकसान हो सकता है। कूल्हों की सर्जरी के दौरान कूल्हे के आस-पास के किसी भी नरम ऊतक (मांसपेशियों, ग्रंथियो और टेंडन) को नुकसान हो सकता है। यह गंभीर स्थिति हो सकती है जिसकी वजह से आसपास की धमनियों और नसों को नुकसान हो सकता है, इससे आपके पैर कमजोर हो सकते हैं।

विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक, लगभग 3 से 4 फीसदी हिप रिप्लेसमेंट मामलों में कूल्हे की हड्डियां अव्यवस्थिति हो जाती है। ऐसी स्थिती में जांघ की हड्डी का सिरा एसिटाबुलम में अपने सॉकेट से बाहर आ जाता है। जिसे ठीक करने के लिए दूसरी सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

इसके साथ ही कुछ अन्य सामान्य जोखिम की स्थितियां भी देखी जा सकती हैं जिसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करेंः

  • सर्जरी के बाद आपके दोनों पैरों की लंबाई छोटी-बड़ी हो सकती है।
  • एक पैर पर दूसरा पैर रख कर न बैठें और न ही बहुत कम ऊंचाई पर बैठें।
  • बोन मैरो में फैट हो सकता है, जो ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं और फेफड़ों में जा सकते हैं, जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है।
  • कूल्हे की नसों में सूजन होने के कारण या दबाव पड़ने के कारण चोट लग सकती है, जिससे यह सुन्न हो सकते हैं।
  • सर्जरी की मदद से रिप्लेसमेंट किए गए हिस्से ढीले हो सकते हैं, टूट सकते हैं या इनमें इंफेक्शन हो सकता हैं।

जलन और सूजन- सर्जरी के बाद कई महीनों तक पैरों में जलन या सूजन रह सकती है। जिससे राहत पाने के लिए डॉक्टर आपको कुछ जरूरी दवाओं की खुराक दे सकते हैं। हालांकि, अगर पैर की सूजन में अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ने लगे तो यह खून के थक्के जमने के शुरूआती लक्षण हो सकता है।

कूल्हे में जकड़न- इस सर्जरी के बाद नए कूल्हे के चारों ओर उत्तकों में निशान आ सकता है जिसके कारण कूल्हें अपना लचीलापन खो सकते हैं और कठोम बन सकते हैं।

दर्द बढ़ सकता है- इसकी समय बहुत ही कम मामलों में देखी जा सकती है।

हिप रिप्लेसमेंट की सर्जरी करवाने से पहले इससे जुड़े लाभ और संभावित जोखिमों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

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प्रक्रिया

हिप रिप्लेसमेंट के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करने से पहले आपके ऑर्थोपेडिक सर्जन आपको इस सर्जरी के लिए तैयार करेंगे। जिसके तहत सबसे पहले आपको कुछ दिनों तक तक आपके पूरे शारीरिक स्थिति की जांच करेंगे। अगर आपको दिल से जुड़ी कोई बीमारी और डायबिटीज है तो उसकी स्थिति की भी जांच की जाएगी। साथ ही, ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट भी किया जाएगा।

सर्जरी से पहले आपकी त्वचा में कोई इंफेक्शन नहीं होनी चाहिए। अगर है, तो इस सर्जरी से पहले आपको उसका इलाज करवाना होगा।

सर्जरी से पहले आपको अपना ब्लड डोनेट करने की सलाह दी जा सकती है। ताकि, सर्जरी के बाद अगर आपको खून की कमी हो तो उस जरूरत को पूरा किया जा सके।

अगर आप किसी भी तरह की दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसकी पूरी जानकारी अपने ऑर्थोपेडिक सर्जन को दें।

अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है, तो डॉक्टर आपके नए कूल्हे पर तनाव को कम करने और सर्जरी के कारण संभावित जोखिमों को कम करने के लिए सर्जरी से पहले अपको कुछ वजन कम करने के निर्देश दे सकते हैं।

हालांकि, हिप रिप्लेसमेंट के बाद संक्रमण होना सामान्य नहीं है, अगर बैक्टीरिया आपके ब्लड फ्लो तक पहुंचते हैं तभी ऐसी स्थिति में संक्रमण का खतरा हो सकता है। आमतौर पर यह बैक्टीरिया दांतों के माध्यम से शरीर मे प्रवेश कर सकते हैं। इसके जोखिम को कम करने के लिए सर्जरी के बाद कई हफ्तों तक आपके दांतों की नियमित सफाई पर ध्यान देना चाहिए।

हाल ही में या लगातार मूत्र संक्रमण की समस्या है तो सर्जरी से पहले इसकी जांच जरूरी होती है।

हालांकि, आप सर्जरी के तुरंत बाद बैसाखी या वॉकर के सहारे चल-फिर सकते हैं। लेकिन कुछ हफ्तों तक भारी या बहुत अधिक शारीरिक क्रियाओं को नहीं करना चाहिए।

अगर आप अकेले रहते हैं, तो आपके आर्थोपेडिक सर्जन आपकी देखभाल के लिए आपको नर्स रखने की सलाह दे सकते हैं।

इसके साथ ही घर पर रहने के दौरान भी आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिएः

  • नहाने के दौरान उचित सावधानी बरतें
  • सीढ़ियों का ज्यादा इस्तेमाल न करें
  • एक ही जगह पर बहुत देर तक न बैठें
  • वेस्टर्न टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करें, ताकि घुटनो पर अधिक जोर न पड़े
  • सर्जरी के कुछ समय बाद तक झुकने से बचें
  • कुर्सी, सोफे या कार की सीट पर बैठने से पहले उसके नीचे मुलायम और गद्देगार तकिये का इस्तेमाल करें

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हिप रिप्लेसमेंट में होने वाली प्रक्रिया क्या है?

