backup og meta

Mother's Day: जानिए लॉकडाउन के दौरान कैसे बच्चे कर रहे हैं अपनी मदर्स की हेल्प ?

Mother's Day: जानिए लॉकडाउन के दौरान कैसे बच्चे कर रहे हैं अपनी मदर्स की हेल्प ?

उसके होंठो पर कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक मां है जो कभी खफा नहीं होती…मुनव्वर राना की इन पंक्तियों को सुनकर दिल को इत्मिनान मिलता है। मां के बारे में सोचने पर यही महसूस होता है कि भले ही बच्चा कितनी भी गलती क्यों न कर लें, मां डांटती है, फटकारती है लेकिन कभी भी बच्चे को दिल से बद्दुआ नहीं देती है। मां के बारे में आपने भी ये एहसास जरूर किया होगा। दुनियाभर में मई में मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। वैसे तो हर साल लोग मदर्स डे के दिन अपनी मां को स्पेशल फील कराने के लिए कुछ न कुछ खास करते हैं। इस साल कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन चल रहा है। सभी लोग घरों के अंदर बंद हैं। घर को संभालने के लिए मां की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ गई है। इसी कारण से मदर्स डे सेलिब्रेशन का तरीका इस बार कुछ बदला सा नजर आ रहा है। हैलो स्वास्थ्य ने ऐसे कुछ लोगों से बात की जो फिलहाल अपनी मां के साथ लॉकडाउन में एंजॉय कर रहे हैं और साथ ही लॉकडाउन के दौरान मदर्स की हेल्प ही उनकी प्राथमिकता है। आप ऐसे बच्चों के बारे में पढ़ें और हो सके तो लॉकडाउन में अपनी मां की हेल्प जरूर करें।

और पढ़ें :Lockdown 3.0 : दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया लॉकडाउन, जानिए किन शर्तों के साथ शुरू होगा तीसरा लॉकडाउन

लॉकडाउन के दौरान मदर्स की हेल्प: एक समय की जिम्मेदारी मेरी

नोएडा की रहने वाली हाउस वाइफ मीनू अवस्थी का बेटा आनंद प्राइवेट जॉब करते हैं। जब आनंद से हैलौ स्वास्थ्य ने इस बार मदर्स डे स्पेशल के बारे में पूछा तो आनंद ने कहा कि ‘ कोरोना महामारी के कारण इस वक्त पूरी दुनिया परेशान है। ये सच है कि हम सभी लोग फिलहाल एक बड़ी चिंता में जी रहे हैं लेकिन मदर्स डे को कैसे भूल सकते हैं। मैं मदर्स डे को स्पेशल बनाने के लिए किसी एक दिन को नहीं चुन रहा हूं। पिछले एक महीने मैं वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूं। मां दिनभर काम में लगी रहती हैं। मां के काम को कम करने के लिए मैं रोजाना शाम का खाना बनाता हूं। मैंने मां को कहा कि सुबह वो खाना बनाएंगी और रात को मैं। ऐसा करने से मां का काम कम हो गया है और साथ ही उन्हें मेरे हाथों का बना खाना भी पसंद आ रहा है। मुझे लगता है कि मेरा ये कदम मेरी मां के लिए खास है।

और पढ़ें :ब्रेकअप के मानसिक तनाव से बचने के लिए जानें ब्रेकअप करने के 6 वजह

लॉकडाउन के दौरान मदर्स की हेल्प: पूरी हेल्प करती है बेटी

वैसे मां की हेल्प करने के लिए बच्चों की उम्र मायने रखती है या फिर नहीं, इस बारे में कहना मुश्किल है। जब हैलो स्वास्थ्य ने दिल्ली की रहने वाली सुनिधि अग्रवाल से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि ‘ अभी मेरी बेटी आराध्या पांच साल ही है और लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद होने की वजह से वो परेशान भी है। परेशानी की मुख्य वजह है फैंड्स के साथ न खेल पाना। लेकिन आराध्या काम में मेरी हेल्प कर रही है। अब उसने अपने खिलौनों को खुद संभाल कर रखना सीख लिया है। पहले मैं रोजाना घर में बिखरे खिलौने समेटती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ता है। साथ ही आराध्या अपने कपड़ों को भी संभालकर रखना सीख गई है। सुनिधि कहती हैं कि लॉकडाउन के दौरान मदर्स की हेल्प का शायद ये सबसे अच्छा उदाहरण है। बच्चों को अपनी चीजों की केयर करना सीखना चाहिए। इससे मां की भी हेल्प भी हो जाती है और बच्चे भी जिम्मेदार हो जाते हैं। वहींघर में ही दोस्ती के तौर पर ही ले लीजिए मां-बच्चे में अच्छी बांडिंग बन जाती है।

