यह तो थी इंफॉर्मेशन इस समस्या के लक्षणों के बारे में। अब जानते हैं कि हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) का ट्रीटमेंट कैसे होता है?
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हाइपोकैनेसिया का ट्रीटमेंट कैसे है संभव? (Treatment of Hypokinesia)
हाइपोकैनेसिया का कोई इलाज नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे ट्रीटमेंट विकल्प हैं जो इसके लक्षणों को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकते हैं। हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) को भी मैनेज किया जा सकता है। इन ट्रीटमेंट ऑप्शंस में कुछ दवाइयां, थेरेपी और एक प्रोसीजर शामिल है जिसे डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (Deep brain stimulation) कहा जाता है। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (Deep brain stimulation) में इलेक्ट्रोड्स को रोगी के ब्रेन में इम्प्लांट किया जाता है और छाती में एक जनरेटर के साथ इसे कनेक्ट किया जाता है। इस तरह से इलेक्ट्रिकल पल्सेस को ब्रेन में भेजा जाता है, जिससे लक्षणों से आराम मिलता है। पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) के रोगियों का इलाज, इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। अगर इसका कारण दवाईयां हैं, तो डॉक्टर रोगी को इन दवाईयों को बंद करने की सलाह दे सकते हैं।
अगर यह रोग अंडरलायिंग डिसऑर्डर के कारण है, तो इस कंडिशन के उपचार से हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) में सुधार हो सकता है। जीवनशैली में सुधार से भी इस समस्या के लक्षणों से राहत मिल सकती है। आइए, जानें इन विकल्पों के बारे में।
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes)
स्वस्थ जीवनशैली से संपूर्ण रूप से हेल्थ रहने में मदद मिलती है। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) के लिए जीवनशैली में सुधार हो सकता है। इसके लिए इन हेल्दी हैबिट्स को अपनाना न भूलें:
व्यायाम (Exercise)
एक्सरसाइज करने से बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार होता है और शरीर मजबूत बनता हैं। इसके साथ ही एक्सरसाइज करने से इमोशनल बेनिफिट्स भी होते हैं जैसे एंग्जायटी और डिप्रेशन में लाभ होता है। हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) से बचाव करने के लिए अपनी पसंद की किसी भी एक्सरसाइज का चुनाव करें जैसे स्विमिंग, गार्डनिंग, डांसिंग आदि। इसके लिए आपको फिजिकल थेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं।
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ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational therapy)
ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट आपको उन टेक्निक्स के बारे में बता सकते ,हैं जिससे आपकी रोजाना के जीवन की एक्टिविटीज आसान बन सके।