एंजाइना क्या है?
हृदय में ब्लड फ्लो कम होने की वजह से चेस्ट में दर्द या बेचैनी महसूस होती है, जिसे एंजाइना कहते हैं। यह आमतौर पर शरीर में ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज की वजह से होता है। ब्लड के माध्यम से हार्ट तक ऑक्सिजन पहुंचता है। कम मात्रा में ब्लड पहुंचने की वजह से हार्ट तक ऑक्सिजन भी ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है। इस वजह से हार्ट ठीक से पंप नहीं कर पाता है। एंजाइना तीन अलग-अलग तरह के होते हैं:
- स्टेबल एंजाइना: स्टेबल एंजाइना सबसे सामान्य है। यह तब होता है जब दिल सामान्य से अधिक मेहनत कर रहा होता है। स्टेबल एंजाइना का एक नियमित पैटर्न होता है। हालांकि आराम और दवाओं से यह ठीक हो सकता है।
- अनस्टेबल एंजाइना: अनस्टेबल एंजाइना सबसे खतरानक माना जाता है। यह किसी एक तरह से नहीं होता है और न ही शारीरिक परेशानी के कारण। अनस्टेबल एंजाइना आराम करने से ठीक नहीं हो सकता है और न ही यह दवाओं से ठीक होता है। ऐसी परिस्थित में हार्ट अटैक भी आ सकता है।
- वेरिएंट एंजाइना: यह बहुत कम होता है। ऐसा आराम करने के दौरान होता है, जो दवा से ठीक हो सकती है।
छाती में दर्द होने का मतलब हमेशा एंजाइना ही नहीं होता है। अगर आपको सीने में दर्द की परेशानी है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
एंजाइना कितना सामान्य है?
किसी भी व्यक्ति को एंजाइना की परेशानी हो सकती है और इसके कई कारण हो सकते हैं। एंजाइना की शिकायत उन लोगों में ज्यादा होता है जिन्हें दिल से जुड़ी बीमारी है। पुरुषों में 45 और महिलाओं में 55 साल की उम्र के बाद एंजाइना का खतरा बढ़ जाता है। परेशानी को समझकर इसका हल निकाला जा सकता है। इसलिए डॉक्टर से मिलना आवश्यक है।
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क्या हैं एंजाइना के लक्षण?
एंजाइना या सीने में दर्द की बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होना।
- सीने में दर्द के साथ-साथ आपकी बाहों, गर्दन, जबड़े, कंधे या पीठ में भी दर्द हो सकती है।
- मितली आना
- सांस लेने में परेशानी महसूस होना।
- अत्यधिक पसीना आना।
- दर्द अक्सर गर्दन, जबड़े, कंधे, गले, पीठ तक फैल सकता है।
एंजाइना के दूसरे लक्षणों में निम्न शामिल हैं।
- इनडायजेशन
- सीने में जलन
- कमजोरी या थकान
- पसीना आना
- जी मिचलाना
- क्रैम्प
- सांस लेने में तकलीफ होना
एंजाइना के लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं।
हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
अगर आपको एंजाइना के कोई संकेत या लक्षण समझ आते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्टेबल एंजाइना हार्ट अटैक को दर्शाता तो नहीं है लेकिन, भविष्य में हार्ट अटैक संभावना हो सकती है। जबकि अनस्टेबल एंजाइना खतरनाक हो सकता है। अनस्टेबल एंजाइना होने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
यदि आपको कोई संकेत या लक्षण नजर आते हैं तो आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। डॉक्टर्स कई बार एंजाइना के लिए नाइट्रेट्स, नाइट्रोग्लासेरिन देते हैं। नाइट्रेट एंजाइना की इंटेंसिटी को कम करने का काम करते हैं। ये ब्लड वैसल्स को रिलैक्स होने में मदद करते हैं।
इनके ड्रग ऑप्शन में निम्न शामिल हैं।
- बीटा ब्लॉकर्स
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स
- एंजाइम इंहिबिटर्स
- स्टेटिन (जिनका उपयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करने में किया जाता है)
हाय ब्लड प्रेशर को कम करने वाली दवाएं भी एंजाइना को मैनेज करने में मदद कर सकती हैं। ये हाय ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करती हैं। साथ ही हार्ट रेट को कम करने के साथ ही, ब्लड वैसल्स को रिलैक्स करना, ब्लड क्लॉट बनने से रोकना, हार्ट पर प्रेशर कम करने में मदद करती हैं। किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
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एंजाइना का क्या कारण है?
