मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य अगर ठीक ना हो तो कई बीमारियां बिन बुलाए गेस्ट की तरह ह्यूमन बॉडी को अपना आशियाना बना लेती है। हालांकि अगर आप मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग (Mental health and Heart disease) का आपस में तालमेल नहीं समझ रहें हैं, तो इसे समझना बेहद जरूरी है। क्योंकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organisation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत में मेंटल हेल्थ के शिकार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में मेंटल हेल्थ को स्वस्थ्य रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग (Mental health and Heart disease) से जुड़ी कई जानकारी शेयर करेंगे।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका एवं एशिया जैसे 17 अलग-अलग देशों में किये गए सर्वे में यह देखा गया कि लोगों के दिल की बीमारी का कारण मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) है। यह ध्यान रखें कि मेंटल हेल्थ (Mental health) की समस्या को प्रायः लोग इग्नोर कर देते हैं, जबकि यह एक ऐसी समस्या है जिसका इलाज कोई सर्जरी नहीं, बल्कि डॉक्टर से कंसल्टेशन कर एवं मानसिक समस्या से पीड़ित लोगों के साथ बात कर इससे बचा जा सकता है और हार्ट डिजीज (Heart disease) की स्थितियों से भी बचा जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग का आपस में क्या है कनेक्शन?
मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग के लक्षण क्या हैं?
मानसिक स्वास्थ्य के कारण हृदय रोग होने पर निदान कैसे किया जाता है?
मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग का इलाज कैसे किया जाता है?
मेंटल हेल्थ और हार्ट डिजीज से बचाव का क्या है विकल्प?
मेंटल हेल्थ के कारण हार्ट डिजीज (Heart disease due to mental health) से जुड़े इन सवालों का जवाब एक-एककर समझने की कोशिश करते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग का आपस में क्या है कनेक्शन? (Links between mental health and heart disease)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डिप्रेशन की समस्या से पीड़ित लोगों में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है। ऐसी स्थिति में अगर कोई व्यक्ति स्मोकिंग करता है या व्यक्ति को हाय कोलेस्ट्रॉल या हाय ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित है, ऐसी स्थिति में हार्ट डिजीज (Heart disease) का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
वहीं द डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ, स्टेट गवर्मेंट ऑफ विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया (the Department of Health, State Government of Victoria, Australia) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग का आपस में निम्नलिखित कारणों से तालमेल बताया गया है। जैसे:
डिप्रेशन (Depression) के कारण हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है।
डिप्रेशन अनहेल्दी लाइफ स्टाइल के कारण भी होने वाली समस्या है, जो धीरे-धीरे हार्ट डिजीज (Heart disease) का भी कारण बन सकती है।
हार्ट पेशेंट्स में डिप्रेशन की समस्या डायग्नोस की जा सकती है, जो हार्ट अटैक (Heart attack) का कारण बन सकते हैं।
एंग्जाइटी (Anxiety) के कारण भी हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।
अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार मेंटल स्ट्रेस की वजह से महिलाओं में कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य के कारण हृदय रोग होने पर निदान कैसे किया जाता है?
मेंटल हेल्थ के कारण हार्ट डिजीज की समस्या शुरू हो रही है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्टेशन करें। मेंटल हेल्थ का इलाज आसानी से किया जा सकता है अगर डॉक्टर से समय-समय पर कंसल्टेशन करें तो। इसके अलावा डॉक्टर निम्नलिखित तरह से मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग (Mental health and Heart disease) का निदान करते हैं। जैसे:
मेंटल हेल्थ के इलाज के लिए मेडिकेशन एवं आवश्यकता पड़ने पर सायकेट्रिस्ट से भी कंसल्टेशन की सलाह दी जा सकती है।
अगर मेंटल हेल्थ के कारण हार्ट डिजीज की समस्या शुरू हो गई है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं। इस दौरान डॉक्टर हार्ट डिजीज के अंतर्गत आने वाली अलग-अलग डिजीज को समझते हैं और फिर उस अनुसार इलाज शुरू करते हैं।
मेंटल हेल्थ और हार्ट डिजीज का इलाज क्या है? (Mental health and Heart disease treatment)
मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग का उपचार निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:
मानसिक स्वास्थ्य का इलाज (Mental health treatment):
सायकोलॉजिकल थेरिपी (Psychological therapy)- मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग के इलाज के लिए सायकोलॉजिकल थेरिपी के अंतर्गत आने वाले टॉकिंग थेरिपी (Talking therapy) की मदद से पेशेंट के स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। इस दौरान पेशेंट के नेगेटिव थॉट्स को अलग-अलग काउंसलिंग सेशन में समझकर उससे कैसे निकला जाए यह सलाह दी जाती है।
एंटीडिप्रेसेंट मेडिकेशन (Antidepressant medication)- आवश्यकता पड़ने पर एंटीडिप्रेसेंट मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए इन ऊपर बताये इलाज के विकल्प अपनाये जा सकते हैं। वहीं इसके साथ-साथ परिवार के सदस्यों को भी पेशेंट का विशेष ध्यान रखने की सलाह जाती है।
हृदय रोग का इलाज (Heart disease treatment):
हृदय रोग के इलाज के लिए हेल्थ कंडिशन (Health condition) एवं बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सीटी स्कैन (CT Scan), एमआरआई (MRI) या ईसीजी (ECG) जैसे अन्य हार्ट टेस्ट किये जा सकते हैं और फिर रिपोर्ट के आधार पर ट्रीटमेंट की जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग (Mental health and Heart disease) ना हो, इसलिए इससे जुड़ी किसी तरह की कोई जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप मेंटल हेल्थ और हार्ट डिजीज की समस्या से परेशान हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें। क्योंकि डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग (Mental health and Heart disease) का इलाज जल्द से जल्द शुरू करेंगे।
मेंटल हेल्थ और हार्ट डिजीज (Mental health and Heart disease) का खतरा ना हो ऐसे में क्या करना चाहिए एवं मेंटल हेल्थ (Mental Health) की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए खास जानकरी नीचे दिए इस वीडियो लिंक कर क्लिक कर समझें।
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