उसके होंठो पर कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक मां है जो कभी खफा नहीं होती…मुनव्वर राना की इन पंक्तियों को सुनकर दिल को इत्मिनान मिलता है। मां के बारे में सोचने पर यही महसूस होता है कि भले ही बच्चा कितनी भी गलती क्यों न कर लें, मां डांटती है, फटकारती है लेकिन कभी भी बच्चे को दिल से बद्दुआ नहीं देती है। मां के बारे में आपने भी ये एहसास जरूर किया होगा। दुनियाभर में मई में मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। वैसे तो हर साल लोग मदर्स डे के दिन अपनी मां को स्पेशल फील कराने के लिए कुछ न कुछ खास करते हैं। इस साल कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन चल रहा है। सभी लोग घरों के अंदर बंद हैं। घर को संभालने के लिए मां की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ गई है। इसी कारण से मदर्स डे सेलिब्रेशन का तरीका इस बार कुछ बदला सा नजर आ रहा है। हैलो स्वास्थ्य ने ऐसे कुछ लोगों से बात की जो फिलहाल अपनी मां के साथ लॉकडाउन में एंजॉय कर रहे हैं और साथ ही लॉकडाउन के दौरान मदर्स की हेल्प ही उनकी प्राथमिकता है। आप ऐसे बच्चों के बारे में पढ़ें और हो सके तो लॉकडाउन में अपनी मां की हेल्प जरूर करें।