एंजाइना हार्ट में ब्लड फ्लो कम होने के कारण होता है। एंजाइना के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- एथेरोस्क्लेरोसिस से कोरोनरी धमनी की बीमारी
- हार्ट बीट ठीक न होना (एक मिनट में 60 से 100 बार दिल का धड़कना स्वस्थ माना जाता है )
- एनीमिया की बीमारी
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एंजाइना की समस्या क्यों बढ़ती है?
एंजाइना कई कारणों से बढ़ सकता है, उनमें शामिल है:
- ऐज और सेक्स: पुरुषों में 60 साल से ज्यादा उम्र होने पर और महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ।
- परिवार में किसी को हार्ट डिजीज होने पर।
- कोलेस्ट्रॉल और हाई फैट युक्त आहार का सेवन करना।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज न करना।
निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
एंजाइना का निदान कैसे किया जाता है?
इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर आपके कुछ टेस्ट करते हैं, जिससे बीमारी का सही अंदाजा लगाया जा सकता है:
- एल्क्ट्रोकार्डियोग्राम (ECGs)।
- ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्ट।
- हार्ट टेस्ट, जिससे ब्लॉकेज की जानकारी मिल सके।
- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी होना।
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एंजाइना का इलाज कैसे किया जाता है?
सबसे पहले हार्ट तक ब्लड फ्लो ठीक करने की कोशिश की जाती है। मरीज को आराम से साथ-साथ काम भी कम करने की सलाह दी जाती है। प्रायः ब्लड फ्लो को ठीक करने के लिए एस्प्रिन दी जाती है। नाइट्रोग्लिसरीन जैसे नाइट्रेट, डेलेशन जैसी दवाओं से ब्लड फ्लो ठीक किया जाता है। बीटा-ब्लॉकर्स जैसी अन्य दवाएं हृदय गति को धीमा कर देती हैं, जिससे हृदय पर दवाब कम पड़ता है। एंजाइना से पीड़ित व्यक्ति का सबसे पहले हाइपरटेंशन, डाइबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी परेशानियों को कम या ठीक किया जाता है। इसलिए डॉक्टर इनसे जुड़ी दवाइयां देते हैं। अगर दवा से इलाज संभव नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में सर्जरी को दूसरे विकल्प के रूप तय किया जाता है। सर्जरी के विकल्प हैं:
- एंजियोप्लास्टी और स्टेंट: स्टेंट की सहायता से हार्ट में हुए ब्लॉकेज को ठीक किया जाता है।
- कॉरनेरी आर्टरी बाईपास: कॉरनेरी आर्टरी बाईपास से ब्लड फ्लो को ठीक किया जाता है। यह आमतौर पर स्टेबल और अनस्टेबल एंजाइना दोनों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू नुस्खे जिससे इस परेशानी से बचा जा सकता है
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको एंजाइना से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- स्मोकिंग न करें।
- आहार में वसा की मात्रा सिमित करें और ज्यादा साबुत अनाज, फल और सब्जियां खाएं।
- डॉक्टर की सलाह अनुसार एक्सरसाइज करें।
- अगर वजन ज्यादा है तो वजन कैसे कम करें इसके बारे में डॉक्टर से पूछें।
- डॉक्टर से नियमित समय पर मिलें और जो दवा दी गई है उसे नियमित रूप से खाएं।
- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से एंजाइना हुआ है तो पहले इन बीमारियों को ठीक करें।
- आराम करें और बॉडी चेकअप और डॉक्टर से समय-समय पर करते रहें।
इस आर्टिकल में हमने आपको एंजाइना से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो आप हमारे फेसबुक फेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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