[covid_19]

और पढ़ें :मैटरनिटी लीव एक्ट (मातृत्व अवकाश) से जुड़ी सभी जानकारी और नियम

लॉकडाउन में मां की हेल्प : क्वालिटी टाइम है जरूरी

लखनऊ के रहने वाले उत्तम शर्मा फिलहाल वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि मां को स्पेशल फील कराने के लिए वो क्या कर रहे हैं तो उत्तम कहते हैं कि मैं दिल्ली में काम करता हूं, लेकिन लॉकडाउन के कारण से मां के पास हूं। ये मेरे लिए मां की हेल्प करने का बहुत अच्छा मौका है। मैं घर के काम में मां की हेल्प करता हूं और साथ ही मां के साथ क्वालिटी टाइम भी स्पेंड करता हूं। अभी मुझे मां के हाथ का बना खाना मिल रहा है और मैं घर की सफाई करके मां की हेल्प कर रहा हूं। मैं घर में रहने वाले उन बच्चों से कहना चाहता हूं कि लॉकडाउन के दौरान मदर्स की हेल्प कर मदर्स डे सेलीब्रेट करें। ये सबसे अच्छा मौका है अपनी मां के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का।

[mc4wp_form id=’183492″]

और पढ़ें :कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी है फायदेमंद, तन और मन दोनों होंगे फिट

लॉकडाउन के दौरान मदर्स की हेल्प : किसी खास दिन का नहीं है इंतजार

मुंबई में काम करने वाली तृप्ती शर्मा से जब मदर्स डे स्पेशल के बारे में बात की गई तो तृप्ति कहती हैं कि मदर्स डे सेलीब्रेट करने के लिए मैं एक दिन का इंतजार नहीं कर रही हूं। फिलहाल कोरोना महामारी के कारण सभी लोग बहुत परेशान हैं। मेरी मम्मी भी बहुत परेशान हैं। अभी मैं अपनी मम्मी की देखरेख कर रही हूं और कोशिश कर रही हूं कि वो ज्यादा काम न करें। मैं घर में हूं तो मेरी पूरी कोशिश है कि मम्मी को किसी भी तरह की दिक्कत न हो और उन्हें ज्यादा काम न करना पड़े। मम्मी मेरे लिए कुछ न कुछ स्पेशल जरूर बनाती हैं। मुझे भी मम्मी की पसंदीदा डिश के बारे में पता है और मैं समय मिलने पर कुकिंग करती हूं। मेरे लिए मई का महीना पूरी तरह से मेरी मां के नाम है।

हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है। अगर आपको कोविड-19 के  लक्षण  नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। लॉकडाउन का पूर्ण रूप से पालन करें। घर के बाहर जाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मुंह में मास्क लगाएं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

As parents learn to deal with work and children during the lockdown, new relationship dimensions emerge :https://www.hindustantimes.com/pune-news/as-parents-learn-to-deal-with-work-and-children-during-the-lockdown-new-relationship-dimensions-emerge/story-spmIMdyEEnNCIAUsg6gaQK.html: (Accessed on 2/5/2020)

Effective tips for parents to keep children engaged in lockdown:https://timesofindia.indiatimes.com/videos/education/effective-tips-for-parents-to-keep-children-engaged-in-lockdown/videoshow/75619173.cms:(Accessed on 2/5/2020)

Games, social service and family bonding: How lockdown has changed life for parents and kids in Theni:https://citizenmatters.in/traditional-games-and-social-service-how-lockdown-changed-life-in-theni-17535:(Accessed on 2/5/2020)

 

Current Version

26/05/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Satish singh


संबंधित पोस्ट

कोरोना वायरस का L-Strain क्या है जो भारत के कई क्षेत्रों को धीरे-धीरे बना रहा वुहान

कोरोना वायरस का ड्रग : क्या सिर की जूं (लीख) की दवाई आइवरमेक्टिन कोविड-19 को खत्म कर सकती है?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/05/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement