कोरोना महामारी से आए दिन केसेज की संख्या बढ़ रही है। कोरोना की पहली लहर में जिन लोगों को संक्रमण हुआ था, वो 10 से 14 दिन में ठीक हो जाते थे लेकिन दूसरी लहर में मृत्यु दर अधिक बढ़ गई है। ये इंफेक्शन तेजी से लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम लोग इस इंफेक्शन को जितना मामूली समझ रहे थे, ऐसा बिल्कुल नहीं है। ये न केवल अधिक उम्र के लोगों की जान ले रहा है, बल्कि सभी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है। भारत में फिलहाल स्थिति बहुत भयावह दिखाई दे रही है। आज हम आपको कोरोना के कारण डायबिटीज के बढ़ने वाले रिस्क के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। कोरोना डायबिटीज (Covid-19 with diabetes) के खतरे को बढ़ाने का काम कर रहा है।
किंग्स कॉलेज लंदन में डायबिटीज,ओबेसिटी एंड मेटाबॉलिज्म पत्रिका में पब्लिश 2020 की स्टडी के अनुसार, ‘कोविड-19 के पशेंट में करीब 14 फीसदी लोगों में डायबिटीज की समस्या पाई गई है। कोविड-19 से डायबिटीज (Covid-19 and diabetes) या मधुमेह का खतरा बढ़ रहा है। साथ ही कोरोना की दूसरी लहर में लोगों में पाए जाने वाले लक्षणों में भी परिवर्तन हुए हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कुछ लोगों पर की गई स्टडी में ये बात सामने आ रही है। जानिए कोरोना की दूसरी लहर किन समस्याओं को जन्म दे रही है।
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कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) में हो रहे हैं ये बदलाव
केरला स्टेट के कोविड टास्कफोर्स के डॉक्टर ए फतहुद्दीन के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। कोरोना का नया वेरिएंट्स संक्रमण के लक्षणों को बदल रहा है। कोरोना महामारी में लंग्स और डायबिटीज की समस्या के साथ ही लोगों को हार्ट की समस्या से भी जुझना पड़ रहा है। लोगों में डायरिया के लक्षण के साथ ही स्किन संबंधित परेशानियां भी देखने को मिल रही है। अगर ये कहा जाए कि कोरोना महामारी के कारण अन्य बीमारियां भी शरीर पर बुरा असर डाल रही हैं, तो गलत नहीं होगा। जानिए कैसे कोरोना के कारण लोगों को डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कोविड सेकेंड वेव में कोरोना से डायबिटीज का अधिक खतरा (Covid-19 and diabetes)
कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) ने लोगों की मुश्किलों को दोगुनी तेजी से बढ़ा दिया है। कोरोना न सिर्फ शरीर में इंफेक्शन फैलाकर बीमार बना रहा है बल्कि ये अन्य बीमारियों का कारण भी बन रहा है। हाल ही में हुई स्टडी में ये बात सामने आई है कि कोरोना से डायबिटीज (Covid-19 and diabetes) का खतरा बढ़ रहा है। पिछले कुछ महीनों में डायबिटीज के पेशेंट्स में वृद्दि देखने को मिली है। महामारी के दौरान कई लोगों में अपने शरीर में कई परिवर्तन महसूस किए हैं। करीब आठ स्टडी में 3700 से ज्यादा कोविड पेशेंट्स को शामिल किया गया और सर्वे किया गया। अमेरिका में हुई स्टडी में ये बात सामने आई की कुछ पेशेंट में करीब 14 प्रतिशत लोगों में डायबिटीज का विकास पाया गया। यूके और चाइना में भी करीब 40 हजार लोगों को शामिल कर स्टडी की गई। जिन लोगों में डायबिटीज विकसित हुई थी, उनको पहले कभी भी इस बीमारी की शिकायत नहीं हुई थी।
कोरोना के इंफेक्शन से ऊबरने में 14 दिनों का समय लगता है और पेशेंट को कई दिनों तक शरीर में थकान और कमजोरी का एहसास होता है। कुछ लोगों में कोरोना के इंफेक्शन के बाद कई कॉम्प्लीकेशन भी देखने को मिले हैं। अभी ये बात सामने नहीं आई है कि कोरोना का लंबे समय तक प्रभाव डायबिटीज का कारण (Covid-19 and diabetes) बन रहा है या फिर माइल्ड इंफेक्शन। साइटिस्ट और डॉक्टर्स ये बात मान रहे हैं कि कोविड-19 शरीर में प्रवेश करने के बाद इंसुलिन और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को खराब करने का कारण (Ability to cause insulin and glucose metabolism malfunctioning) बनता है और यही कारण डायबिटीज को जन्म देता है। अगर ये कहा जाए कि कोविड-19 के लिए डायबिटीज बड़ा रिस्क फैक्टर बन चुका है, तो गलत नहीं होगा। जानकारों के मुताबिक पोस्ट कोविड डायबिटीज (Post-COVID-diabetes) के मामलें अधिक चिंताजनक हो सकते हैं और ये कॉम्प्लीकेशन खड़ा कर सकते हैं।
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ऐसा बढ़ जाता है कोरोना से डायबिटीज का खतरा (Covid-19 and diabetes)
कोरोना का इंफेक्शन शरीर की इम्यूनिटी को कम करता है। वायरस आपके अग्न्याशय ( Pancreas ) को कैसे प्रभावित करता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि वायरस ACE2 रिसेप्टर्स के साथ किस तरह से संपर्क करता है। कोरोना का वायरस ACE2 रिसेप्टर्स से इंटरेक्ट करता है और वाइटल ऑर्गन पर अटैक करता है। ये वायरस पैंक्रियाज की कार्यप्रणाली में समस्याएं पैदा करता है। कई मामलों में साइटोकिन स्टॉर्म को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। वायरल इंफेक्शन के कारण घातक साइटोकिन्स का प्रोडक्शन बढ़ जाता है और ये टिशू के साथ ही ऑर्गन्स पर भी हमला करता है। इस कारण से ऑर्गन ठीक प्रकार से काम नहीं कर पाते हैं और ग्लूकोज लेवल भी नॉर्मल नहीं रह पाता है।
