backup og meta
खोज
स्वास्थ्य उपकरण
बचाना

लॉकडाउन में स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर पड़ रहा है असर, जानिए

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

लॉकडाउन में स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर पड़ रहा है असर, जानिए

देशभर में कोरोना वायरस महामारी के कारण 22 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस लोगों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। दुनियाभर के कई देशों में सुरक्षा की दृष्टि से लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन की वजह ज्यादातर देशों में स्कूल को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से कुछ ही समय में बहुत सी चीजें बदल गई है। बच्चे घर में अकेलापन अधिक महसूस कर रहे हैं। यूनिसेफ ने हाल ही में ऐसी जानकारी दी है, जिसे पढ़कर आश्चर्य हो सकता है। जी हां ! यूनिसेफ ने जानकारी दी है कि लॉकडाउन का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। दुनिया में नए साल के आते ही कोरोना महामारी फैलनी शुरू हो गई थी। करीब तीन महीने से कुछ देशों के बच्चे घर में बंद हैं। लॉकडाउन की वजह से स्कूल जाने की मनाही है। ऐसे में बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। अगर आपको लॉकडाउन में बच्चों की मेंटल हेल्थ पड़ने वाले असर की जानकारी चाहिए तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें।

ये भी पढ़ेंः नोवल कोरोना वायरस संक्रमणः बीते 100 दिनों में बदल गई पूरी दुनिया

लॉकडाउन में बच्चों की मेंटल हेल्थ के बारे में क्या कहा यूनिसेफ ने ?

यूनिसेफ ( द यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रन्स फंड) के अनुसार करीब 1.5 बिलियन बच्चे और यंग लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर लॉकडाउन का असर पड़ रहा है। लॉकडाउन करीब 188 देशों के लोगों को प्रभावित कर रहा है। यूनिसेफ के अनुसार अगर ग्लोबल स्टूडेंट्स की बात की जाए तो करीब 90 प्रतिशत बच्चों पर स्कूल बंद होने के कारण नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। लॉकडाउन में बच्चों की मेंटल हेल्थ प्रभावित हो रही है जिसके कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और मानसिक तनाव पैदा हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में भी बढ़त हुई है, जिसके कारण बच्चों की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो रही है।

ये भी पढ़ेंः कोरोना के पेशेंट को क्यों पड़ती है वेंटिलेटर की जरूरत, जानते हैं तो खेलें क्विज

 स्टडी में मिली लॉकडाउन में बच्चों की मेंटल हेल्थ के बारे में जानकारी

मेंटल हेल्थ चैरिटी यंग माइंड्स की ओर से एक स्टडी में 2111 लोगों को शामिल किया गया था।स्टडी में शामिल किए गए लोगों की उम्र 25 साल से कम थी। स्टडी के दौरान करीब 83 परसेंट लोगों ने ये बात मानी कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। जबकि 26 परसेंट लोगों ने ये बात मानी कि मानसिक समस्या होने पर किसी भी तरह की सहायता उन्हें नहीं मिली। ऐसा कोरोना महामारी फैलने के कारण हो रहा है। बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव न पड़े, इसलिए स्कूल की ओर से ऑनलाइन क्लासेस ली जा रही हैं, ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार से समस्या महसूस न हो।

ये भी पढ़ेंः सोशल डिस्टेंसिंग को नजरअंदाज करने से भुगतना पड़ेगा खतरनाक अंजाम

लॉकडाउन से मेंटल हेल्थ पर असर: पेरेंट्स अपनाएं ये तरीके

लॉकडाउन के दौरान बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर न पड़े, इसके लिए पेरेंट्स को ही ध्यान रखने की जरूरत है। बेहतर होगा कि आप स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चों का रोजाना का शेड्यूल तय करें। बच्चों को बोरियत महसूस न हो, इसलिए आप उन्हें रोजाना कि तरह जल्दी जगाएं और फिर सुबह जल्दी रेडी करके ऑनलाइन स्टडी या फिर सेल्फ स्टडी करने के लिए कहें। अगर बच्चे को ऑनलाइन स्टडी के दौरान होमवर्क मिल रहा है तो रोजाना उसे पूरा भी कराएं। बच्चों के खेलने का समय भी तय करें। बच्चों के साथ आप भी क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। अगर टीनएज है तो उससे रोजाना जरूरी बाते शेयर करने के लिए कहें। अगर रोजाना शेड्यूल तय नहीं करेंगे तो वाकई बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। बच्चे दिनभर घर पर रहते हैं तो घर का माहौल भी अच्छा होना बहुत जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि बड़े बच्चों के सामने कभी बहस न करें।

बच्चों को रोजाना के जरूरी कामों के बारे में भी जानकारी दें। घर में चीजों को कैसे व्यवस्थित रखा जाता है, इस बारे में बच्चों को जरूर बताएं ताकि वो घर में समान न फैलाएं। अगर घर में बुजुर्ग हैं तो बच्चों को उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का पूरा मौका दें। ऐसा करने से बच्चों का दिन आसानी से गुजरेगा और उन्हें किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी। अगर बच्चों को कोई दिक्कत होगी तो आसानी से उसे शेयर भी कर सकेंगे। बच्चों को कोरोना वायरस महामारी के बारे में भी बताएं। उन्हें लॉकडाउन का मतलब भी समझाएं। उन्हें बताएं कि ये कुछ समय की समस्या है।

ये भी पढ़ेंः डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जारी किए ये दिशानिर्देश

लॉकडाउन में परिवार का रखें ख्याल

लॉकडाउन के वक्त खुद का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। अगर घर में किसी भी व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षण नजर आ रहे हो तो बेहतर होगा कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही इन बातों का ध्यान भी रखें।

  1. अगर आपको कुछ दिनों से तबियत सही नहीं लग रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 
  2. अगर आप मास्क लगा रहे हैं तो पहले एल्कोहॉल बेस्ड हैंड रब या फिर साबुन से हाथों की सफाई करें।
  3. कोरोना का वायरस नाक और मुंह से प्रवेश करता है, इसलिए जरूरी है कि हाथों को मुंह में बार-बार न लगाएं।
  4.  मास्क को दोबारा इस्तेमाल में ना लाएं। कपड़े का मास्क यूज करने के बाद जरूर धो लें और फिर उसे यूज करें।
  5. मास्क को पीछे से हटाएं और उसे इस्तेमाल करने के बाद आगे से न छूएं।
  6. इस्तेमाल के बाद मास्क को तुरंत एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।
  7. घर में बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखें।
  8. कोरोना वायरस से अवेयरनेस बहुत जरूरी है। सावधानी ही कोरोना से बचाव कर सकती है।
  9. कोरोना के कारण दुनिया में तेजी से बदलाव आया है। अब हम सभी को कुछ बातों का ध्यान रख जीवन यापन करना होगा।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

और पढ़ें :-

ताली, थाली, घंटी, शंख की ध्वनि और कोरोना वायरस का क्या कनेक्शन? जानें वाइब्रेशन के फायदे

कोरोना के दौरान सोशल डिस्टेंस ही सबसे पहला बचाव का तरीका

कोविड-19 है जानलेवा बीमारी लेकिन मरीज के रहते हैं बचने के चांसेज, खेलें क्विज

कोराना के संक्रमण से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोना है जरूरी, लेकिन स्किन की करें देखभाल

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement