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Hypokinesia: मूवमेंट में समस्या का कारण हो सकता है हाइपोकैनेसिया का संकेत, पाएं जानकारी

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/03/2022

    Hypokinesia: मूवमेंट में समस्या का कारण हो सकता है हाइपोकैनेसिया का संकेत, पाएं जानकारी

    हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) उस समस्या को कहा जाता है, जिसमें रोगी उस तरह से मूवमेंट करने में असमर्थ रहता है, जिस तरह से उसे करना चाहिए। इसे अक्सर ब्रैडीकिनेशिया का हिस्सा माना जाता है, जो वो कंडिशन है, जिसमें रोगी के शरीर की मूवमेंट बहुत स्लो होती है। ब्रैडीकिनेशिया (Bradykinesia) में एकिनेशिया (Akinesia) भी शामिल है, जिसमे रोगी बिलकुल भी मूवमेंट करने में सक्षम नहीं होता है। संक्षेप में कहा जाए तो हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia), ब्रैडीकिनेशिया (Bradykinesia) और एकिनेशिया को एक ही ग्रुप में रखा जा सकता है। हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) को पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) और पर्किन्सोनिस्म का एक लक्षण भी माना जा सकता है। आइए, जानें इस समस्या के बारे में विस्तार से।

    हाइपोकैनेसिया के कारण क्या हैं? (Causes of Hypokinesia)

    हाइपोकैनेसिया जैसी परेशानी ब्रेन में डोपामाइन के लॉस के कारण होती है। अगर बात की जाए डोपामाइन की, तो यह एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो नर्व सेल्स को कम्यूनिकेट करने में मदद करता है। यह मोटर फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) का मुख्य कारण है और यह अन्य डिसऑर्डर्स का लक्षण भी हो सकती है। कुछ दवाईयां भी पर्किन्सोनिज्म का कारण हो सकती हैं। पर्किन्सोनिज्म (Parkinsonism) वो टर्म है जिसका इस्तेमाल उन मूवमेंट डिसऑर्डर्स को डिस्क्राइब करने के लिए किया जाता है, जो पार्किंसंस रोग के कई लक्षणों का कारण बनते हैं। पर्किन्सोनिज्म (Parkinsonism) के कारण इस प्रकार हैं:

  • एंटीसायकोटिक मेडिसिन्स (Antipsychotic medicines) जो डोपामिन एक्शन्स को ब्लॉक करती हैं।
  • अन्य दवाईयां जैसे मेटोक्लोप्रामाइड (Metoclopramide) और प्रोक्लोरपेराजाइन (Prochlorperazine)
  • हेड इंजरी (Head injury)  खासतौर पर रिपेटेड हेड इंजरीज
  • टॉक्सिन्स (Toxins) जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड और मेथनॉल
  • ब्रेन ट्यूमर (Brain tumors)
  • स्ट्रोक (Strokes)
  • अल्जाइमर डिजीज (Alzheimer disease)
  • वायरल इंसेफेलाइटिस (Viral encephalitis)
  • विल्सन डिजीज (Wilson disease)
  • इसके अलावा हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) के कुछ अन्य कारण भी हो सकती हैं। जानिए क्या हैं इसके लक्षण?

    और पढ़ें: Parkinson Disease: पार्किंसंस रोग क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार

    हाइपोकैनेसिया के लक्षण (Symptoms of Hypokinesia)

    हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) की समस्या ब्रैडीकिनेशिया (Bradykinesia) और एकिनेशिया (Akinesia) के साथ होती है। मोटर कंट्रोल ट्रबल के साथ प्रोब्लेम्स के साथ यह कॉम्बिनेशन कई नॉन-मोटर सिम्पटम्स के साथ हो सकता है। लक्षणों के ये कॉम्बिनेशन आमतौर पर पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) से जुड़े होते हैं। आइए, जानें इन लक्षणों के बारे में:

    मोटर सिम्पटम्स (Motor symptoms)

    इस समस्या में शरीर के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से अनयूजुअल मूवमेंट नोटिस की जा सकती है। यह कुछ पॉसिबिलिटीज इस प्रकार हैं:

    • फेस पर नॉन- एक्सप्रेसिव लुक (हायपोमिमिया)
    • ब्लिंकिंक का कम होना
    • आंखों में ब्लेंक स्टेयर
    • सॉफ्ट स्पीच के साथ इंफ्लेक्शन का लॉस
    • कंधे को सिकोड़ना और हाथ उठाने की गति का स्लो होना
    • धीमी गति से कंधे को सिकोड़ना और हाथ उठाना
    • अनकंट्रोल्ड शेकिंग
    • स्मॉल और स्लो हैंडराइटिंग
    • चलते हुए आर्म स्विंग का कम होना
    • शेविंग, ब्रशिंग टीथ जैसे काम करते हुए पुअर डेक्सटेरिटी
    • अपने पैरों की स्टम्पिंग या अपने पैर की उंगलियों को थपथपाते समय स्लो और स्मॉल मूवमेंट
    • कुर्सी से उठना, कार से बाहर निकलना जैसे कामों को करते हुए मुश्किल होना
    हाइपोकैनेसिया, Hypokinesia
    हाइपोकैनेसिया, Hypokinesia

    और पढ़ें: पार्किंसंस रोग के लिए फायदेमंद है डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS)

    नॉन -मोटर सिम्पटम्स (Non-motor symptoms)

    हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) के कारण नजर आने वाले मानसिक और शारीरिक लक्षण अक्सर हाइपोकिनेशिया और पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) के साथ आते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हैं:

  • मल्टी-टास्क और कंसन्ट्रेट करने की क्षमता का कम होना
  • सोचने में समस्या
  • मनोभ्रंश की शुरुआत
  • डिप्रेशन
  • एंग्जायटी
  • नींद का डिस्टर्ब होना
  • थकावट
  • खड़े होते हुए ब्लड प्रेशर का लो होना
  • कब्ज
  • अस्पष्ट दर्द होना
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • यह तो थी इंफॉर्मेशन इस समस्या के लक्षणों के बारे में। अब जानते हैं कि हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) का ट्रीटमेंट कैसे होता है?

    और पढ़ें: Dementia: डिमेंशिया (मनोभ्रंश) क्या है?

    हाइपोकैनेसिया का ट्रीटमेंट कैसे है संभव? (Treatment of Hypokinesia)

    हाइपोकैनेसिया का कोई इलाज नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे ट्रीटमेंट विकल्प हैं जो इसके लक्षणों को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकते हैं। हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) को भी मैनेज किया जा सकता है। इन ट्रीटमेंट ऑप्शंस में कुछ दवाइयां, थेरेपी और एक प्रोसीजर शामिल है जिसे डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (Deep brain stimulation) कहा जाता है। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (Deep brain stimulation) में इलेक्ट्रोड्स को रोगी के ब्रेन में इम्प्लांट किया जाता है और छाती में एक जनरेटर के साथ इसे कनेक्ट किया जाता है। इस तरह से इलेक्ट्रिकल पल्सेस को ब्रेन में भेजा जाता है, जिससे लक्षणों से आराम मिलता है। पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) के रोगियों का इलाज, इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। अगर इसका कारण दवाईयां हैं, तो डॉक्टर रोगी को इन दवाईयों को बंद करने की सलाह दे सकते हैं।

    अगर यह रोग अंडरलायिंग डिसऑर्डर के कारण है, तो इस कंडिशन के उपचार से हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) में सुधार हो सकता है। जीवनशैली में सुधार से भी इस समस्या के लक्षणों से राहत मिल सकती है। आइए, जानें इन विकल्पों के बारे में।

    जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes)

    स्वस्थ जीवनशैली से संपूर्ण रूप से हेल्थ रहने में मदद मिलती है। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) के लिए जीवनशैली में सुधार हो सकता है। इसके लिए इन हेल्दी हैबिट्स को अपनाना न भूलें:

    व्यायाम (Exercise)

    एक्सरसाइज करने से बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार होता है और शरीर मजबूत बनता हैं। इसके साथ ही एक्सरसाइज करने से इमोशनल बेनिफिट्स भी होते हैं जैसे एंग्जायटी और डिप्रेशन में लाभ होता है। हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) से बचाव करने के लिए अपनी पसंद की किसी भी एक्सरसाइज का चुनाव करें जैसे स्विमिंग, गार्डनिंग, डांसिंग आदि। इसके लिए आपको फिजिकल थेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं।

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    ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational therapy)

    ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट आपको उन टेक्निक्स के बारे में बता सकते ,हैं जिससे आपकी रोजाना के जीवन की एक्टिविटीज आसान बन  सके

    हेल्दी डायट (Healthy diet)

    हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) के लिए कोई खास डायट नहीं है। लेकिन, इसका एक साइड-इफेक्ट कॉन्स्टिपेशन हो सकती है। ऐसे में फाइबर युक्त आहार का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। यही नहीं, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की हाय अमाउंट युक्त खाद्य पदार्थ भी इस समस्या से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है। अपने लिए सही डायट के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से बात करें।

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    गिरने से बचे (Avoiding falls)

    अगर हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) की समस्या अधिक हो जाती है, तो रोगी अपना बैलेंस खो देता है और गिर जाता है। गिरने से बचने के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं:

    • अव्यवस्था को दूर करें और घर में ब्राइट लाइट की व्यवस्था करें।
    • बाथरूम और घर के अन्य जगहों में नॉन स्किड सरफेस का इस्तेमाल करें। ताकि आपके गिरने की संभावना कम हो।
    • वेस्टर्न टॉयलेट्स का इस्तेमाल करें। क्योंकि, इसका इस्तेमाल करना आसान होता है।
    • सपोर्टिव जूतों का प्रयोग करें।
    • जरूरत पड़ने पर केन और वॉकर्स को इस्तेमाल करें।
    • अपने फर्नीचर जैसे बेड की ऊंचाई कम रखें ताकि रोगी को उठने में आसानी हो।

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    यह तो थी जानकारी हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) के बारे में। इस समस्या का कोई उपचार नहीं है। लेकिन, इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। इसके अधिकतर लक्षणों को दवाईयों और अन्य थेरेपीज से सुधारा जा सकता है। इसके साथ ही रोगी के लिए जीवनशैली में स्वस्थ बदलाव करना भी जरूरी है। जीवनशैली में बदलाव से रोगी अपने जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिलती है और इसके साथ ही संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में भी मदद मिलती है। हर व्यक्ति के लिए हाइपोकैनेसिया (Hypokinesia) और पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) का अनुभव अलग हो सकता है। इसके बारे में अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।

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