
कोरोना वायरस का इंफेक्शन कोविड- 19 को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने देश में लॉकडाउन का ऐलान कर रखा है। इस बीच न किसी को एक जगह से दूसरी जगह जाने की अनुमति है और न ही अधिकतर परिवहन सेवा को जारी रखने की अनुमति है। ऐसे में सिर्फ आवश्यक सेवाओं के जारी रहने की अनुमति है। इस घोषणा की वजह से देश के अस्पताल, दवा कंपनी और लैब समेत कई इंडस्ट्री लड़खड़ा गई हैं। जिससे SARS-CoV-2 से लड़ने की शक्ति भी कम हो गई है। लेकिन, इस मुश्किल समय में दुनिया की सबसे बड़ी डाक सेवा यानी भारतीय डाक सेवा जीवन रक्षक बनकर उभरी है, आइए जानते हैं कैसे।
यह भी पढ़ें: गांजे से कोरोना वायरस: गांजा/बीड़ी/सिगरेट पीने वालों को कोरोना से ज्यादा खतरा
भारतीय डाक सेवा का काम क्या है?
भारतीय डाक सेवा दुनिया की सबसे बड़ी डाक सेवा है, जो कि रोजाना देश के अलग-अलग कोने में मौजूद डाकघरों के बीच संपर्क या आदान-प्रदान का माध्यम बनती है। भारतीय डाक के जरिए न सिर्फ लैटर्स और पैकेज की डिलीवरी होती है, बल्कि यह लाखों भारतीय नागरिकों के लिए एक बैंक, पेंशन फंड और बचत करने का मुख्य माध्यम है। लेकिन, लॉकडाउन शुरू होने से कुछ घंटे पहले हुई घोषणा के कारण अस्पताल, दवा कंपनी और लैब आदि का संपर्क टूट गया, जिससे कोविड- 19 इंफेक्शन के वर्तमान संकट का सामना करने में मुश्किलें आने लगी।
यह भी पढ़ें: कोरोना के खिलाफ भारत के एक्शन पर WHO ने की वाहवाही
अस्पताल, दवा कंपनियों और लैब को कैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा?
इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (आईडीएमए) के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर, अशोक कुमार मदन ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को बताया कि, ‘आमतौर पर हम ग्राहकों को उत्पाद भेजने के लिए कुरियर सर्विस पर निर्भर करते हैं, लेकिन फिलहाल उनमें से कोई भी कंपनी जवाब नहीं दे रही थी, क्योंकि हो सकता है कि उनके पास शासन से अनुमति न हो या डिलीवरी करने के लिए कर्मचारी न हों। इन उत्पादों में अधिकतर दिल की बीमारी या कैंसर से जुड़ी दवाएं थी।’ उन्होंने आगे बताया कि, ‘इसके बाद मुझे भारतीय डाक की उत्तर प्रदेश इकाई के सीनियर सुप्रीटेंडेंट अशोक ओझा का फोन आया। जिसके बाद हमारी मुश्किलें कम हो गई।’
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस के इलाज में प्रभावी हो सकती है रेमडेसिवीर दवा, जानें इसके बारे में
इंडियन पोस्टल सर्विस कैसे बनी जीवन रक्षक?
