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Corona virus: कोविड-19 कोरोना वायरस से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

Corona virus: कोविड-19 कोरोना वायरस से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

चीन में फैले हुए कोविड-19 कोरोना वायरस से अभी तक 800 से ज्यादा लोगों को वायरल निमोनिया प्रभावित कर चुका है। यह वायरस चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में 25 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चीन में कोरोना वायरस अभी तक 259 लोगों की जान ले चुका है। वहीं, 11,791 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि की जा चुकी है। हुबेई में कोरोना वायरस से 45 लोगों की जान जा चुकी है।

हालिया आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और जापान तक पहुंच चुका है। कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में दहशत फैल हुई है। भारत में नए आंकड़ों के मुताबिक, चीन से लौटे पांच लोगों में यह वायरस पाया गया है। इन पांच लोगों को चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। बचाव के एहतियात के तौर पर दो लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि चिंता का कोई तात्कालिक कारण नहीं है।

वैज्ञानिक, शोधकर्ता और डॉक्टर कोरोना वायरस पर अध्ययन कर रहे हैं, जिसे 2019-CoV के नाम से जाना जाता है। चूंकि, यह एक नया वायरस है, जिसकी पुष्टि पहले मनुष्यों में नहीं की गई है। इसकी वजह से कोरोना वायरस के इलाज करने के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

चीन या चीन से यात्रा वाले यात्रियों को काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य एवं पारिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि चीन से आने वाले यात्रियों में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आएं तो वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें। चलिए जानते हैं इसके बारे में।

कोविड-19 कोरोना वायरस क्या है?

कोविड-19 कोरोना वायरस, उन वायरसों का एक परिवार है, जो स्तनपाई और मनुष्यों के रेस्पिरेटरी ट्रैक पर हमला करते हैं। यह उपचार करने में आसान जैसे गले में खराश, फ्लू और बुखार से लेकर गंभीर मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) और गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS-CoV) का कारण बनता है। चीन के शहर वुहान को नोवल कोरोना वायरस फैलने का केंद्र माना जा रहा है। कोरोना वायरस दुनिया भर में फैल रहा है। नोवल कोरोना वायरस के सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (Severe Acute Respiratory Syndrome; SARS) के प्रकार का बताया जा रहा है। इस वायरस से ग्रसित लोगों को सामान्य जुकाम से लेकर रेस्पिरेटरी सिस्टम की गंभीर समस्या तक हो सकती है। ये वायरस जानलेवा है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को लेकर एजवाइजरी भी जारी की है। जिन व्यक्तियों को कार्डियोपल्मोनरी रोग ( cardiopulmonary disease) या कमजोर इम्युन सिस्टम है, उन वयस्कों, बूढ़ों और बच्चों में ये वायरस आसानी से प्रवेश कर जाता है। वायरस इंफेक्शन के लक्षण सर्दी-जुखाम का एहसास दिला सकते हैं।

कोरोना वायरस के क्या लक्षण हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, रेस्पिरेटरी की समस्या, खांसी, सूखी खांसी, जठरांत्र की समस्याएं, डायरिया और तेज बुखार संक्रमण के संपर्क में आने के लक्षण हैं। कोरोना वायरस इंफेक्शन होने पर व्यक्ति में निम्नलिखित कुछ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं:

  • छाती में इंफेक्शन होना
  • सिर दर्द की समस्या
  • खांसी के कारण परेशानी होना
  • गले में खराश महसूस होना (sore throat)
  • शरीर का टेम्परेचर बढ़ना
  • बीमार महसूस करना
  • अस्थमा के कारण सांस लेने में समस्या

कोरोना वायरस इंफेक्शन को डायग्नोस करने के लिए डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर रेस्पिरेट्री स्पेसीमेंस और सीरम (ब्लड का पार्ट) को जांच के लिए लैबोरेट्री भेजेंगे। अगर आपको पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है या MERS होने की आशंका है तो लैबोरेट्री टेस्ट जरूरी हो जाता है। अगर आपको उपरोक्त लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और फिर उन्हें अपने हाल ही की यात्राओं और जानवर से संपर्क के बारे में जानकारी दें। फिलहाल अरब प्रायद्वीप में ज्यादातर मामलें MERS-CoV इंफेक्शन के रिपोर्ट किए गए हैं।

लोगों में सर्दियों के समय संक्रमण अधिक पाया जाता है। सामान्य सर्दी लगने पर कुछ दिन बाद ठीक हो जाती है, लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाने पर ये महीनों नहीं सही होता है। अगर सही हो भी गया तो कुछ महीनों बाद फिर से समस्या हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर में कोरोना एंटीबॉडी लंबे समय तक नहीं रह पाते हैं। यहीं कारण है कि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को बीमारी की जकड़न से आराम नहीं मिल पाता है।

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कोविड-19 कोरोना वायरस में सावधानियां, जिन्हें आप अपना सकते हैं:

यदि आपने किसी प्रभावित देश की यात्रा की है और आपको ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। अपने फिजिशयन के साथ पूरी मेडिकल हिस्ट्री साझा करें। आपको यह सुनिश्चित करना है कि आप मानक एहतियात बरतें, जिसमें हाथों और रेस्पिरेटरी की उचित हाइजीन शामिल है:

  • सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें
  • अगर कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो एक मास्क को पहनकर रखें
  • खांसे और छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को ढक कर रखें।
  • रेस्पिरेटरी सिक्रेशन के संपर्क में आने के बाद हाथों को जरूर साफ करें।
  • सर्दी और फ्लू के लक्षण वाले किसी व्यक्ति के करीब जाने से बचें।
  • डॉक्टर कोरोना को लेकर जानकारी दे रहे हैं तो उसे ध्यान से सुने।

कोरोना वायरस से बचाव सावधानी रखने के बाद ही किया जा सकता है। इसके नए प्रकार पर वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। अगर आपको संक्रमण के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर किसी भी व्यक्ति को ये संक्रमण हो चुका है तो पूरी संभावना है कि आसपास के लोगों का इस संक्रमण से प्रभावित होने का खतरा ज्यादा रहता है। बेहतर होगा कि इंफेक्शन का पता चलते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ऐसे लोगों से संपर्क में आने से बचें।

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कोरोना वायरस से बचाव के कुछ अन्य उपाय

  • मेहनत वाला काम न करें और हो सके तो अधिक आराम करें।
  • खुद को हाइड्रेटेड रखें।
  • स्मोकिंग न करें और साथ ही ऐसे स्थान में न रहे जहां स्मोकिंग हो रही हो।
  • दर्द और बुखार को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन, आइबूप्रोफेन या नेप्रोक्सेन लें। बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिसिन न लें।
  • हवा साफ करने वाला ह्यूमिडिफायर (humidifier) या कूल मिस्ट वेपोराइजर का इस्तेमाल करें।
  • रेस्पिरेट्री फ्लूड्स जैसे कि नाक का म्युकस और ब्लड सैंपल को जांच के लिए लिया जा सकता है। उचित समय पर इसकी जांच कराना बेहद ही जरूरी है।

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अमेरिका में भी कोविड-19 कोरोना वायरस को लेकर चिंता

अमेरिकी प्रशासन ने अमेरिकी नागरिकों के लिए क्वारनटाइन (quarantine) (चिकित्सा जांच) अनिवार्य कर दी है। उन लोगों का क्वारनटाइन किया जाएगा, जिन्होंने पिछले 14 दिनों में हुबेई प्रांत का दौरा किया था। इसके अतिरिक्त, ट्रंप सरकार ने उन सभी विदेशी नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनसे कोरोना वायरस फैलने का खतरा है। अमेरिका में कोरोना वायरस को एक जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करते हुए ट्रंप प्रशासन ने यह बात कही। अमेरिकी हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस के सेक्रेटरी एलेक्स अजार ने कहा, ‘पिछले 14 दिनों में चीन के हुबेई प्रांत का दौरा करने वाले अमेरिकी नागरिकों को 14 दिनों के लिए चिकित्सा निगरानी में रखा जाएगा। इस दौरान उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल और हेल्थ स्क्रीनिंग मुहैया कराई जाएगी।’

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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

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डिस्क्लेमर

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Current Version

03/06/2020

Written by डॉ. अनीता मैथ्यू

Updated by: Shikha Patel


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Written by

डॉ. अनीता मैथ्यू

फैमिली मेडिसिन · Fortis Hospital, Mulund


अपडेटेड 03/06/2020

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