फीटल इकोकार्डियोग्राफी (Fetal Echocardiography) अल्ट्रासाउंड की ही तरह है। यह टेस्ट अजन्मे बच्चे की दिल की संरचना और कार्य को बेहतर तरीके से देखने में डॉक्टर की मदद करता है। इस टेस्ट में साउंड वेव्स का यूज किया जाता है जो फीटस के हार्ट के स्ट्रक्चर में ईको करती हैं। एक मशीन इन ध्वनि तरंगों का विश्लेषण करती है और दिल के इंटीरियर की एक तस्वीर या इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) बनाती है। यह छवि इस बारे में जानकारी प्रदान करती है कि आपके बच्चे का दिल कैसे बना और क्या यह ठीक से काम कर रहा है।
फीटल इकोकार्डियोग्राफी टेस्ट डॉक्टर को भ्रूण के हृदय से रक्त के प्रवाह को देखने में भी सक्षम बनाता है। इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर यह पता कर सकते हैं कि बेबी के ब्लड फ्लो (Blood Flow) या हार्टबीट (Heartbeat) में किसी प्रकार की कोई असमानता तो नहीं है।
फीटल इकोकार्डियोग्राफी टेस्ट का यूज कब किया जाता है? (When is fetal echocardiography used?)
हर गर्भवती महिलाओं को फीटल इकोकार्डियोग्राम की आवश्यकता नहीं होती है। ज्यादातर महिलाओं के लिए, एक बेसिक अल्ट्रासाउंड उनके बच्चे के दिल के सभी चार कक्षों के विकास को दिखा जा सकता है। गायनेकोलॉजिस्ट तब इस टेस्ट को रिकमंड कर सकते हैं जब पुराने टेस्ट के रिजल्ट संतोषजनक नहीं रहे हों या यदि उन्हें भ्रूण में असामान्य दिल की धड़कन का पता चला हो।
महिलाओं को इस परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है यदि:
- बच्चे को दिल की असामान्यता या अन्य विकार का खतरा है
- पेरेंट्स का हार्ट डिजीज (Heart disease) का पारिवारिक इतिहास है
- पहले भी दिल की बीमारी वाले बच्चे को जन्म दिया है
- गर्भावस्था के दौरान ड्रग्स या एल्कोहॉल का इस्तेमाल किया है
- आपने कुछ दवाएं ली हैं या उन दवाओं के संपर्क में आए हैं जो हृदय दोष पैदा कर सकती हैं, जैसे मिर्गी की दवाएं या मुंहासे की दवाएं
- आपके पास अन्य चिकित्सीय स्थितियां हैं, जैसे रूबेला (Rubella), टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes), ल्यूपस (Lupus), या फेनिलकेटोनुरिया (Phenylketonuria)
कुछ गायनेकोलॉजिस्ट इस टेस्ट को परफॉर्म करती हैं, लेकिन आम तौर पर एक्सपीरियंस्ड अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन या अल्ट्रासोनोग्राफर इस टेस्ट को करते हैं।
क्या इस टेस्ट के लिए तैयारी करने की जरूरत है?
फीटल इकोकार्डियोग्राफी (Fetal Echocardiography) के लिए किसी भी प्रकार की तैयारी की जरूरत नहीं है। दूसरे अल्ट्रासाउंड की तरह इसके लिए ब्लैडर को फुल रखने की आवश्यकता नहीं होगी। इस टेस्ट में 30 मिनिट और ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे का समय लग सकता है।
फीटल इकोकार्डियोग्राफी टेस्ट के दौरान क्या होता है? (What happens during Fetal Echocardiography)?