कूल्हों को प्रत्यारोपित करने में कुछ घंटे का समय लग सकता है।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को पारंपरिक रूप से या जिसे न्यूनतम-इनवेसिव तकनीक के जरिए किया जा सकता है। इन दोनो तरीकों के बीच सर्जरी के दौरान लगाए जाने वाले चीरे के आकार में फर्क रहता है।

सामान्य हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान, आपको सामान्य एनेस्थीसिया की खुराक दी जाएगी। जिससे आपकी मांसपेशियों को आराम मिलेगा और आप बेहोश हो जाएंगे। जिससे आपको सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का अनुभव नहीं होगा।

जिसके बाद डॉक्टर कूल्हे के किनारे पर एक चीरा लगाएंगे और कूल्हे के जोड़ को देखने के लिए जांघ के सिरे से जुड़ी मांसपेशियों को स्थानांतरित करेंगे। इसके बाद, जांघ की हड्डी को आरी से काटकर जोड़ के गेंद वाले हिस्से को हटा देंगे। जहां पर कृत्रिम जोड़ या सीमेंट द्वारा तैयार की गई हड्डी को जोड़ देते हैं।

इसके बार डॉक्टर हिप बोन की सतह को तैयार करेंगे। जांघ के नए बॉल वाले हिस्से को फिर से कूल्हे के सॉकेट हिस्से से जोड़ा जाता है। जहां एक नली भी डाली जाती है ताकि शरीर किसी भी तरल पदार्थ को बाहर निकाल सके। इसके बाग डॉक्टर मांसपेशियों को पहले ही तरह फिर से जोड़ देते हैं और चीरा बंद कर देते हैं।

अधिकतर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में सामान्य तकनीक का उपयोग किया जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में, कुछ डॉक्टर न्यूनतम-इनवेसिव तकनीक का उपयोग करने लगे हैं। इस तकनीक में डॉक्टर हिप पर 2 से 5 इंच लंबा एक या दो चीरा लगाते हैं।

ध्यान रखें कि हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान शरीर से अधिक मात्रा में खून बह सकता है। जिसकी भरपाई करने के लिए डॉक्टर आपके शरीर में नशों के जरिए खून चढ़ा सकते हैं। इसलिए, सर्जरी से पहले अपने अपने खून का दान कर सकते हैं।

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हिप रिप्लेसमेंट के बाद क्या होता है?

सर्जरी के बाद आपको ड्रेन पाइप लगाया जाता है, ताकि आप उसकी मदद से मल त्याग कर सकें।

सर्जरी के बाद कम से कम एक हफ्ते तक आपको अस्पताल में ही रहना होगा। ताकि नए कूल्हों की देखरेख अच्छे से की जा सके। एक ट्यूब की मदद से आपको पेशाब करना होगा जिसे फोलेस कैथिटर कहते हैं। आपकी शारीरिक स्थिति की जांच करने के लिए डॉक्टर आपको बैसाखी या बेंत के सहारे से चलने के लिए भी कह सकते हैं। सर्जरी के कई महीनों बाद भी आपको अपने डॉक्टर दिए गए जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करना पड़ सकता है।

डॉक्टर आपको फिजियोथेरेपी की सलाह देंगे।

अगर इस सर्जरी से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

रिकवरी

हिप रिप्लेसमेंट के बाद मुझे खुद का ख्याल कैसे रखना चाहिए?

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के 6 से 12 महीनों तक आपको अपने पैरों को मोड़ने या झुकने से बचाव करना चाहिए।

सर्जरी के बाद आप अपने रोजमर्रा के काम करे सकें इसके लिए आपका डॉक्टर आपको कुछ उपकरणों की मदद लेने के निर्देश दे सकते हैं। ध्यान रखें कि अगर कूल्हों की रिकवरी में कोई चूक होती है तो दोबारा से आपको सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

साथ ही, कूल्हों के जोड़ पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी आपको शारीरिक तौर पर बहुत ज्यादा मेहनत वाले काम या खेल खेलने से बचना होगा।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद इन तरीकों से रखें आपना ख्याल:

  • लिफ्ट का इस्तेमाल करें और सीढ़ी चढ़ने से बचें।
  • कुर्सी पर हमेशा सीधा ही बैठें। पीछे की तरफ हल्की झुकी हुई कुर्सी का इस्तेमाल करें।
  • गिरने से बचें।
  • एलिवेटेड टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करें।
  • जानवरों से दूर रहें।
  • ड्राइविंग करने, शारीरिक संबंध बनाने या वर्कआउट करने से पहले आप डॉक्टर से बात करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/09/2020

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