कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना अभी तक सभी लोगों के लिए जरूरी नहीं माना जा रहा था, लेकिन भारत के कई राज्यों में सभी व्यक्तियों के लिए मास्क पहनना जरूरी हो गया है। कोरोना महामारी शुरू होने पर डब्लूएचओ ने जारी किए गए निर्देश में कहा था कि सभी व्यक्तियों के लिए मास्क पहनना जरूरी नहीं है। मास्क की जरूरत सिर्फ कोरोना से संक्रमित लोगों को ही है। लेकिन देश के राज्यों की कुछ सरकारों ने घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने की अनिवार्यता को लागू कर दिया है। साथ ही जो लोग मास्क नहीं पहनेंगे, उनके लिए दंड का भी प्रावधान रखा गया है। आपके मन में ये बात जरूर होगी कि आखिर क्यों सभी व्यक्तियों के लिए मास्क की अनिवार्यता कर दी गई है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि मास्क सब के लिए जरूरी क्यों हो गया है और मास्क न होने पर क्या किया जा सकता है ?
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कोरोना से बचाव के लिए मास्क इन राज्यों में अनिवार्य
स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह है कि सभी लोगों को घर के बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनना चाहिए। साथ ही यूएस बेस्ड सीडीसी ने अपनी गाइडलाइन को चेंज कर मास्क की अनिवार्यता को लागू कर दिया है। जानिए भारत के किन राज्यों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में मास्क की अनिवार्यता
उत्तर प्रदेश के एडिशनल चीफ सैकेटरी अवनीश अवस्थी ने मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि जो भी लोग मास्क पहनकर बाहर नहीं निकलेंगे तो उनके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा।
दिल्ली में मास्क की अनिवार्यता
बुधवार को दिल्ली में भी मास्क को अनिवार्य कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों को जानकारी देते हुए कहा कि मास्क लगाने से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। दिल्ली में कोविड-19 के हॉट स्पॉट को सील किया जा चुका है। दिल्ली में संक्रमित व्यक्तियों की बहुत तेजी से बढ़ रही है। यहां एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
महाराष्ट्र में मास्क की अनिवार्यता
महाराष्ट्र में भी कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मास्क सभी व्यक्तियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही लोगों को ये भी चेतावनी दी गई है कि जो लोग पब्लिक प्लेस में मास्क नहीं पहनेंगे, उन पर सेक्शन 188 के तहत एक्शन लिया जाएगा। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या भी आग की तरह बढ़ रही है।
चंड़ीगढ़ में मास्क की अनिवार्यता
चंदीगढ़ में मंगलवार को ही सरकार की ओर से मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। यूनियन टेरिटरी एडवाइजर मनोज परीदा ने कहा कि कपड़े का मास्क या कोई भी मास्क फेस में लगाना अब जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि चंदीगढ़ पहली यूनियन टेरिटरी है, जहां मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
ओडीशा में मास्क की अनिवार्यता
ओडीशी की सरकार ने 9 अप्रैल से सुबह सात बजे से सभी लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। ओडीशा में आखिरी अपडेट तक 42 केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं।
कोरोना से बचाव के लिए मास्क क्यों हो चुका है जरूरी ?
कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे सभी देश परेशान हैं। कोरोना वायरस के नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस के साइलेंट कैरियर बीमारी को तेजी से फैला रहे हैं और ऐसे लोगों की पहचान कर पाना भी मुश्किल हो गया है। दुनिया भर में तेजी से बढ़ती कोरोना पेशेंट की संख्या को देखते हुए सीडीसी (CDC) ने सभी व्यक्तियों पब्लिक प्लेस में जाने पर मास्क पहनने की सलाह दी है। साथ ही एक्सपर्ट की ओर से सलाह भी दी जा रही है कि लोगों से दूरी बनाना फिलहाल मात्र विकल्प है। भारत में कोरोना वायरस फैलने पर मेडिकल स्टोर में अचानक से मास्क की कमी हो गई थी। फिलहाल ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जिनके पास अभी भी मास्क नहीं है। एक्सपर्ट के अनुसार मास्क न होने की स्थिति में होममेड मास्क का प्रयोग जरूर करें। भले ही होममेड मास्क बीमारी से बचाता नहीं है, लेकिन बीमार व्यक्ति अगर होममेड मास्क पहनता है तो अन्य व्यक्ति तक वायरस पहुंचने की संभावना कम हो जाती है।
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कोरोना से बचाव के लिए मास्क : साइलेंट कैरियर हैं खतरनाक
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति का पता जांच के बाद ही चलता है। व्यक्ति की जांच तब की जाती है, जब उसमे कोरोना के लक्षण दिखाई दें। जब व्यक्ति को लक्षण दिखाई देंगे, तभी वो मास्क भी पहनेगा। अगर संक्रमित व्यक्ति को लक्षण नहीं दिखाई देंगे तो वो मास्क भी नहीं पहनेगा। इस बात को समझने के लिए आपको दो शब्दों का मतलब समझना पड़ेगा। पहला प्रीसिम्टोमैटिक कंडीशन, जब किसी व्यक्ति को टेस्ट के दौरान किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ दिनों के बाद कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जबिक एसिम्टोमैटिक कंडीशन में व्यक्ति को कभी भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। अब ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना सबके लिए बहुत जरूरी हो गया है। मास्क पहनने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि मास्क पहनकर न तो आप किसी को संक्रमित कर सकते हैं और न ही संक्रमित व्यक्ति से आप तक संक्रमण पहुंच सकता है।
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फेस मास्क नहीं है तो क्या करना चाहिए ?
अगर आपके पास सूती कपड़ा या रुमाल है तो उसे आप मास्क न होने की अवस्था में यूज कर सकते हैं। सूती कपड़ा या रुमाल पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं लेकिन कुछ हद तक सुरक्षा जरूर प्रदान करते हैं। अगर आपके पास डिस्पोजल मास्क है तो उसे रोजाना भूलकर भी यूज न करें। डिस्पोजल मास्क को आठ घंटे यूज करने के बाद उसे डस्टबिन में फेंक दें। डिस्पोजल मास्क को धोने की भूल न करें। अगर आप कपड़े से बना मास्क यूज कर रहे हैं तो एक बार घर के अंदर आने पर उसे अच्छी तरह से धुलें। कपड़े के मास्क को धोने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें और फिर धूप में चार से पांच घंटे सुखाएं। एक बात ध्यान रखें कि घर में बनाया गया फेस मास्क किसी के साथ शेयर न करें। अपने चेहरे यानी मुहं और नाक को मास्क से अच्छी तरह से ढके।
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फेस मास्क यूज करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- फेस मास्क लगाने से पहले, अपने हाथों को एल्कोहॉल युक्त हैंड सैनिटाइजर या हैंड वॉश से साफ करें।
- अब फेस मास्क से मुंह और नाक को कवर करें। ध्यान रखें कि मुंह और फेस मास्क के बीच कोई गैप न हो।
- फेस मास्क लगाने के बाद बार-बार उसे छूने से बचें।
- फेस मास्क खराब होने पर तुरंत एक नया मास्क पहनें।
- एक फेस मास्क का इस्तेमाल सिर्फ एक ही व्यक्ति को करना चाहिए। घर के अन्य सदस्यों का किसी और के साथ इसे शेयर न करें।
- चेहरे से फेस मास्क हटाने के लिए कानों के पीछे फंसे फंदे को पकड़ कर इसे हटाएं।
- फेस मास्क को मुंह से सामने से न छुएं।
- डिस्पोजल मास्क को दोबारा यूज न करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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