फीटल इकोकार्डियोग्राफी (Fetal Echocardiography) टेस्ट रूटीन प्रेग्नेंसी अल्ट्रासाउंड की तरह ही होता है। अगर इसे एब्डोमिन के जरिए किया जाता है तो इसे एब्डोमिनल इकोकार्डियोग्राफी abdominal echocardiography कहा जाता है और यदि वजायना के जरिए किया जाए तो ट्रांसवजायनल इकोकार्डियोग्राफी (Transvaginal echocardiography)। यह दोनों ही तरीके से परफॉर्म किया जाता है।
एब्डोमिनल इकोकार्डियोग्राफी (Abdominal echocardiography)
एब्डोमिनल इकोकार्डियोग्राफी अल्ट्रासाउंड के समान है। एक अल्ट्रासाउंड तकनीशियन गर्भवती महिला को लेटने के लिए कहता है। फिर वे पेट पर एक विशेष चिकनाई वाली जेली लगाते हैं। जेली घर्षण को रोकती है ताकि तकनीशियन अल्ट्रासाउंड ट्रांसड्यूसर को स्थानांतरित कर सके। यह एक ऐसा उपकरण है जो त्वचा पर ध्वनि तरंगें भेजता और प्राप्त करता है। जेली ध्वनि तरंगों को प्रसारित करने में भी मदद करती है।
ट्रांसड्यूसर आपके शरीर के माध्यम से उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगें भेजता है। ये वेव्स इको करती है जब वे किसी डेंस ऑब्जेक्ट से टकराती हैं जैसे कि अनबोर्न चाइल्ड हार्ट। इन इकोज को कंप्यूटर में परावर्तित किया जाता है। कान से सुनने के लिए ये वेव्स बहुत हाय होती हैं।
तकनीशियन बच्चे के दिल के विभिन्न हिस्सों की छवियों को प्राप्त करने के लिए पेट के चारों ओर ट्रांसड्यूसर को घुमाता है। प्रक्रिया के बाद, जेली को पेट से साफ कर दिया जाता है। इसके तुरंत बाद महिला घर जा सकती है और अपनी डेली एक्टिविटीज कर सकती है।
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ट्रांसवजायनल इकोकार्डियोग्राफी Transvaginal echocardiography
ट्रांसवजायनल इकोकार्डियोग्राफी के लिए कमर से नीचे तक कपड़े उतारने और टेबल पर लेटने के लिए कहा जाता है। एक तकनीशियन वजायना में एक छोटा सा प्रोब (Probe) डालेगा। यह प्रोब बच्चे के दिल की छवि बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है। एक ट्रांसवजायनल इकोकार्डियोग्राफी आमतौर पर गर्भावस्था के पहले चरणों में की जाती है। यह भ्रूण के हृदय की स्पष्ट छवि प्रदान कर सकती है।
क्या फीटल इकोकार्डियोग्राफी (Fetal Echocardiography) के साथ जोखिम भी हैं?
इकोकार्डियोग्राम से जुड़े कोई ज्ञात जोखिम नहीं हैं क्योंकि यह अल्ट्रासाउंड तकनीक का उपयोग करता है और इसमें रेडिएशन का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए गर्भवती महिला को इससे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होता है।
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फीटल इकोकार्डियोग्राफी (Fetal Echocardiography) का रिजल्ट
रिजल्ट नॉर्मल आने का मतलब है कि डॉक्टर को कोई कार्डिएक असमानता cardiac abnormality नहीं मिली है। अगर रिपोर्ट्स नॉर्मल नहीं आती हैं और हार्ट डिफेक्ट, रिदम एब्नॉर्मली जैसी किसी प्रकार की समस्या नजर आती है तो अन्य टेस्ट को करवाने की जरूरत हो सकती है। जैसे कि फीटल एमआरआई स्कैन (Fetal MRI Scan) या दूसरा हाय लेवल अल्ट्रासाउंड।
डॉक्टर या विशेषज्ञों के पास भी भेज सकता है अजन्मे बच्चे की स्थिति का इलाज कर सकते हैं। महिला को एक से अधिक बार इकोकार्डियोग्राफ करवाने की भी आवश्यकता हो सकती है। अगर डॉक्टर को अन्य किसी बात का संदेह लगता है तो वह अन्य टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि डॉक्टर हर स्थिति का निदान करने के लिए इकोकार्डियोग्राफी के परिणामों का उपयोग नहीं कर सकता है। कुछ समस्याएं, जैसे कि हृदय में छेद, उन्नत उपकरणों के साथ भी देखना मुश्किल है। डॉक्टर बताएंगे कि वे परीक्षण के परिणामों का उपयोग करके क्या निदान कर सकते हैं और क्या नहीं।
फीटल इकोकार्डियोग्राफी (Fetal Echocardiography) टेस्ट जरूरी क्यों है?
भ्रूण की इकोकार्डियोग्राफी का एब्नॉर्मल रिजल्ट अनिर्णायक हो सकते हैं या इसके लिए आवश्यक है कि महिला अन्य परीक्षण कराए ताकि पता चल सके कि क्या परेशानी है। एक बार जब आपका डॉक्टर किसी स्थिति का निदान कर लेता है, तो गर्भावस्था को बेहतर ढंग से प्रबंधित करना आसन हो सकता है और डिलिवरी की तैयारी अच्छी तरह की जा सकती है।
टेस्ट के रिजल्ट्स डॉक्टर को उन उपचारों की योजना बनाने में मदद करेंगे जिनकी प्रसव के बाद आपके बच्चे को आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि सुधारात्मक सर्जरी (Correctional surgery) या किसी प्रकार का ट्रीटमेंट प्लान। इसलिए डॉक्टर के कहने पर ये टेस्ट करवाना जरूरी हो जाता है। टेस्ट का रिजल्ट से घबराएं नहीं डॉक्टर आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।
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उम्मीद करते हैं कि आपको फीटल इकोकार्डियोग्राफी (Fetal Echocardiography) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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