आपको बता दें कि इंडियन पोस्टल सर्विस उन कुछ आवश्यक सेवाओं में शामिल है, जिन्हें कोविड- 19 की वजह से होने वाले लॉकडाउन के दौरान देश में बिना रोक-टोक सामान्य रूप से आवाजाही करने की अनुमति प्रदान है। अशोक ओझा ने अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को बताया कि, ‘हमें लगा हम उनकी मदद कर सकते हैं, क्योंकि इस दौरान भी हमारी सप्लाई चेन बरकरार है। इससे मार्केट में दवाई की सप्लाई बरकरार रहेगी और नागरिकों या अस्पतालों को इलाज करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।’ गौरतलब है कि, भारतीय डाक ने पहले ही गुजरात में आईडीएमए के साथ साझेदारी की हुई है, ताकि दवाइयां और जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जा सके।
यह भी पढ़ें: कोविड-19: दिन रात इलाज में लगे एक तिहाई मेडिकल स्टाफ को हुई इंसोम्निया की बीमारी
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी साथ दे रहा है इंडियन पोस्ट
लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की माइक्रोबायोलॉजिस्ट, डॉ. उज्ज्ला घोषाल ने कहा कि, ‘जब लॉकडाउन की वजह से ट्रांसपोर्ट रुक जाने के कारण कोविड- 19 टेस्टिंग किट का एक बैच 550 किलोमीटर दूर दिल्ली में अटक गया था तो उन्होंने अशोक ओझा से संपर्क साधा। क्योंकि, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा कि, किट लेने के लिए हमें किसी को दिल्ली भेजना पड़ेगा, क्योंकि जिस कुरियर सर्विस को वह इस्तेमाल करते हैं वह लॉकडाउन की वजह से कार्य नहीं कर रही है।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘इस मुश्किल समय में भारतीय डाक ने मदद करते हुए इंस्टीट्यूट जाकर किट उठाई और किसी पोस्ट ऑफिस छोड़ने की बजाय सीधा उनके पास पहुंचा दिया, वो भी रिक्वेस्ट करने के सिर्फ एक दिन बाद ही।’
यह भी पढ़ें: चेहरे के जरिए हो सकता है इंफेक्शन, कोरोना से बचने के लिए चेहरा न छूना
इसी तरह कई कंपनी या इंस्टीट्यूट ने भारतीय डाक से मदद मांगी, जिसे जीवन रक्षक भारतीय डाक सेवा ने पूरा भी किया। अशोक ओझा ने बताया कि, जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, तब से डाक सेवा जीवन रक्षक दवाओं के साथ कोविड- 19 टेस्ट किट्स, एन-95 मास्क और वेंटिलेटर आदि की डिलीवरी कर रही है और बड़े शहर और राज्यों तक दवा और इक्विपमेंट्स पहुंचाने के लिए लाल पोस्टल वैन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
1,435,453
917,568
32,771
कोरोना वायरस के भारत में मरीज (How many cases of coronavirus in India?)
भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 16 अप्रैल 2020 को सुबह 8 बजे तक देश में 10477 कोरोना वायरस इंफेक्शन से संक्रमित मरीजों की पहचान कर ली गई है। जिसमें से 1488 का इलाज करने के बाद छुट्टी दे दी गई है, वहीं 414 लोगों की जान जा चुकी है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक भारत में संक्रमित मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में हो गई है, जहां 2916 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके बाद दिल्ली 1578 मामले और तमिलनाडु 1242 केस का नंबर आता है।
यह भी पढ़ें: Lockdown 2.0- भारत में 3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, 20 अप्रैल के बाद सशर्त मिल सकती है छूट
कोरोना वायरस से सावधानी
भारतीय डाक सेवा की मदद के अलावा कोरोना वायरस इंफेक्शन से बचने के लिए भारत सरकार द्वारा लोगों के लिए दी गई कुछ सलाह के बारे में जानते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के साथ इन एहतियात रूपी सलाह को फॉलो करने से आप कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं। कोरोन से बचाव के लिए ये करें..
- कोरोना से बचने के लिए हाथों की सफाई करना न भूलें।
- घर के बाहर बिना मतलब के न निकलें।
- मुंह में हाथ लगाने से बचें।
- मास्क का प्रयोग घर से बाहर निकलते समय जरूर करें।
- कोरोना के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
- कोरोना वायरस से अवेयरनेस के लिए सरकारी की ओर से जारी गाइडलाइन अवश्य देखें।
- कपड़े के मास्क को धुल कर ही दोबारा यूज करें।
- घर में सब्जियां लाएं तो बिना धुलें फ्रिज में न रखें।
- सैनिटाइजर का प्रयोग रोजाना करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
और पढ़ें :-
कोरोना के दौरान सोशल डिस्टेंस ही सबसे पहला बचाव का तरीका
कोविड-19 है जानलेवा बीमारी लेकिन मरीज के रहते हैं बचने के चांसेज, खेलें क्विज
ताली, थाली, घंटी, शंख की ध्वनि और कोरोना वायरस का क्या कनेक्शन? जानें वाइब्रेशन के फायदे
कोराना के संक्रमण से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोना है जरूरी, लेकिन स्किन की करें देखभाल
हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है