हार्ट फेल्योर की आखिरी स्टेज : मोटापा (Obesity)
मोटापा भी हार्ट फेल्योर का एक कारण हो सकता है। मोटापा हृदय की कार्य क्षमता को प्रभावित करता है। मोटाप हृदय को कमजोर बना देता है, जिससे यह रक्त को पंप करने में असमर्थ हो जाता है।
हार्ट फेल्योर की आखिरी स्टेज : हृदय में सूजन (Heart Inflammation)
दिल में आई सूजन भी हार्ट फेल्योर की समस्या को जन्म दे सकती है। हार्ट में सूजन आने की वजह से दिल सही तरीके से अपना काम नहीं कर पाता है यानि कि हार्ट फंक्शन सही से नहीं हो पाता है। जोकि रक्त को पंप करने से असमर्थ हो जाता है।
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हार्ट फेल्योर की आखिरी स्टेज: निदान
हार्ट फेल्योर को हार्ट फेल्योर की लास्ट स्टेज के रूप में भी जाना जाता है। डॉक्टर दिल की विफलता को गंभीरता और लक्षणों के संदर्भ में लेबल करने के लिए चरण ए-डी और कक्षा I-IV में वर्गीकृत करते हैं। 2007 के एक पुराने अध्ययन के अनुसार, हार्ट फेल्यॉर की आखरी स्टेज वाले किसी व्यक्ति को आमतौर पर स्टेज डी, एनवाईएचए कक्षा IV दिल की विफलता होती है। हार्ट फेल्योर की आखिरी स्टेज का कोई इलाज नहीं है। इसमें हेल्दी लाइफस्टाइल और दवाओं की ही महत्वपूर्ण भूमिकाएं होती हैं। पैलिएटिव केयर (उपशामक देखभाल एक मेडिकल केयरगिविंग अप्रोच है जिसका उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता को अनुकूलित करना और गंभीर, जटिल बीमारी वाले लोगों की पीड़ा को कम करना है।) कंफर्ट को बढ़ाने के साथ ही लक्षणों को कम कर सकती है। दूसरे मेडिकल ट्रीटमेंट्स के साथ ये दी जा सकती है।
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हार्ट फेल्योर की आखिरी स्टेज में पहुंचकर कुछ लोगों को सर्जरी और इंप्लांटेड डिवाइस की मदद लेनी पड़ सकती है। जो कि हार्ट को ब्लड पंप करने में मदद करती है। इसके अलावा कुछ मरीजों को डॉक्टर हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए भी बोल सकते हैं। कुछ हार्ट के मरीजों को डॉक्टर पहले से ही बचाव के लिए ओरल मेडिकेशन शुरू कर देते हैं। इसके अलावा और भी कई ट्रीटमेंट हैं, जोकि मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि आपकी हार्ट की कोई दवाइयां पहले से ही चल रही है, तो उसकी डोज का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा, हार्ट के मरीजों को भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि गलती से भी उसे मिस न करें। हार्ट पेशेंट को अपनी लाइफस्टाइल के साथ डायट का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इसमें आयी गड़बड़ी कई बार हानिकारक साबित हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टर से संपर्क करें।