अगर किसी व्यक्ति का हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) होना हो, लेकिन डोनर हार्ट न मिल पाने की वजह से ऐसा संभव न हो पा रहा हो। तो जब तक डोनर हार्ट नहीं मिल जाता, तब तक अस्थायी रूप से इस डिवाइस को इंसर्ट किया जा सकता है। जब रोगी को नया हार्ट मिल जाता है, तो इस डिवाइस को रिमूव कर दिया जाता है वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइसेस (Ventricular assist devices) के अस्थायी प्रयोग को ब्रिज थेरेपी (Bridge Therapy) कहा जाता है।
अगर रोगी हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एक अच्छे कैंडिडेट नहीं हैं
वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइसेस (Ventricular assist devices) एक लॉन्ग टर्म सोलुशन है, जो हार्ट को उस दौरान सही से काम करने में मदद करते हैं, जब दवाईयां प्रभावी नहीं होती है। लेकिन,अगर आप हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एलिजिबल नहीं हैं। तो इस मामले में, वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइसेस (Ventricular assist devices) को स्थायी रूप से इम्प्लांटेड किया जाएगा। इस उपचार को डेस्टिनेशन थेरेपी (Destination Therapy ) के रूप में जाना जाता है। यह रोगी के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार कर सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें।
अगर आपका हार्ट फिर से सामान्य रूप से काम करना शुरू कर दे
अगर आप किसी हार्ट सर्जरी, हार्ट अटैक (Heart Attack) या अन्य बीमारी से रिकवर हो रहे हैं, जिसके कारण हार्ट अस्थायी रूप से कमजोर होता है, तो वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइसेस (Ventricular assist devices) आपके हार्ट को रेस्ट करने में तब तक मदद कर सकते हैं। जब तक यह खुद से ब्लड पंप करने में सक्षम नहीं हो जाता। इस स्थिति में आपको कुछ हफ़्तों या महीनों तक इस डिवाइस की आवश्यकता हो सकती है। एक बार जब आप बेहतर महसूस करना शुरू कर देंगे, तब इस डिवाइस को रिमूव कर दिया जाता है।
यह तो थी जानकारी उन स्थितियों के बारे में, जिनमें वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइसेस (Ventricular assist devices) का प्रयोग किया जाता है। लेकिन, इनका प्रयोग करना जोखिम भरा भी हो सकता है। इसका प्रयोग करने के बाद आप हार्ट में या सर्जरी वाले हिस्से में ब्लीडिंग या इंफेक्शन और स्ट्रोक का जोखिम आदि का अनुभव कर सकते हैं। अब जान लेते हैं कि इस डिवाइस को कैसे इम्प्लांट किया जाता है? लेकिन, इससे पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, यह भी जानिए।
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वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइसेस के इम्प्लांटेशन से पहले की तैयारी
वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइसेस (Ventricular assist devices) इम्प्लांटेशन के लिए सर्जरी से पहले डॉक्टर रोगी को इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे। इस सर्जरी से पहले भी रोगी को कुछ दिनों तक अस्पताल में रहना होगा। इस डिवाइस की इम्प्लांटेशन रोगी के लिए सही है या नहीं? यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर कई फैक्टर्स को ध्यान में रखते हैं, जैसे
- रोगी में हार्ट फेलियर की गंभीरता
- रोगी में अन्य गंभीर मेडिकेशन कंडीशंस, जो उसके स्वास्थ्य या उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं
- डॉक्टर इस बात को भी सुनिश्चित करेंगे कि रोगी को लेफ्ट वेंट्रिकल (Left Ventricle), राइट वेंट्रिकल (Right Ventricle) या दोनों को सपोर्ट की जरूरत है?
- यह बात भी जानी जाएगी कि रोगी लंबे समय तक ब्लड थिनिंग मेडिकेशन (Blood Thinning Medications) को लेने में सक्षम है या नहीं?
- इसके साथ ही डॉक्टर यह भी जानेंगे कि क्या रोगी इसके लिए मेंटली और इमोशनली रूप से तैयार हैं? अब जानिए कैसे की जाती है यह सर्जरी?
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