कई मामलों में इंसुलिन रेग्युलशन डैमेज हो जाता है, जो डायबिटीज का कारण या मधुमेह की वजह (Covid-19 and diabetes) बन जाता है। वैसे अभी भी कोविड-19 और डायबिटीज के बीच संबंध के बारे में अधिक जानकारी की जरूरत है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि जो लोग कोरोना के इंफेक्शन से उबरे हैं, उन्हें अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। अगर ऐसा किया जाए, तो शुरुआती बीमारी से निजार पाने में मदद मिल सकती है। अगर आप लक्षणों पर ध्यान नहीं देंगे, तो ये अधिक बढ़ जाएगा और ऐसे में बीमारी को ठीक करने में या नियंत्रित करने में अधिक समय लग सकता है। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों में नए लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में आपको अधिक सावधान रहने की जरूर है। आपको इंफेक्शन के लक्षणों को मामुली नहीं समझना चाहिए।
कोविड-19 ठीक हुए पेशेंट में टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज को ट्रिगर कर सकता है। इंफेक्शन दौरान दी जाने वाली दवाएं जैसे कि स्टेरॉयड ड्रग (steroid) भी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है, तो आपको अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। अगर आपको इंफेक्शन से ठीक होने के बाद डायबिटीज के लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं।
अगर आप पहले से ही डायबिटीज के पेशेंट हैं, तो ऐसे में आपको अधिक सावधान रहने की जरूरत है। आपको समय-समय पर अपना शुगर लेवल चेक करवाना चाहिए और खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए। आप चाहे तो डॉक्टर से जरूरी डोज के बारे में जानकारी ले सकते हैं। आपको खाने में अधिक फाइबर के साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से आप बीमारी को नियंत्रण में रख सकते हैं। दवाइयों का समय पर सेवन जरूर करें।
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हो जाए कोरोना का संक्रमण, तो याद रखें ये बातें
कोरोना से बचने के लिए आप मास्क पहनने के साथ ही अन्य सावधानियों की भी जरूरत है। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे, तो संक्रमित होने के बाद आप जल्द रिकवर हो सकते हैं। जानिए कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण सावधानियों के बारे में।
- पैनिक होने से आपको बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए घबराएं नहीं।
- घबराने से ब्रीथ पैटर्न में चेंज आने लगता है। आपको चिंता के कारण सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है।
- डॉक्टर आपको ऐसी कंडीशन में सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट, चेस्ट का सीटी स्कैन और डी-डायमर कराने की सलाह दे सकते हैं।
- केवल 6 प्रतिशत लोगों को ही हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है जबकि 94 प्रतिशत लोगों में कोविड के हल्के लक्षण ही दिखाई पड़ते हैं।
- अगर आपका टेस्ट पॉजिटिव आया है, तो बिना घबराएं अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- अगर आप घबरा जाएंगे, तो बीमारी आप पर हावी हो जाएगी और अन्य समस्याएं आपको घेर लेंगी।
- आपको पता होना चाहिए कि कोरोना की दवाएं लेने से शरीर में कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं।
- खाने में नमक और शुगर कम कर दें।
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- आपको खाने में एंटीऑक्सीडेंट्स फ्रूट्स जैसे कि किवी, पपीता, ऑरेंज आदि सेवन करना चाहिए।
- पानी की शरीर में बिल्कुल भी कमी न होने दें। करीब 2.5 से 4.5 लीटर पानी जरूर पिएं।
- आपको प्रणायाम करने से भी बहुत आराम मिलेगा। दिन में दो से तीन बार दस मिनट के लिए प्रणायाम करें।
- आप घर के अंदर भी रोजाना दस मिनट के लिए टहल सकते हैं।
- दिन में दो बार स्टीम जरूर लें।
- दिन में चार बार से ज्यादा डोलो या क्रोसीन की खुराक न लें।
- आप चाहे तो विटामिन बी, सी और जिंक सप्लिमेंट की खुराक दिन में एक बार ले सकते हैं।
अगर आप पेन किलर जैसे कि आइबोप्रोफेन (Ibuprofen) का अधिक सेवन कर रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लेनी चाहिए क्योंकि ये दवाएं कोरोना के इंफेक्शन को बढ़ाने का काम कर सकती है। आपको बुरी आदतों जैसे कि स्मोकिंग करना, शराब का सेवन आदि से पूरी तरह से दूरी बना लेनी चाहिए। ये आपके शरीर को अधिक नुकसान पहुंचाने का काम करती है और साथ ही प्रतिरोधक क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। कुछ सावधानियों का ध्यान रख आप बड़ी समस्या से बच सकते हैं।
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आप कोरोना वायरस के लक्षण आपको दिखते हैं, तो तुरंत टेस्ट कराएं और खुद को आइसोलेट कर लें ताकि बीमारी अन्य तक न पहुंचा। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर राय लें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा और उपचार प्रदान नहीं करता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।